Tum Zaat E Khuda Se Nah Judda Ho Nah Khuda Ho Lyrics

 

दिल दर्द से बिस्मिल की तरह लौट रहा हो गाने के बोल
दिल दर्द से बिस्मिल की तरह लौट रहा हो
सीने पे तसल्ली को तेरा हाथ धरा हो

गर वक्त-ए-अजल सर तेरी चौखट पे झुका हो
जितनी हो क़ज़ा एक ही सजदे में अदा हो

तुम जात-ए-खुदा से ना जुदा हो ना खुदा हो
अल्लाह को मालूम है क्या जानिये क्या हो

ये क्यों कहूं मुझ को ये आता हो ये आता हो वो दो के
हमेशा मेरे घर भर का भला हो

आता है फ़क़ीरों पे उनको प्यार कुछ ऐसा खुद
भीख दें और खुद कहे मंगता का भला हो

माँगता तो है माँगता कोई शाहों में दिखादे
जिसको मेरे सरकार से टुकरा ना मिला हो

मिट्टी न हो बरबाद पस मर्दे इलाही
जब खाक उरे मेरी मदीने की हवा हो

देखा उनको महशर में तो रहमत ने पुकारा
आज़ाद है जो आप के दामन से बंधा हो

ढूंढ़ा ही करें सद्र-ए-कयामत के सिपाही
वो किस को मिले जो तेरे दामन में छुपा हो

शाबाश हसन और चमकती सी ग़ज़ल पार
दिल खोल कर आइना ए ईमान की जिला हो

दे डालिए अपने लब-ए-जान बख्श का सदका
ऐ चरा-ए-दिल दर्द-ए-हसन की भी दवा हो

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