Dhadkte Dil Ki Yahi Sada He Hussain Mera Salam Lelo Naat Lyrics

 

Dhadkte Dil Ki Yahi Sada He Hussain Mera Salam Lelo Naat Lyrics
Dhadkte Dil Ki Yahi Sada He,
Hussain Mera Salam Lelo,
Tere Gulamo Ki Iltija He,
Hussain Mera Salam Lelo.

Yazidiyo Ki Sararate Fir,
Hussainiyo Ko Sata Rahi He,
Hazor Zakhmo Se Dil Bhara He,
Hussain Mera Salam Lelo.

Wo Deen Jiske Chaman Ko Tumne
Gala Kata Kar Bahare Di Thi,
Wo Deen Fir Aaj Sukhja Raha He,
Hussain Mera Salam Lelo.

Kadam Kadam Manzare Qayamat
Nafas Nafas Ek Taza Gum He,
Har Ek Manzil Pe Karbala He,
Hussain Mera Salam Lelo

Bulake Chaukhat Pe Surkh Gumbad,
Dikha Do Aaqa Sahide Aazam,
Tumhara Tasnim Keh Raha He,
Hussain Mera Salam Lelo

 

*_🔖पोस्ट न.6⃣8⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*🌹 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*_🗡हज़रते इमामे आली मक़ाम की शहादत 3⃣🗡_*

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*_🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत_*

*“`💞हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की ज़बान से ये कलिमात सुन कर कुफियो में से बहुत लोग रो पड़े, दिल सब के जानते थे की वो बर सरे ज़ुल्मो जफ़ा है और हिमायते बातिल के लिये उन्हों ने दारैन की रुसियाही इख़्तियार की है और ये भी सब को यक़ीन था की इमामे हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ हक़ पर है। आप की बात से बहुत से लोगो पर अशर हुवा और ज़ालिमाने बद बातिन ने भी एक लम्हे के लिये जससे अशर लिया।*“`

*“`लेकिन शिमर वगैरा बद सीरत व पलीद कुछ मुतअस्सिर न हुए बल्कि ये देख कर की लशकरियो पर हज़रते इमाम की तक़रीर का कुछ अशर मालुम होता है, कहने लगे की आप किस्से कोताह कीजिये और इब्ने ज़ियाद के पास चल कर यज़ीद की बैअत कर लीजिये तो कोई आप से तारूज़ न करेगा वरना बजुज़ जंग के कोई चारा नही है।*“`

*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*

*सवानहे कर्बला, 166📚*

*_🔖पोस्ट न.6⃣9⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*🌹 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*_🗡हज़रते इमामे आली मक़ाम की शहादत 3⃣🗡_*

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*_🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत_*

*🥀हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ को अंजाम मालुम था लेकिन ये तक़रीर इक़ामते हुज्जत के लिये फ़रमाई थी की उन्हें कोई उज़्र बाक़ी न रहे। हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने इत्मीनान फ़रमाया की इनके लिये कोई उज़्र बाक़ी न रहा और वो किसी तरह खूने नाहक व ज़ुल्मे बे निहायत से बाज़ आने वाले नही तो इमाम ने फ़रमाया की तुम जो इरादा रखते हो पूरा करो और जिस को मेरे मुक़ाबले के लिये भेजना चाहते हो भेजो।*

*मसहूर बहादुर जिन को सख्त वक़्त के लिये महफूज़ रखा गया था मैदान में भेजे गए। एक बे हया तलवार चमकाता आता है, आते ही हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की तरफ तलवार खिचता है, अभी हाथ उठा ही था की इमाम ने ज़र्ब फ़रमाई, सर कट कर दूर जा पड़ा और गुरूरे शुजाअत ख़ाक में मिल गया।*

*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*

*सवानहे कर्बला, 166📚*

*_🔖पोस्ट न.7⃣0⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*🌹 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*_🗡हज़रते इमामे आली मक़ाम की शहादत 4⃣🗡_*

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*_🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत_*

