Ay Mustafa ke phool dilo jaan ya hussain Naat Lyrics
Ay Mustafa ke fool dilojaan ya hussain
Kijye na is bala ko karbala mere hussain
Dono sahabzadon ke tan hathon me le kar
Kya dii misal e sabr hai duniyan ko ya hussain
Un lakhon ki lashkar dushmanon ke samne
Parda na choota aapke beti ka ya hussain
Abbas le ke nikle the pani furad se
Ghode se gir ke pani hua khoon ya hussain
Pyase tere jawanon pe lakhon salam hain
Qurbaan ho ke deen pe islam dediya
Kya shaan se nibhaya hai wada huzoor ka
Shabbir haq ka sham’a bachaya hai aapne
Batil ko mitaya kiya roshan deen ko
Sham’a ko roshan aapne khoon se kia hussain
Sajde me sar ko rakha Asr ko ada kia
Sar hogaya phir tan se juda aapka hussain
Dard e dile hussain pe lakhon salaam hain
Jisne diya hai sabr ka paigham ya hussain
Na kartu apni jaan per sitam ay Nasir Zara
sonch karbala mein hue qur baan mere hussain
*_🔖पोस्ट न.5⃣5⃣_*
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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*
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*🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*
*_🗡शहादत के वाक़ीआत1⃣5⃣🗡_*
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*_🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत_*
*धूप में जंग करते करते प्यास का गल्बा हुआ। जंगे मैदान मेसे आप अपने वालिद माजिद की खिदमत में हाज़िर हुए और अर्ज़ किया : प्यास का बहुत गल्बा है। गल्बे की क्या क्या इन्तिहा, 3 दिन से पानी बंद है, तेज़ धूप और इस में जाबाज़ाना दौड़ धुप, गर्म रेगिस्तान। अगर इस वक़्त हल्क़ तर करने के लिये चन्द क़तरे मिल जाए तो फातिमि शेर गुर्बा खसलतो को पैवन्दे ख़ाक कर डाले।*
*शफ़ीक़ बाप ने जाबाज़ बेटे की प्यास देखि मगर पानी कहा था जो इस तिशनए शहादत को दिया जाता, दस्ते शफ़क़त से चेहरे का गर्दो गुबार साफ़ किया और अपनी अंगुश्तरी अपने बेटे के दहाने अक़दस में रख दी। वालिद की शफ़क़त से फिल जुमला तसकीन हुई फिर सहजादे ने मैदान का रुख किया फिर सदा दी : कोई जान पर खेलने वाला हो तो सामने आए।*
*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*
*सवानहे कर्बला, 156📚*
*_🔖पोस्ट न.5⃣6⃣_*
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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*
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*🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*
*_🗡शहादत के वाक़ीआत1⃣6⃣🗡_*
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*_🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत_*
*“`अम्र बिन साद ने तारिक़ से कहा : बड़े शर्म की बात है की अहले बैत का अकेला नौ जवान मैदान में है और तुम हज़ारो की तादाद में हो, उसने पहली मर्तबा पुकारा तो तुम्हारी जमाअत में किसी को हिम्मत न हुई फिर वो आगे बढ़ा तो सफे की सफे दरहम बरहम कर डाली और बहादुरो का खेत कर दिया, भूका है, प्यासा है, धुप में लड़ते लड़ते थक गया है, और फिर भी वो तुम्हे पुकार रहा है और तुम्हारी ताज़ा दम जमाअत में से किसी को मुक़ाबले की हिम्मत नही। तुफ़ा है तुम लोगो पर, कुछ गैरत हो तो मैदान में पहुच कर मुक़ाबला करके फ़त्ह हासिल करो तो में वादा करता हु की अब्दुल्लाह इब्ने ज़ियाद से तुझको मौसिल की हुकूमत दिला दूंगा।*“`
*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*
*सवानहे कर्बला, 157📚*
*📮जारी रहेगा इन्शा अल्लाह,,,✍🏼*
*_🔖पोस्ट न.5⃣7⃣_*
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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*
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*🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*
*_🗡शहादत के वाक़ीआत1⃣6⃣🗡_*
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*_🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत_*
*तारिक़ ने कहा की मुझे अन्देशा है की अगर में फरज़न्दे रसूल और अव्लादे बतूल से मुक़ाबला करके अपनी आकिबत भी खराब करू, फिर भी तू अपना वादा वफ़ा न करे तो न में दुन्या का रहा न दिन का। इब्ने साद ने क़सम खाई क्र पुख्ता क़ौल व क़रार किया।*
*इस पर हरिस तारिक़ मौसिल की हुकूमत की लालच में फरज़न्दे रसूल से मुक़ाबले के लिये चला, सामने पहुचते ही शाहज़ादए वाला पर नेज़े का वार किया। आप ने उस का नेज़ा रद्द फरमा कर सीने पर एक ऐसा नेज़ा मारा की तारिक़ की पीठ से निकल गया और वो एक दम घोड़े से गिर गया। शहज़ादा ने घोड़े को ऐड दे कर उस को रौंद डाला और हड्डिया चकना चूर कर दी। ये देख कर तारिक़ के बेटे अम्र बिन तारिक़ को तैश आया और वो झल्लाता हुवा घोडा दौड़ा कर आप हज़रते अली अकबर पर हमला आवर हुवा आप ने एक ही नेज़े में उसका काम भी तमाम किया।*
