Har Ek Dil Me Karbala Basa Diya Hussain Ne Lyrics
Har Ek Dil Me Karbala Basa Diya Hussain Ne Lyrics
ہر ایک دل میں کربلا بسادیا حسین نے
نظر نہ آتا تھا خدا دکھا دیا حسین نے
हर एक दिल में करबला बसा दिया हुसैन ने
नज़र न आता था ख़ुदा दिखा दिया हुसैन ने
Har Ek Dil Me Karbala Basa Diya Hussain Ne
Nazar Na Aata Tha Khuda Dikha Diya Hussain Ne
وہ نور ہے تو خاک ہے بشر تری بساط کیا
بنا کے خاک کو شفا دکھا دیا حسین نے
वोह नूर है तू ख़ाक़ है बशर तेरी बिसात क्या
बना के ख़ाक़ को शिफ़ा दिखा दिया हुसैन ने
Woh Noor Hai Tu Khaaq Hai Bashar Teri Bisaat Kya
Bana Ke Khaaq Ko Shifa Dikha Diya Hussain Ne
ہر ایک دل میں کربلا بسادیا حسین نے
نظر نہ آتا تھا خدا دکھا دیا حسین نے
हर एक दिल में करबला बसा दिया हुसैन ने
नज़र न आता था ख़ुदा दिखा दिया हुसैन ने
Har Ek Dil Me Karbala Basa Diya Hussain Ne
Nazar Na Aata Tha Khuda Dikha Diya Hussain Ne
علی کا یہ بھی شیر ہے یہ تیر سے مرے گا کیا
پسر کو ہاتھ پے اٹھا ہنسا دیا حسین نے
अली का ये भी शेर है ये तीर से मरेगा क्या
पिसर को हाथ पे उठा हसा दिया हुसैन ने
Ali Ka Ye Bhi Sher Hai Ye Teer Se Marega Kya
Pisar Ko Haath Pe Utha Hasa Diya Hussain Ne
ہر ایک دل میں کربلا بسادیا حسین نے
نظر نہ آتا تھا خدا دکھا دیا حسین نے
हर एक दिल में करबला बसा दिया हुसैन ने
नज़र न आता था ख़ुदा दिखा दिया हुसैन ने
Har Ek Dil Me Karbala Basa Diya Hussain Ne
Nazar Na Aata Tha Khuda Dikha Diya Hussain Ne
🔖पोस्ट न.2⃣0⃣
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
⚔सवानहे कर्बला⚔
🗡🗡शहादत के वाक़ीआत🗡🗡
❖┈═┈❖┈═┈┈═┈❖┈═┈❖
🌹हज़रते इमामे हुसैन की कूफा को रवानगी 2⃣
*राह में हज़रते इमामे आली मक़ाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ को कुफियो की बद अहदी और हज़रते मुस्लिम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की शहादत की खबर मिल गई। उस वक़्त आप की जमाअत में मुख़्तलिफ़ राए हुई और एक मर्तबा आप ने वापसी का क़स्द ज़ाहिर फ़रमाया लेकिन बहुत गुफ्तगू के बाद ये राए पाई की सफर जारी रखा जाए और वापसी का ख्याल तर्क किया जाए।*
*🥀हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने भी इस मशवरे से इत्तिफ़ाक़ किया और क़ाफ़िला आगे चल दिया यहाँ तक की जब कूफा दो मन्ज़िल रह गया तब आप को हर बिन यज़ीद रियाही मिला, उसके साथ इब्ने ज़ियाद के 1000 हथियार बंद सुवार थे, हर ने हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की जानिब में अर्ज़ किया की इस को इब्ने ज़ियाद ने आप की तरफ भेज है और हुक्म दिया है की आप को उस के पास ले चले, हर ने ये भी ज़ाहिर किया की वो मजबुराना बादिले न ख्वास्ता आया है और उस को आप की खिदमत में जुरअत बहुत न पसन्द व नागवार है।*
बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻧﺸﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ
सवानहे कर्बला, 130📚
🔖पोस्ट न.2⃣1⃣
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
⚔सवानहे कर्बला⚔
🗡🗡शहादत के वाक़ीआत🗡🗡
❖┈═┈❖┈═┈┈═┈❖┈═┈❖
🌹हज़रते इमामे हुसैन की कूफा को रवानगी 2⃣