*“`दूसरा बढ़ा और, लशकरियो को यक़ीन था की हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ पर भूक प्यास की तकलीफ हद से गुज़र चुकी है, सदमो ने ज़ईफ़ कर दिया है ऐसे वक़्त इमाम पर ग़ालिब आ जाना कुछ मुश्किल नही है।*“`

*“`जब वो गुस्ताख सामने आया तो हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने फ़रमाया : तु मुझे जानता नही जो मेरे मुक़ाबिल इस दिलेरी से आता है, हुसैन कक बे कस व कमज़ोर देख कर होसला मन्दियो का इज़हार कर रहु हो, नामर्दो ! मेरी नज़र में तुम्हारी कोई हक़ीक़त नही।*“`

*“`वो गुस्ताख ये सुन कर और तेश में आया और बजाए जवाब के हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ पर तलवार का वार किया, हज़रते इमाम ने उस का वार बचा कर कमर पर तलवार मारी, मालुम होता था खीरा था काट डाला।*“`

*“`अहले शाम को अब ये इत्मीनान था की हज़रत के सिवा अब और तो कोई बाक़ी ही न रहा, कहा तक न थकेंगे। प्यास की हालत, धुप की तपिश मुज़्महल कर चुकी है, बहादुरी के जोहर दिखाने का वक़्त है। जहा तक हो एक एक मुक़ाबिल किया जाए, कोई तो कामयाब होगा। इस तरह नए नए बदम शिर सुलत हज़रते इमाम के मुक़ाबिल आते रहे मगर जो सामने आया एक ही हाथ में उसका किस्सा तमाम फ़रमाया।*“`

*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*

*सवानहे कर्बला, 167📚*

*_🔖पोस्ट न.7⃣1⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*🌹 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*_🗡हज़रते इमामे आली मक़ाम की शहादत 5⃣🗡_*

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*_🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत_*

*“`💐इमाम हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने ज़मीने कर्बला में बहादुराने कूफा का खेत बो दिया, नामवराने सफ सिकन के खूनो से कर्बला के तीशना रेगिस्तान को सैराब फरमा दिया, लश्करे आदा में शोर बरपा हो गया की जंग का ये अंदाज़ रहा तो हैदर का शेर कूफा के ज़न व इतफाल को बेवा व यतीम बना कर छोड़ेगा, मौक़ा मर दो और चारो तरफ से घेर कर एकसाथ हमला करो। हज़ारो जवान दौड़ पड़े और हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ को घेर लिया और तलवार बरसानी शुरू की।*“`

*“`🥀हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने जिस तरफ घोडा बढ़ा दिया पर्रे के पर्रे काट डाले। दुश्मन हैबत ज़दा हो गए और हैरत में आ गए की इमाम के हमले से रिहाई की कोई सूरत नही। हज़ारो आदमियो में घिरे हुए है और दुश्मनो का सर इस तरह उड़ा रहे है जिस तरह बादे खज़ा के झोके दरख्तो से पत्ते गिराते है।*“`

_*इब्ने साद और उस के मुशिरो को बहुत तश्विश हुई की अकेले इमाम के मुक़ाबिले हज़ारो की जमाअते हेच है। कुफियो की इज़्ज़त ख़ाक में मिल गई, तमाम नामवरो की कुफि जमाअत एक हिजाज़ी जवान के हाथ से जान न बचा सकी।*_

*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*

*सवानहे कर्बला, 170📚*

*_🔖पोस्ट न.7⃣2⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*🌹 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*_🗡हज़रते इमामे आली मक़ाम की शहादत 5⃣🗡_*

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*_🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत_*

*“`तालीमे आलम में हमारी नामर्दी का ये वाकिया अहले कूफा को हमेशा रूस्वाए आलम करता रहेगा, कोई तदबीर करनी चाहिए।*“`

*“`तजवीज़ ये हुई की चारो तरफ से इमाम पर तिर बरसाये जाए और जब खूब ज़ख़्मी हो चुके तो नेज़ो के हमलो से तन को मजरूह किया जाए।*“`

