Aao Ke Kare Baate Sarkar E Do Aalam Ki NAAT LYRICS

AAO KE KARE BAATE SARKAR E DO AALAM KI NAAT LYRICS

 

Aao ke kare baate sarkar e do aalam ki
Miljul kar pade naate sarkare e do aalam ki

Azaab ke jurmut me ek noore e mubi dekho
Kya shan he kya baate sarkar e do aalam ki

Ummat ki khatao par ro ro ro duya karna
Guzri hai yu hi raate sarkar e do aalam ki

Ek din to hamid apni kismat yu sawar jaye
Taiba mein padhu naate sarkar e do aalam ki.

 

 

 

 

☞❦ Aaj Ki Baat ❦☜

•┈┈┈┈••✦✿✦••┈┈┈┈•

🍃_ Baaz Awqaat Har Baat Per Muskurane Wale Ko Log Paagal Samajhte Hai’n Aur Har Waqt Khamosh Rehne Wale Ko Buzdil maana Jata Hai _ ”
“__ Duniya Ek Esi Aari Ki Tarah Hai Jo Dono Taraf se Kaat ti hai, Sahab !! _,”

 

🍃__ बाज़ औका़त हर बात पर मुस्कुराने वाले को लोग पागल समझते हैं और हर वक़्त खामोश रहने वाले को बुजदिल माना जाता है, दुनिया एक ऐसी आरी की तरह है जो दोनों तरफ से काटती है, साहब !! _,

•┈┈┈┈••✦✿✦••┈┈┈┈•

 

🔮🎊🔮🎊🔮🎊🔮🎊🔮🎊

_ 🌹AAJ KI SCHCHI BAAT 🌹 _

❈•───────❈───────•❈

_ 🌹👉🏻 NaRaazGi KucH DeR CHuP ReHKaR MiTa Liya KaRo…!_

_ 💎👉🏻 GaLTiyoN PaR BaaT KaRNe Se RisHTe ULaJH JaTe HaiN…!! _

🔮🎊🔮🎊🔮🎊🔮🎊🔮🎊

 

═❥❥• 💚 D̝I̝L̝ K̝I̝ B̝A̝A̝T 💚̝═❥❥

•─━━━══════━━━─•

KHUSHI INSAAN KO ITNA NAHI SIKHATI

JITNA GHAM SIKHATA HAIN

•─━━━━━━━━━━━━━─•

 

بِسْمِ ﷲِالرَّحْمٰنِ الرَّحِيْم​ِ
•‍━•••◆◉💠◉◆•••‍━━•
سلسلہ اعمال قــــرآنی

✅ حضرت جنید بغدادیؒ

☑ ایک مرتبہ ایک شخص نے جلیل القدر ولی حضرت جنید بغدادیؒ کے پاس دو ماہ قیام فرمایا, ایک دن وہ رخصتی کا ارادہ کر ہی رہا تھا کہ حضرت جنید بغدادیؒ حسب عادت اس کے کمرے⛺ میں تشریف لے گئے اور اس کے لئے سامان رخصت باندھ رہے تھے, یہ شخص بڑا حیران ہوا کہ یہ کس قدر عجیب متواضع اور منکسر المزاج لوگ ہیں کہ اتنے بڑی شہرت کے اور بڑے مرتبے کے باوجود میری خدمت میں مصروف کار ہیں, رخصتی کے وقت حضرت جنید بغدادیؒ نے پوچھا کہ کس لئے آنا ہوا تھا اس نے کہا میں نے سنا تھا کہ آپ بہت بڑے ولی اور صاحب کرامت بزرگ ہیں مگر میں نے یہاں کوئی بزرگی نہیں دیکھی, حضرت جنید بغدادیؒ نے پوچھا کہ کیا آپ نے کوئی خلاف سنت عمل بھی دیکھا ہے, اس نے کہا نہیں, اس پر فرمایا یہی بزرگی اور اصلی کرامت ہے کہ ہمارا کوئی عمل سنت کے خلاف نہ ہو