*🌸हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने हर से फ़रमाया की में इस शहर में खुद न आया बल्कि मुझे बुलाने के लिये अहले कूफा के मुतवातिर पयाम गए और लगातार नामे पहुचते रहे। ऐ अहले कूफा ! अगर तुम अपने अहद व बैअत पर क़ाइम हो और तुम्हे अपनी ज़बानों का कुछ पास हो तो तुम्हारे शहर में दाखिल होउ वरना यही से वापस जाऊ। हर ने क़सम खा कर कहा की हम को इस का कुछ इल्म नही की आप के पास इल्तिजा नामे और क़ासिद भेजे गए और में न आप को छोड़ सकता हु और न वापस हो सकता हु।*
*❤हुर के दिल में खानदाने नुबुव्वत और अहले बैत की अज़मत ज़रूर थी लेकिन वो इब्ने ज़ियाद के हुक्म से मजबूर था और उस को ये अन्देशा भी था की वो अगर हज़रते इमाम के साथ कोई मराआत करे तो इब्ने ज़ियाद पर ये बात ज़ाहिर हो कर रहेगी की हज़ार सुवार साथ है, ऐसी सूरत में किसी बात का छुपाना मुमकिन नही और अगर इब्ने ज़ियाद को मालुम हुवा की हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के साथ ज़रा भी ज़रुगुज़ाश्त की गई है तो वो निहायत सख्ती के साथ पेश आएगा। इस अंदेशे और ख्याल से हर अपनी बात पर अड़ा रहा यहाँ तक की हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ को कूफा की राह से हट कर कर्बला में नुज़ूल फरमान पड़ा।*
बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻧﺸﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ
सवानहे कर्बला, 130📚
🔖पोस्ट न.2⃣2⃣
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
⚔सवानहे कर्बला⚔
🗡🗡शहादत के वाक़ीआत🗡🗡
❖┈═┈❖┈═┈┈═┈❖┈═┈❖
🌹हज़रते इमामे हुसैन की कूफा को रवानगी 3⃣
*ये मुहर्रम सी. 61 ही. की दूसरी तारीख थी। आप ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने इस मक़ाम का नाम दरयाफ़्त किया तो मालुम हुवा की इस जगह को कर्बला कहते है। हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ कर्बला से वाकिफ थे और आप को मालुम था की कर्बला ही वो जगह है जहा अहले बैते रिसालत को राहे हक़ में अपने खून की नदिया बहानी होगी।*
1
*आप ने इन्ही दिनों में हुज़ूर ﷺ की ज़ियारत हुई, हुज़ूर ﷺ ने आप को शहादत की खबर दी और आप के सिनए मुबारक पर दस्ते अक़दस रख कर दुआ फ़रमाई :*
ﺍَﻟﻠّٰﻬُﻢَّ ﺍَﻋْﻂِ ﺍﻟْﺤُﺴَﻴْﻦَ ﺻَﺒْﺮًﺍ ﻭَﺍَﺧْﺮًﺍ
आज़िब वक़्त है के सुल्ताने दारैन के नुरे नज़र को सदहा तमन्नाओ से मेहमान बना कर बुलाया है, अर्जियों और दरख्वास्तो के तुमार लगा दिए है,
बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻧﺸﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ
सवानहे कर्बला, 131📚
🔖पोस्ट न.2⃣3⃣
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
⚔सवानहे कर्बला⚔
1
*_🗡🗡शहादत के वाक़ीआत🗡🗡_*
❖┈═┈❖┈═┈┈═┈❖┈═┈❖
🌹हज़रते इमामे हुसैन की कूफा को रवानगी 3⃣
*क़ासिदो और पयामो की रोज़ मर्रा डाक लग गई है। अहले कूफा रातो को अपने मकानों में इमाम की तशरीफ़ आवरी ख्वाब में देखते है और ख़ुशी से फुले नही समाते, जमाअते मुद्दतो रक सुब्ह से शाम तक हिजाज़ की सड़क पर बैठ कर इमाम की आमद का इन्तिज़ार किया करती है और शाम को दिल मगमुम वापस जाती है लेकिन जब वो करीम मेहमान अपने करम से इन की ज़मीन में तशरीफ़ लाते है तो इन ही कुफियो का मुसल्लह लश्कर सामने आता है और न शहर में दाखिल होने देता है न अपने वतन ही को वापस तशरीफ़ ले जाने पर राज़ी होता है।*
*यहाँ तक की इस मोअज़्ज़ज़् मेहमान को व अपने अहले बैत को खुले मैदान में रखते इक़ामत डालना पड़ता है और दुष्मनाने हया को गैरत नही आती। दुन्या में ऐसे मोअज़्ज़ज़् मेहमान के साथ ऐसी बे हमिय्यति का सुलूक कभी न हुवा होगा जो कुफियो ने हज़रते इमाम के साथ किया।*
बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻧﺸﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ
सवानहे कर्बला, 131📚
🔖पोस्ट न.2⃣4⃣
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
⚔सवानहे कर्बला⚔
1
*_🗡🗡शहादत के वाक़ीआत🗡🗡_*
❖┈═┈❖┈═┈┈═┈❖┈═┈❖
🌹हज़रते इमामे हुसैन की कूफा को रवानगी 4⃣
*यहाँ तो मुसाफिराने बे वतन का सामान बे तरतीब पड़ा है और उधर हज़ार सुवार का मुसल्लह लश्कर मुक़ाबला खैमाज़न है जो अपने मेहमानो को नेज़ो की नोकें और तलवारो की धारो दिखा रहा है और बजाए आदाबे मेज़बानी के खुँख्वारि पर तुला हुवा है। दरियाए फुरात के क़रीब दोनों लश्कर थे और दरियाए फुरात का पानी दोनों लशकरो में से किसी को सैराब न कर सका।*
*🌹 इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के लश्कर को तो इस का एक क़तरा पहुचना ही मुश्किल हो गया और यज़ीदी लश्कर जितने आते गए इन सब को अहले बैते रिसालत के बे गुनाह खून की प्यास बढ़ती गई। आबे फुरात से इन की तिशनगी में कोई फर्क न आया।*
बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻧﺸﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ
सवानहे कर्बला, 132📚
🔖पोस्ट न.2⃣5⃣
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
⚔सवानहे कर्बला⚔
1
*_🗡🗡शहादत के वाक़ीआत🗡🗡_*
❖┈═┈❖┈═┈┈═┈❖┈═┈❖
🌹हज़रते इमामे हुसैन की कूफा को रवानगी 4⃣
*अभी इत्मीनान से बैठने और थकान दूर करने की सूरत भी नज़र न आई थी की हज़रते इमामﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की खिदमत में इब्ने ज़ियाद का एक मकतूब पंहुचा जिस में उसने हज़रते इमाम से यज़ीदे नापाक की बैअत तलब की थी। हज़रते इमामﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने वो खत पढ़ कर डाल दिया और क़ासिद से कहा मेरे पास इस का कुछ जवाब नही।*
1
*“`यज़ीद की बैअत को कोई भी वाकिफ हाल दीनदार आदमी गवारा नही कर सकता था न वो बैअत किसी तरह जाइज़ थी। इमाम को इन बे हयाओ की इस जुरअत पर हैरत थी और इसी लिये आप ने फ़रमाया की मेरे पास इसका कुछ जवाब नही है। इससे इब्ने ज़ियाद का तैश और ज़्यादा हो गया और उस ने मज़ीद असाकिर व अफवाज तरतीब दिये और इन लशकरो का सिपह सालार उमर बीन साद को बनाया जो उस ज़माने में मुल्के रै का गवर्नर था। रै खुरासान का एक शहर है जो आज कल ईरान माँ दारुस्सलतन्त है और इस को तेहरान कहते है।*“`
बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻧﺸﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ
सवानहे कर्बला, 132📚
*_🔖पोस्ट न.2⃣6⃣_*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 *🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ**_⚔सवानहे कर्बला⚔_* *_🗡🗡शहादत के वाक़ीआत🗡🗡_**❖┈═┈❖┈═┈┈═┈❖┈═┈❖**_🌹हज़रते इमामे हुसैन की कूफा को रवानगी_* 5⃣*“`सब के सब हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की अज़मत व फ़ज़ीलत को खूब जानते पहचानते थे और आप की जलालत व मर्तबा का हर दिल मोतरीफ था। इस वजह से इब्ने साद ने हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ से मुक़ाबला करने से इनकार किया। वो चाहता था की हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के खून के इलज़ाम से वो बचा रहे मगर इब्ने ज़ियाद ने उसे मजबूर किया की अब दो ही सूरते है या तो रै की हुकूमत को छोड़ दे या इमाम से मुक़ाबला किया जाए।