*“`तीर अंदाज़ों की जमाअत ने चारो तरफ से हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ को घेर लिया और तीर बरसाने शुरू कर दिये, घोडा इस क़दर ज़ख़्मी हो गया की उस में काम करने की क़ुव्वत न रही नाचार हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ को एक जगह ठहरना पड़ा, हर तरफ से तीर आ रहे है और इमाम का तन निशाना बना हुआ है, नूरानी जिस्म ज़ख्मो से चकना चूर और लहू लुहान हो रहा है।*“`

*“`एक तीर पेशानिए अक़दस पर लगा। ये पेशानी मुस्तफाﷺ की बोसा गाह थी। बे अदबाने कूफा ने इस पेशानिये मुस्तफाﷺ और इस जबीने पुरज़िया को तीर से घायल किया, हज़रत को चक्कर आ गए और घोड़े से निचे आए, अब नामर्दाने सियाह बातिन ने नेज़ो से वार किया, नूरानी पैकर खून में नहा गया और आप शहीद हो कर ज़मीन पर गिर पड़े। ﺍِﻥَّ ﻟِﻠّٰﻪِ ﻭَﺍِﻥَّٓ ﺍِﻟَﻴْﻪِ ﺭَﺍﺟِﻌُﻮْﻥَ*“`

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*सवानहे कर्बला, 170📚*

*_🔖पोस्ट न.7⃣3⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*🌹 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*_🗡हज़रते इमामे आली मक़ाम की शहादत 6⃣🗡_*

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*_🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत_*

*“`सादिक़ जाबाज़ ने अहदे वफ़ा पूरा किया और दिने हक़ पर क़ाइम रह कर अपना कुम्बा, अपनी जान राहे खुदा में इस उलुलअज़मी से नज़्र की, सुखा गला काटा गया और कर्बला की ज़मीन सय्यिदुश्शोहदा के खून से गुलज़ार बनी, सर व तन को ख़ाक में मिला कर अपने जद्दे करीम के दिन की हक़्क़ानिय्यत की अमली शहादत दी।*“`

*“`मुहर्रम सी.61 ही. की 10वी तारीख के रोज़ 56 साल क माह 5 दिन की उम्र में हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने इस नापाएदार से रिहलत फ़रमाई और दाइये अजल को लबैक कहि।*“`

*“`जालिमो ने इस पर बस नहीं किया और हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की मुसीबतो का इसी पर खातिमा नही हो गया। दुश्मनोने आप के सरे मुबारक को तने अक़दस से जुदा करना चाहा और नज़्र इब्ने खुरशा इस नापाक इरादे से आगे बढ़ा*“`

*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*

*सवानहे कर्बला, 170📚*

*_🔖पोस्ट न.7⃣4⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*🌹 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*_🗡हज़रते इमामे आली मक़ाम की शहादत 6⃣🗡_*

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*_🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत_*

*“`मगर इमाम की हैबत से उसके हाथ काप गए और तलवार छूट पड़ी। खोली इब्ने यज़ीद पलीद ने या शबल इब्ने यज़ीद ने बढ़ कर आप के सरे अक़दस को तने मुबारक से जुदा किया।*“`

*“`इब्ने ज़ियाद ने सरे मुबारक को कूफा के कूचे व बाज़ार में फिरवाया और इस तरह अपनी बे हम्मिययति व बे हयाई का इज़हार किया फिर हज़रते हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ और उनके तमाम जाबाज़ शुहदा के सरो को असिराने अहले बैत के साथ शिमरे नापाक की हमराही में यज़ीद पलीद के पास दिमशक भेजा। यज़ीद ने सरे मुबारक और हल बैत को हज़रते ज़ैनुल आबेदीन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के साथ मदीना भेजा और वहा हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का सर मुबारक आप की वालिदा हज़रते खातुने जन्नत ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻬﺎ या हज़रते हसन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के पहलु में मदफुन हुवा।*“`

