Dua Qunoot
اَللَّهُمَّ إنا نَسْتَعِينُكَ وَنَسْتَغْفِرُكَ وَنُؤْمِنُ بِكَ وَنَتَوَكَّلُ عَلَيْكَ وَنُثْنِئْ عَلَيْكَ الخَيْرَ وَنَشْكُرُكَ وَلَا نَكْفُرُكَ وَنَخْلَعُ وَنَتْرُكُ مَنْ ئَّفْجُرُكَ اَللَّهُمَّ إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَلَكَ نُصَلِّئ وَنَسْجُدُ وَإِلَيْكَ نَسْعأئ وَنَحْفِدُ وَنَرْجُو رَحْمَتَكَ وَنَخْشآئ عَذَابَكَ إِنَّ عَذَابَكَ بِالكُفَّارِ مُلْحَقٌ
Dua Qunoot Roman Transliteration
Allah humma inna nasta-eenoka wa nastaghfiruka wa nu’minu bika wa natawakkalu alaika wa nusni alaikal khair, wa nashkuruka wala nakfuruka wa nakhla-oo wa natruku mai yafjuruka, Allah humma iyyaka na’budu wa laka nusalli wa nasjud wa ilaika nas aaa wa nahfizu wa narju rahma taka wa nakhshaa azaabaka inna azaabaka bil kuffari mulhik
O, Allah! We implore You for help and beg forgiveness of You and believe in You and rely on You and extol You and we are thankful to You and are not ungrateful to You and we alienate and forsake those who disobey You. O, Allah! You alone do we worship and for You do we pray and prostrate and we betake to please You and present ourselves for the service in Your cause and we hope for Your mercy and fear Your chastisement. Undoubtedly, Your torment is going to overtake infidels O Allah!
At-Tirmidhi: 464, Abu Dawud: 1425
Dua E Qunoot In Hindi
अल्ला हुम्मा इन्ना नस्ता ईनु क व नास्तगफिरुका व नु’अ मिनु बिका व नतावक्कलु अलाइका वा नुस्नी अलैकल खैर
व नशकुरुक वला नकफुरुका व नख्लऊ व नतरुकु मैंय्यफ-जुरूक
अल्ला हुम्मा इय्याका नअबुदु व लका नुसल्ली व नस्जुदु व इलैका नस्आ
व नहफिज़ु व नरजू रहमतका व नख्शा अज़ाबका इन्ना अज़ाबका बिल क़ुफ़्फ़ारि मुलहिक़
Al Sabia 7th Year Jammat E Sabia Darse Nizami Books
नमाज़े वित्र का बयान
नमाज़े वित्र का बयान
सुवाल – नमाज़े वित्र का वक़्त कब से कब तक है ?
जवाब – वित्र का वक़्त इशा के फ़र्ज़ के बाद से सुब्हे सादिक़ तक है।
सुवाल – नमाज़े वित्र कब अदा करना अफ्ज़ल है ?
जवाब – जो सो कर उठने पर कादिर है उस के लिये अफ्ज़ल है कि रात के आखिरी हिस्से में उठ कर पहले तहज्जुद अदा करे फिर वित्र।
📖 हदीसे पाक में है : “जिस शख्स को येह ख़दशा हो कि वोह रात के पिछले पहर नहीं उठ सकेगा वोह वित्र पढ़ कर सोया करे और जिस शख्स को रात के उठने पर एतिमाद हो वोह रात के पिछले पहर वित्र पढे। ?
सुवाल – नमाज़े वित्र का हुक्म बताइये ?
जवाब – नमाजे वित्र वाजिब है। अगर येह छूट जाए तो इस की क़ज़ा लाजिम है।
सुवाल – वित्र में तक्बीरे कुनूत कहने का क्या हुक्म है ?
जवाब – तीसरी रकअत में किराअत के बाद तक्बीरे कुनूत कहना वाजिब है।
सुवाल – अगर दुआए कुनूत पढ़ना भूल आएं तो क्या करें ?
जवाब – अगर दुआए कुनूत पढ़ना भूल गए और रुकूअ में चले गए तो वापस न लौटिये बल्कि सजदए सहव कर लीजिये।
सुवाल – दुआए कुनूत बुलन्द आवाज़ से पढ़ी जाए या आहिस्ता ?
जवाब – दुआए कुनूत आहिस्ता आवाज़ से पढ़े इमाम हो या मुन्फरीद या मुक्तदी, अदा हो या क़जा, रमज़ान में हो या और दिनों में।
सुवाल – किस शख्स को वित्र की नमाज़ में दुआए कुनूत पढ़ना मन्अ है ?
जवाब – जो शख्स वित्र की जमाअत में तीसरी रकअत के रुकूअ में शामिल हुवा और इमाम के साथ कुनूत न पढ़ सका वोह अपनी बकिय्या नमाज़ में भी कुनूत नहीं पढ़ेगा।
सुवाल – मुक्तदी की दुआए कुनूत खत्म होने से कब्ल इमाम रुकूअ में चला गया तो मुक्तदी के लिये क्या हुक्म है ?
जवाब – अगर मुक्तदी दुआए कुनुत से फारिग न हुवा था कि इमाम रुकूअ में चला गया तो मुक्तदी भी इमाम की इत्तिबाअ करते हुवे रुकूअ में चला जाए।
📕 (दिलचस्प मालूमात, सफा: 64,65,66)
Ghaus E Azam Sheikh Abdul Qadir Jeelani Manqabat Lyrics