•‍━━━•••◆◉💠◉◆•••‍━━━•

اَللّٰهُمَّ صَلِِّ عَلٰى مُحَمَّدٍ ۞َ وَ عَلٰى آلِ مُحَمَّدٍ ۞ كَمَا صَلَّيْتَ عَلٰى اِبْرَاهِيْمَ ۞ وَعَلٰى آلِ اِبْرَاهِيْمَ ۞ اِنَّكَ حَمِيْدٌ مَّجِيْدٌ اَللّٰهُمَّ بَارِكَ عَلٰى مُحَمَّدٍ ۞ وَ عَلٰى آلِ مُحَمَّدٍ ۞ كَمَا بَارَكْتَ عَلٰى اِبرَاهِيْمَ ۞ وَعَلٰى آلِ اِبْرَاهَيْمَ ۞ اِنَّكَ حَمِيدٌ مَّجِيد
•‍━━━•••◆◉💠◉◆•••‍━━━•

 

★ 【 नमाज़ हर मुसलमान मर्द औरत पर फर्ज है 】 ★

रुकूअ के तअल्लुक से जरूरी मसाइल

( 363 )【 मस’अला 】रुकूअ में तीन ( 3 ) मरतबा सुब्हाना-रब्बीयल-अज़ीम कहना सुन्नत है तीन मरतबा से कम कहने में सुन्नत अदा न होगी और पांच मरतबा कहना मुस्तहब है

( 364 )【 मस’अला 】रुकूअ़ में सुब्हाना रब्बीयल कि अज़ीम और अजीम के मा’नो अर्थ में बहुत बड़ा फर्क है इस फ़र्क को समजे:

▪सुब्हाना रब्बीयल – अज़ीम — पाक है मेरा रब जो बुज़ुर्ग महान हैं

▪अज़ीम – बड़ा बुजुर्ग अज़मत वाला कला वगेरह होते है

▪अजीम के मा’ना गुंगा'( जो बोल न सके ) होते है
लिहाजा अल्लाह तआला के लिए अजीम लफ्ज़ शब्द की निस्बत करना सख्त मना है

 

 

दोस्तो ऐसे मसाइल खूब सेर करते जाए किया पता किस की नमाज़ सही हो जाय और उसका सवाब आप को मिले,

इन्शा अल्लाह पोस्ट जारी रहे गा

#इमामबुख़ारीऔरराफ़ज़ीखबीस

इमाम बुख़ारी अलैहिर्रहमा वो अज़ीम हस्ती हैं जिन्होंने तक़रीबन 2 लाख अहादीस से बिल्कुल सही अहादीस निकालकर बुख़ारी शरीफ को तरतीब दिया ,
जिसमें तक़रीबन 7000 के क़रीब रिवायतें नक़ल कीं , और हर हर हदीस लिखने से पहले ग़ुस्ल करते , 2 रकअत नमाज़ नफ़्ल खाना ए काबा के सामने अदा करते ,
इस तरह इस किताब #बुख़ारी को तरतीब देने में 14000 के क़रीब नफ़्ल अदा किए ,
इतना अदब ओ एहतिराम के सबब ही शायद अल्लाह करीम ने बुख़ारी शरीफ को ऐसी मक़बूलियत बख्शी की इसको क़ुरान के बाद दूसरे दर्जे की किताब में शुमार किया जाने लगा ,
और आप हदीस के लिखने , सुनने और उसकी तहक़ीक़ के बारे में इतना एहतियात फरमाते की एक मर्तबा आप पानी के जहाज़ पर सफर कर रहे थे ,
आपके पास तक़रीबन 2000 दीनार ( इस वक़्त के 20 लाख के क़रीब ) थे , एक और मुसाफ़िर जो कि चोर था उसको जब इसका पता चला तो उसने सोचा कि कैसे भी करके इस माल को हासिल करना है ,
कुछ ही देर में उसने हल्ला मचा दिया कि मेरे इतने दीनार किसी ने चुरा लिए हैं , और ऐसी ऐसी थैली में रखे थे ,
पूरे जहाज़ पर सबकी तलाशी और सामान की तलाशी ली गई , किसी के पास दीनार न मिले ,
जहाजरान ने उस शख्स को बहुत डांटा की तू झूठा है अगर तेरा माल होता तो ज़रूर किसी के पास मिलता ,