*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*

*सवानहे कर्बला, 170📚*

*_🔖पोस्ट न.7⃣5⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*🌹 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*_🗡हज़रते इमामे आली मक़ाम की शहादत 7⃣🗡_*

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*_🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत_*

*“`इस वाक़ीए से हुज़ूर ﷺ को जो रंज पहुचा और कल्बे मुबारक को जो सदमा हुवा अंदाज़ा और कियास से बाहर है। इमाम अहमद व बेहक़ी ने हज़रते इब्ने अब्बास ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ से रिवायत की, एक रोज़ में दीपहर के वक़्त हुज़ूरे अक़दस ﷺ की ज़ियारत से ख्वाब में मुशर्रफ हुवा। मेने देखा की सुम्बुल मुअम्बर व गैसुए मुअत्तर बिखरे हुए और गुबार आलूदा है, दस्ते मुबारक में एक खून भरा शीशा है। ये हालत देख कर दिल बे चैन हो गया, में ने अर्ज़ किया : ऐ आक़ा ! ये क्या हाल है ? फ़रमाया हुसैन और उन के रफ़ीक़ो का खून है, में इसे आज सुब्ह से उठाता रहा हु। हज़रते अब्बअस ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने फ़रमाते है : मेने उस तारीख व वक़्त को याद रखा जब खबर आई तो मालुम हुवा की हज़रते इमाम उसी वक़्त शहीद किये गए।*“`

*इमाम अहमद बिन हम्बल, 1/606📚*

*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*

*सवानहे कर्बला, 172📚*

*_🔖पोस्ट न.7⃣6⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*🌹 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*_🗡हज़रते इमामे आली मक़ाम की शहादत 7⃣🗡_*

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*_🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत_*

*“`🌷हज़रते उम्मे सलमा ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻬﺎ से रिवायत है, उन्हों ने भी इसी तरह हुज़ूर ﷺ को ख्वाब में देखा की आप के सरे मुबारक व रिशे अक़दस पर गुर्दो गुबार है, अर्ज़ किया : या रसूलल्लाह ﷺ ! ये क्या हाल है? फ़रमाया अभी इमामे हुसैन के मक़्तल में गया था।*“`

*बाहीक, 7/48📚*

*“`बेहक़ी व अबू नुएम ने बसरा अज़दिया से रिवायत की, की जब हज़रते इमामे हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ शहीद किये गए तो आसमान से खून बरसा। सुब्ह को हमारे मटके, घड़े और तमाम बर्तन खून से भरे हुए थे।*“`

*बेहक़ी, 6/471📚*

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*सवानहे कर्बला, 172📚*

*_🔖पोस्ट न.7⃣7⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*🌹 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*_🗡हज़रते इमामे आली मक़ाम की शहादत 8⃣🗡_*

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*_🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत_*

*🌹इब्ने असाकिर ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने मिन्हाल बिन अम्र से रिवायत की वो कहते है : वल्लाह ! में ने ब चश्मे खुद देखा की जब सरे मुबारके इमामे हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ को लोग नेज़े पर लिये जाते थे उस वक़्त में दमिश्क़ में था, सर मुबारक के सामने एक शख्स सूरए कहफ़ पढ़ रहा था जब वो इस आयत पर पहुचा असहाबे कहफ़ व रक़ीम हमारी निशानियों में से अजब थे*

*उस वक़्त अल्लाह ने सरे मुबारक को गोयाई दी, बज़बाने फसीह फ़रमाया : असहाबे कहफ़ के वाक़ीए से मेरा क़त्ल और मेरे सर को लिये फिरना अजीब तर है*

*और दर हक़ीक़त बात यही है क्यू की असहाबे कहफ़ पर काफिरो ने ज़ुल्म किया था और हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ को इन के जद की उम्मत ने मेहमान बना कर बुलाया, फिर बे वफाई से पानी तक बंद कर दिया, आल व असहाब को हज़रते इमाम के सामने शहीद किया, फिर खुद हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ को शहीद किया, अहले बैत को असीर किया, सर मुबारक शहर शहर फिराया। असहाबे कहफ़ साल्हा साल की तवील ख्वाब के बाद बोले, ये ज़रूर अजीब है मगर सरे मुबारक का तन से जुदा होने के बाद कलाम फरमाना इससे अजीब तर है।*

