Imama Ahamad Raza Khan ki Azeem Kavashain Best Urdu Books

Imama Ahamad Raza Khan ki Azeem Kavashain Best Urdu Books

 

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✨ اَعُوْذُ بِاللّٰهِ مِنَ الشَّیْطَانِ الرَّجِیْمِ ✨
بــــــــــــــــﻢ ِﷲِﺍﻟــــــــﺮَّﺣْﻤَﻦِﺍلْـــرَّﺣـــــــــــــِﻴﻢ
اَلصَّلٰوةُوَالسَّلَامُ عَلَيۡكَ يَاسَيِّدِۡي ياَرَسُوۡلَ اللهﷺ اَلصَّلٰوةُوَالسَّلَامُ عَلَيۡكَ يَاسَيِّدِۡي ياَحَبِيۡبَ‌اللهﷺ
وَعَلیٰٓ اٰلِكَ وَاَصحَابِكَ يَاحَبِيْبُ الـلّٰهِ ﷺ
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📚Maslak e Aala Hazrat 📚
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📚सलिक़-ए-ज़िन्दगी 📚 🔖पोस्ट न. 45

🍼बच्चे को दूध पिलाना 🍼

📚हदीसः- उम्मुलमोमेनीन हज़रत आयशा सिद्दीका (रदियल्लाहू तआ़ला अन्हा) से मरवी है कि हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमायाः “जो औरत अपने बच्चे को दूध पिलाती है और जब बच्चा माँ के पिस्तान से दूध की चुसकी लेता है तो हर चुसकी के बदले उस औरत को एक गुलाम आज़ाद करने का सवाब मिलता है। जब औरत बच्चे को दूध छुड़ाती है तो आसमान से निदा आती है कि ऐ नेक खातून! तेरी पिछली ज़िन्दगी के सारे गुनाह माफ़ कर दिये गए, अब तू नये सिरे से ज़िन्दगी बसर कर।”

📖मसअलाः- माँ की रज़ामन्दी के बगैर बच्चे की परवरिश किसी से नहीं कराई जा सकती क्योंकि माँ का हक़ है। हाँ, जब माँ का दूध न हो या हो मगर नुकसान दे या माँ किसी वजह से आजिज़ है या बच्चा खुद नहीं पीता है तो ऐसी सूरत में बच्चा दाई को दिया जाए या गाय, भेंस, डिब्बा वगैरह के दूध से परवरिश की जाए।

🏥अतिब्बा(हकीमों) की तहक़ीक़ के मुताबिक़ माँ का दूध बच्चे के लिए सबसे ज़्यादा मुफीद है। माँ का दूध पीने से बच्चे को बीमारी कम पैदा होती है। मुशाहिदा शाहिद है कि जो बच्चे अपनी माँ का दूध पिते हैं वे ज़्यादा सेहतमन्द और तंदरूस्त रहते हैं। इसके बरखिलाफ जो बच्चे अपनी माँ के दूध से महरूम रहते हैं वे कमज़ोर होते हैं और मुखतलिफ़ अमराज़ में मुब्तिला रहते हैं।

✨‌हिकायत :— हज़रत शैख़ इब्ने मुहम्मद जुवैनी रदियल्लाहु अन्हु अपने घर में आये तो देखा कि उनके बेटे इमाम अबुल मुआली को कोई दूसरी औरत दूध पिला रही है। आपने उससे बच्चे को छीन लिया और बच्चे के मुँह में उंगली डालकर तमाम दूध उलटी करा दिया और फ़रमाया “अच्छे दूध से शराफ़त पैदा होती है और जांकनी में आसानी।” जब इमाम अबुल मुआली रदीयल्लाहु अन्हु जवान हुए तो बहुत बड़े आलिम बने लेकिन कभी-कभी आप मुनाज़िरे में तंग दिल हो जाते थे और फ़रमाते थे कि शायद उसी दूध का असर मेरे पेट में रह गया है जिसका यह नतीजा है।

📕सलिक़ा-ए-ज़िन्दगी, सफा 71/72

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