बहरहाल जब मामला ठंडा हुआ तो वो इमाम साहब के पास आकर पूछने लगा ,
“हज़रत साहब मैंने खुद आपके पास थैली देखी थी और उसमें दीनार भी देखे थे मैंने इसीलए हल्ला किया कि किसी और को ये बात मालूम नहीं है अगर मैं हल्ला करूँगा तो माल मुझे मिल जाएगा , और आपको चोर साबित कर दूंगा , मगर आपके पास अब वो दीनार या थैली नहीं है आपने उसका क्या किया”?
इमाम साहब ने फ़रमाया ,
“बेशक वो थैली और दीनार मेरे पास थे और मेरे थे मगर जैसे ही तूने झूट बोलकर हल्ला मचाया मैं समझ गया कि तेरी नज़र इन दीनार पर है , मैंने फौरन वो थैली समंदर में फेंक दी , इस डर से नहीं कि मैं चोर साबित गो जाऊंगा या दीनार मुझसे ले लिए जाएंगे क्योंकि अगर दीनार का लालच होता तो समंदर में नहीं फेंकता , और तू मुझे चोर भी साबित नहीं कर सकता था क्योंकि मैं जिससे थैली लाया था जिसने मुझे दीनार दिए थे सबकी गवाही मैं दिलवा देता ,
मसला ये था कि अगर वो थैली मेरे पास से बरामद हो जाती तो भले ही तू झूठा है , मगर आने वाले दौर में लोग ये कहते कि इस शख्स पर चोरी का इल्जाम लँग था , और मेरी बयान करदा रिवायत पर उनका एतमाद खत्म हो जाता ,
लोग तरह तरह की जिरह करते , जबकि मैंने पूरी ज़िंदगी हदीसे मुस्तफा अलैहिस्सलाम को जमा करने में सर्फ कर दी ,
लोग कहते इसकी बयान करदा रिवायत की कोई हैसियत नहीं कि इस पर चोरी का इल्जाम था ,

बहरहाल ये वाक़्यात बयान करने का मक़सद ये था कि इमाम साहब ने किस कदर एहतियात से अहादीस की हिफाज़त की ,

मगर राफ़ज़ी बदबख्त , इमाम साहब के बारे में कहता है ( उन्होंने बादशाहों के डर से रिवायतें लिखी हैं , बादशाहों के डर से अहले बैत से रिवायतें नहीं लीं ,)
इमाम साहब की इतनी मेहनत , इतने एहतियात , को ये राफ़ज़ी तफ़ज़ीलि बदबख्त अपनी गन्दी ज़बान चलाकर रायगां करने की कोशिश करता है ,
हालांकि इमाम साहब ने एक एक रिवायत के लिए एक एक महीने का सफर किया है ऊंट की पीठ पर बैठकर ,
आपको जब पता चलता कि किसी के पास कोई रिवायत है तो फौरन उससे सुनने को चल देते ,

राफ़ज़ी ज़लील खबीस मुता की नस्ल कितना भी अपना सर फोड़ ले , मगर जिसको अल्लाह ने बलन्दी अता की है उसको पस्त नहीं कर सकता ,
ये इमाम साहब की खुलूस ओ लिल्लाहियत का ही समरा है जो क़यामत तक के लिए उनका नाम सुनहरे अल्फ़ाज़ में लिखा जाएगा

मलफूज़ाते फ़ैज़ बरेलवी

Leave a Reply