*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*

*सवानहे कर्बला, 176📚*

🔖पोस्ट न.7⃣8⃣
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🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜
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🌹 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ

⚔सवानहे कर्बला⚔

🗡हज़रते इमामे आली मक़ाम की शहादत 8⃣🗡
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🌸10मुहर्रम के दिलडोज वाक़ीआत

*🥀हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की शहादत के बाद जब बद नसीब कुफि सरे मुबारक को ले कर चले और एक मंज़िल में इस काफिले ने क़याम किया वह एक दैर था। दैर के राहिब ने उन लोगो को 80000 दिरहम दे कर सरे मुबारक को एक शब् अपने पास रखा। गुस्ल दिया इत्र लगाया, अदब व ताज़ीम के साथ तमाम शब् ज़ियारत करता और रोता रहा और रहमते इलाही के जो अनवार सरे मुबारक पर नाज़िल हो रहे थे उन का मुशाहीदा करता रहा हत्ता की ये उस के इस्लाम का बाईष हुवा। अश्किया ने जब दिरहम तक़सीम करने के लिये थैलियो को खोला तो देखा सब में ठीकरिया भरी हुई है और उन के एक तरफ लिखा है और हरगिज़ अल्लाह को बे खबर न जानना जालिमो के काम से*

(पारह 13📚) और दुआरी तरफ लिखा था और अब जाना चाहते है ज़ालिम की किसी करवट पलटा खाएगे (पारह, 19📚)

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सवानहे कर्बला, 176📚

*_🔖पोस्ट न.7⃣9⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*🌹 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*🗡शहादत के बाद के वाक़ीआत​1⃣🗡*

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*“`🥀हज़रते इमामे हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का वुजुदे मुबारक यज़ीद की बे क़ैदियों के लिये एक ज़बरदस्त मोहता्सिब था, वो जानता था के आप के ज़मानए मुबारक में इसको बे मोहारी का मौक़ा मुयस्सर न आएगा और उस की किसी गुमराही पर हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ सब्र न फर्माएगे, उसको नज़र आता था की इमाम जेसे दीनदार की ताजिर हर वक़्त उसके सर पर घूम रहा है इसी वजह से वो और भी ज़्यादा हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की जान का दुश्मन था और इसी लिये हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की शहादत उसके लिये बाईशे मसर्रत हुई।*“`

*“`🥀हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का साया उठना था, यज़ीद खुल खिला और अन्वअ व एक्साम के मअसि की गर्म बाज़ारी हो गई। ज़िना, हरामकारी, भाई-बहन की शादी, सूद, शराब, नमाज़ों की पाबन्दी उठ गई, सरकशी इन्तिहा को पहुची, शैतान ने यहाँ तक ज़ोर किया की मुस्लिम इब्ने उक़बा को 12 या 20 हज़ार का लश्कर ले कर मदीना की चढ़ाई के लिये भेज।*“`

*“`ये सी. 63 ही. का वाक़या है। इस नामुराद लश्कर ने मदीना में वो तूफ़ान बरपा किया की क़त्ल, गारत और तरह तरह के मज़ामिल हमसाएगाने रसूलुल्लाह पर किए।*“`

*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*

*सवानहे कर्बला, 178📚*

*_🔖पोस्ट न.8⃣0⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*🌹 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*🗡शहादत के बाद के वाक़ीआत​1⃣🗡*