*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*
*सवानहे कर्बला, 157📚*
*_🔖पोस्ट न.5⃣8⃣_*
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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*
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*🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*
*_🗡शहादत के वाक़ीआत1⃣7⃣🗡_*
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*_🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत_*
*इसके बाद उसका भाई तल्हा बिन तारिक़ अपने बाप और भाई का बदला लेने के लिये आतिशी शोले की तरह हज़रते अली अकबर ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ पर दौड़ पड़ा। आप ने उसके गिरेबान में हाथ दाल कर ज़ीन से उठा लिया और ज़मीन पर इस ज़ोर से पटका की उस का दम निकल गया, आप की हैबत से लश्कर में शोर बरपा हो गया।*
*इब्ने साद ने एक मसहूर बहादुर मिसराअ इब्ने ग़ालिब को आप के मुक़ाबले के लिये भेजा, मिसराअ ने आप पर हमला किया, आप ने तलवार से नेज़ा कलम करके उसके सर पर ऐसी तलवार मारी की ज़ीन तक काट गई दो टुकड़े हो कर गिर गया, अब किसी में हिम्मत न रही थी की तन्हा इस शेर के मुक़ाबिल आता, ना चार इब्ने साद ने महकम बिन तुफैल और इब्ने नौफिल को एक एक हज़ार सुवारो के साथ आप पर यकबारगि हमला करने के लिये भेजा।*
*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*
*सवानहे कर्बला, 158📚*
*_🔖पोस्ट न.5⃣9⃣_*
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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*
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*🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*
*_🗡शहादत के वाक़ीआत1⃣7⃣🗡_*
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*_🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत_*
*आप ने नेज़ा उठा कर उन पर हमला किया और उन्हें धकेल कर कल्बे लश्कर तक भगा दिया। इस हमले में आप के हाथ से कितने बद नसीब हलाक हुए, कितने पीछे हटे।*
*💧आप पर प्यास की शिद्दत बहुत हुई, फिर आप ने घोड़े दौड़ा कर अपने वालिद की खिदमत में हाज़िर हो कर अर्ज़ किया : बाबा ! प्यास की बहुत शिद्दत है। इस मर्तबा हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने फ़रमाया ! ऐ नुरे दीदा ! होज़े कौषर से सैराबि का वक़्त क़रीब आ गया है, दस्ते मुस्तफा से वो जाम मिलेगा जिस की लज़्ज़त न तसव्वुर में आ सकती है न ज़बान बयान कर सकती है। ये सुन कर हज़रते अली अकबर ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ को ख़ुशी हुई और वो फिर मैदान की तरफ लौट गए।*
*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*
*सवानहे कर्बला, 158📚*
*_🔖पोस्ट न.6⃣0⃣_*
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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*
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*🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*
*_🗡शहादत के वाक़ीआत1⃣8⃣🗡_*
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*_🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत_*
_*🥀हज़रते अली अकबर ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ फिर मैदान की तरफ लौटे और लश्करे दुश्मन के यमीन व यसयार पर हमला करने लगे, इस मर्तबा लश्कर ने यकबारगि चारो तरफ से घेर कर आप पर हमला कर दिया। आप भी हमला फरमाते रहे और दुश्मन हलाक होते रहे, लेकिन हरो तरफ से नेज़ो के ज़ख्मो ने तने नाज़नीन को चकना चूर कर दिया था और उनका तन अपने खून में नहा गया था, इस हालत आप पुश्ते ज़ीन से रुए ज़मीन पर आए और सरो क़ामत ने खाके कर्बला पर इस्तीराहत की।*_
*“`उस वक़्त आप ने आवाज़ दी : ऐ बाबा जान ! मुझ को लीजिये। हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ घोडा बढ़ा कर मैदान में पहुचे और जांबाज़ नौनिहाल को ख़ैमे में लाए, उसका सर गोद में लिया, हज़रते अली अकबर ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने आँख खोली और अपना सर वालिद की गोद में देख कर फ़रमाया : में देख रहा हु आसमान के दरवाज़े खुले हुए है बहिश्ती हरे शर्बत के जाम लिये इन्तिज़ार कर रही है। ये कहा और जान, जाने आफरी के सुपर्द की।*“`
*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*
*सवानहे कर्बला, 159📚*
*📮जारी रहेगा इन्शा अल्लाह,,,✍🏼*
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