*“` *“`दुन्यवि हुकूमत के लालच ने उस को जंग पर आमद कर दिया। आखिर कार वो हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के मुक़ाबले के लिये रवाना हुवा और इब्ने ज़ियादे बद निहाद लशकरो को भेजता रहा यहाँ तक की अम्र बिन साद के पास 22000 का लश्कर जमा हो गए और उसने जमीअत के साथ कर्बला में पहुच कर फुरात के कनारे पड़ाव किया और अपना मर्कज़ क़ाइम किया।*“`*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻧﺸﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ**सवानहे कर्बला, 132📚*
🔖पोस्ट न.2⃣7⃣
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
⚔सवानहे कर्बला⚔
🗡🗡शहादत के वाक़ीआत🗡🗡
❖┈═┈❖┈═┈┈═┈❖┈═┈❖
🌹हज़रते इमामे हुसैन की कूफा को रवानगी 5⃣
*हैरत नाक बात है और दुन्या की किसी जंग में इस की मिषाल नही मिलती की कुल 82 तो आदमी, इनमे बिविया भी, बच्चे भी, बीमार भी, फिर वो भी की वो बिरादए जंग नही आए थे और इन्तिज़ाम हर्ब काफी न रखते थे। उनके लिये 22000 की ज़र्रार फ़ौज भेजी जाए। आखिर वो इन 82 नुफुसे मुक़द्दसा को अपने ख्याल में क्या समझते थे और उनकी शुजाअत व बसालत के कैसे कैसे मनाज़िर उन की आँखों ने देखे थे की छोटी सी जमाअत के लिये दो गुनी,*
*चौगुनी, दस गुनी तो क्या सो गुनी तादाद को भी काफी न समझा, बे अंदाज़ा लश्कर भेज दिया, फौजो के पहाड़ लगा डाले, इस पर भी दिल खौफ ज़दा है और जंग आजमाओ, दिलावरो के हौसले पस्त है और वो समझते है की शैराने हक़ के हमले की ताब लाना मुश्किल है मजबूरन ये तदबीर करनी पड़ी की लश्करे इमाम पर पानी बंद किया जाए, प्यास की शिद्दत और गर्मी की हिद्द्त इन्तिहा को पहुच चुके तब जंग शुरू की जाए।*
बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻧﺸﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ
सवानहे कर्बला, 133📚
🔖पोस्ट न.2⃣8⃣
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
⚔सवानहे कर्बला⚔
1
*_🗡🗡शहादत के वाक़ीआत🗡🗡_*
❖┈═┈❖┈═┈┈═┈❖┈═┈❖
🌹हज़रते इमामे हुसैन की कूफा को रवानगी 6⃣
*💞अहले बैते किराम पर पानी बंद करने और इन के खुनो के दरया बहाने के लिये बे गैरती से सामने आने वालो में ज़्यादा तादाद उन्ही बे हयाओ की थी जिन्होंने हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ को दरख्वास्ते भेज बुलाया था और मुस्लिम बिन अक़ील ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के हाथ पर हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की बैअत की थी। मगर आज उन बे गैरतो को न अपने अहद व बैअत का ख्याल था न अपनी दावत व मेज़बानी का लिहाज़। फुरात का बे हिसाब पानी इस सियाह बातीनोने ख़ानदाने रिसालत पर बंद कर दिया था।*
*🌷अहले बैत के छोटे छोटे फातिमि चमन के नौनिहाल खुश्क लब, नादान बच्चे एक एक क़तरे के लिये तड़प रहे थे, नूर की तस्वीरें प्यास की शिद्दत में दम तोड़ रही थी, सरे चश्म तयम्मुम से नमाज़े पढ़नी पड़ती थी, इस तरह 3 दिन गुज़र गए, छोटे छोटे बच्चे और बिविया सब भूक व प्यास से बेताब व तुवा हो गए।*
बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻧﺸﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ
सवानहे कर्बला, 135📚