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*“`वहा के साकिनिन के घर लूट लिये, 700 सहाब को शहीद कर दिया और दूसरे आम बाशिंदे मिला कर 10 हज़ार से ज़्यादा को शहीद किया, लड़को को क़ैद कर लिया, ऐसी ऐसी बदतमीज़िया की जिन का ज़िक्र करना ना गवारा है। मस्जिदे नबवी के सुतुनो में घोड़े बांधे, तिन दिन तक मस्जिद में लोग नमाज़ से मुशर्रफ न हो सके। सिर्फ सईद इब्ने मुसय्याब मजनून बन कर वहा हाज़िर रहे। हज़रते अब्दुल्लाह इब्ने इन्ज़ला इब्ने गसिल ने फ़रमाया की यज़ीदियो के नाशाइस्ता हरकत इस हद पर पहुच है के हमे अन्देशा होने लगा की इसने की बदकारियो की वजह से कहि आसमान से पथ्थर न बरसे।*“`

*“`फिर ये लश्कर शरारत अशर मक्का की तरफ रवाना हुवा, रास्ते में अमीरे लश्कर मर गया और दूसरा शख्स उसका क़ाइम मक़ाम किया गया।*“`

*“`मक्का पहुच कर इन बे दिनों ने मिनजनिक से संग बारी की (मिनजनिक पथ्थर फेकने का आला होता है जिस से पथ्थर फेक कर मारा जाता है उसकी ज़द बड़ी ज़बरदस्त और दूर की मार होती है) इस संग बारी से हरम शरीफ का सहन मुबारक पतथरो से भर गया और मस्जिदे हराम के सुतून टूट पड़े और काबए मुक़द्दस के गिलाफ शरीफ और छत को इन बे दिनों ने जला दिया। इसी छत में उस दुम्बे के सिंग भी तबर्रुक के तौर पर महफूज़ थे जो हज़रते इस्माइल अलैहिस्सलाम के फिदये में कुर्बानी किया गया था वो भी जल गए, काबए मुक़द्दसा कई रोज़ तक बे लिबास रहा और वहा के बाशिंदे सख्त मुसीबत में मुब्तला रहे।*“`

*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*

*सवानहे कर्बला, 178📚*

*_🔖पोस्ट न.8⃣1⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*🌹 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*🗡शहादत के बाद के वाक़ीआत​2⃣🗡*

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*_👹यज़ीद का अंजाम_*

*“`वाकिया ए कर्बला के कुछ ही दिनों बाद यज़ीद एक हलाकत ख़ेज़ और इन्तिहाई मुजी मरज़ में मुब्तला हुवा, पेट के दर्द और आतो के ज़ख्मो की तकलीफ से जिस तरह मछली पानी के बगैर तड़पती है उस तरह तड़पता रहता था, हिम्स में जब उसे अपनी मोत का यक़ीन हो गया तो अपने बड़े लड़के मुआविय्या को बिस्तरे मर्ग पर बुलाया और उमुरे सल्तनत के बारे में कुछ कहना ही चाहता था की बे साख्ता बेटे के मुह से चीख निकली और निहायत ज़िल्लतो हक़ारत के साथ ये कहते हुवे बाप की पेशकश को ठुकरा दिया की जिस ताजो तख्त पर आले रसूल के खून के धब्बे है, में उसे हरगिज़ क़बूल नही कर सकता, खुदा इस मनहूस सल्तनत की विरासत से मुझे महरूम रखे, जिस की बुनयादी नवासए रसूल के खून पर रखी गई है।*“`

*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*

*तारीखे कर्बला, 345​📚*

*_🔖पोस्ट न.8⃣2⃣_*

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*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*🗡शहादत के बाद के वाक़ीआत​2⃣🗡*

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*_👹यज़ीद का अंजाम_*

*“`यज़ीद अपने बेटे के मुह से ये अलफ़ाज़ सुन कर तड़प गया और शिद्दते रंजो अलम से बिस्तर पर पाउ पटखने लगा, मौत के कुछ दीन पहले यज़ीद की आंते सड गई और उस में कीड़े पड़ गए, तकलीफ की शिद्दत से खिन्ज़िर की तरह चीखता था, पानी का क़तरा हलक के निचे उतरने के बाद निश्तर की तरह चुभने लगता था, अज़ीब क़हरे इलाही की मार थी, पानी के बगैर भी तड़पता था और पानी पा कर भी चीखता था, बिल आखिर इसी दर्द की शिद्दत से तड़प तड़प कर उसकी जान निकली, लाश में ऐसी हौलनाक बदबू थी की क़रीब जाना मुश्किल था, जेसे तैसे उसको ख़ाक के सुपुर्द किया गया।*“`

*तारीखे कर्बला, 📚345*

*_🔖पोस्ट न.8⃣2⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*🗡शहादत के बाद के वाक़ीआत​2⃣🗡*

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*_👹यज़ीद का अंजाम_*

*“`यज़ीद अपने बेटे के मुह से ये अलफ़ाज़ सुन कर तड़प गया और शिद्दते रंजो अलम से बिस्तर पर पाउ पटखने लगा, मौत के कुछ दीन पहले यज़ीद की आंते सड गई और उस में कीड़े पड़ गए, तकलीफ की शिद्दत से खिन्ज़िर की तरह चीखता था, पानी का क़तरा हलक के निचे उतरने के बाद निश्तर की तरह चुभने लगता था, अज़ीब क़हरे इलाही की मार थी, पानी के बगैर भी तड़पता था और पानी पा कर भी चीखता था, बिल आखिर इसी दर्द की शिद्दत से तड़प तड़प कर उसकी जान निकली, लाश में ऐसी हौलनाक बदबू थी की क़रीब जाना मुश्किल था, जेसे तैसे उसको ख़ाक के सुपुर्द किया गया।*“`

*तारीखे कर्बला, 📚345*

*_⚰यज़ीद की क़ब्र का हाल_*

*“`दमिश्क के पुराने क़ब्रस्तान बाबुस्सगिर के कुछ आगे यज़ीद की क़ब्र का निशान था, जिस पर आज से की सालो पहले लोग ईटे पथ्थर मारते थे और अक्सर इटो का ढेर लगा रहता था, वहा अब शीशा और लोहा गलाने की भट्टी लगी हुई है, उस कारखाने में शीशे के बर्तन बनाए जाते है, उस लोहे और काच को गलाने की आग वाली भट्टी ठीक उसी जगह है जहा यज़ीद की क़ब्र थी। गोया यज़ीद की क़ब्र पर हर वक़्त आग जलती रहती है।*“`

*शहादते नवासए सय्यिदुल अबरार, 📚918*

*यज़ीद का दर्दनाक अंजाम, 📚113*

*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*

*तारीखे कर्बला, 345​📚*

*_🔖पोस्ट न.8⃣3⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*🗡शहादत के बाद के वाक़ीआत​3⃣🗡*

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*“`अहले मक्का को उनके सर से नजात मिली। अहले हिजाज़, यमन व इराक़ व खुरासान ने हज़रते अब्दुल्लाह बिन ज़ुबैर ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के दस्ते मुबारक पर बैअत की और अहले मिस्र व शाम ने मुआविया बिन यज़ीद के हाथ पर बैअत की। ये मुआविया अगर्चे यज़ीद पलीद की अव्लाद थी मगर आदमी नेक और सालेह था, बाप के नापाक अफआल को बुरा जनता था।*“`

*“`इनान हुक़ूमत हाथ में लेते वक़्त ता दमे मर्ग बीमार ही रहा और किसी काम की तरफ नज़र न डाली और चालीस दिन या दो तिन माह की हुकूमत के बाद 21 साल की उम्र में मर गया। आखिर वक़्त में उस से कहा गया की किसी को खिलाफा करे। उसका जवाब उस ने ये दिया की में ने खिलाफत में कोई हलावत नही पाई तो में इस तल्खी में किसी दूसरे को क्यू मुब्तला करू।*“`

*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*

*सवानहे कर्बला, 179📚*

*_🔖पोस्ट न.8⃣4⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*🌹 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*🗡शहादत के बाद के वाक़ीआत​3⃣🗡*

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*“`मुआविया बिन यज़ीद के इन्तिकाल के बाद अहले मिस्र व शाम ने अब्दुल्लाह बिन ज़ुबैरﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की बैअत की फिर मरवान बिन हुकम ने खुरुज किया और उस को शाम व मिस्र पर क़ब्ज़ा हासिल हुवा। सी .65 ही. में उस का इन्तिकाल हुवा और उसकी जगह उसका बेटा अब्दुल मलिक इसका क़ाइम मक़ाम हुवा। अब्दुल मलिक के अहद में मुख्तार बिन उबैद शक़्फि ने अम्र बिन साद को बुलाया, इब्ने साद का बेटा हफ़्स हाज़िर हुवा। मुख्तार ने दरयाफ़्त किया : तेरा बाप कहा है ? कहा की वो खलवत नशीन हो गया है, घर से बाहर नही निकलता। इस पर मुख्तार ने कहा की अब वो रे की हुक़ूमत कहा है ? जिसकी चाहत में फरज़न्दे रसूल से बे वफाई की थी, अब क्यू इससे दस्त बरदार हो कर घर में बेठा है।*“`

_*इसके बाद मुख्तार ने इब्ने साद और उस के बेटे और शिमर नापाक की गर्दन मारने का हुक्म दिया*_

*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*

*_🔖पोस्ट न.8⃣5⃣_*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*🌹 الصــلوة والسلام‎ عليك‎ ‎يارسول‎ الله ﷺ*

*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*🗡शहादत के बाद के वाक़ीआत​4⃣🗡*

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*इसके बाद मुख्तार ने इब्ने साद और उस के बेटे और शिमर नापाक की गर्दन मारने का हुक्म दिया और इन सब के सर कटवा कर हज़रते मुहम्मद बिन हनफिया दरबारे हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के पास भेज दिये और शिमर की लाश को घोड़े के सूमो से रौंदवा दिया जिस से उसके सीने और पसली की हड्डिया चकना चूर हो गई।*

*शिमर हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के क़ातिलों में से है और इब्ने साद उस लश्कर का क़ाफ़िला सालार व कमान दार था जिसने हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ पर मज़ालिम के तूफ़ान तोड़े। आज इन जालिमो के सर तन से जुदा कर के दश्त ब दश्त फिराए जा रहे है और दुन्या में कोई इन की बे कसी पर अफ़सोस करने वाला नही। हर शख्स मलामत करता है और नज़रे हक़ारत से देखता है और इन की इस ज़िल्लत व रुसवाई की मौत पर खुश होता है।*

*मुसलमानो ने मुख्तार के इस कारनामे पर इज़हारे फरह किया और इस को दुश्मनाने इमाम से बदला लेने पर मुबारक बाद दी।*

*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*

*सवानहे कर्बला, 180📚* *📮जारी रहेगा इन्शा अल्ला

*_🔖पोस्ट न.8⃣5⃣_*

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*🗡शहादत के बाद के वाक़ीआत​4⃣🗡*

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*इसके बाद मुख्तार ने इब्ने साद और उस के बेटे और शिमर नापाक की गर्दन मारने का हुक्म दिया और इन सब के सर कटवा कर हज़रते मुहम्मद बिन हनफिया दरबारे हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के पास भेज दिये और शिमर की लाश को घोड़े के सूमो से रौंदवा दिया जिस से उसके सीने और पसली की हड्डिया चकना चूर हो गई।*

*शिमर हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के क़ातिलों में से है और इब्ने साद उस लश्कर का क़ाफ़िला सालार व कमान दार था जिसने हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ पर मज़ालिम के तूफ़ान तोड़े। आज इन जालिमो के सर तन से जुदा कर के दश्त ब दश्त फिराए जा रहे है और दुन्या में कोई इन की बे कसी पर अफ़सोस करने वाला नही। हर शख्स मलामत करता है और नज़रे हक़ारत से देखता है और इन की इस ज़िल्लत व रुसवाई की मौत पर खुश होता है।*

*मुसलमानो ने मुख्तार के इस कारनामे पर इज़हारे फरह किया और इस को दुश्मनाने इमाम से बदला लेने पर मुबारक बाद दी।*

*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻥ ﺷﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ*

*सवानहे कर्बला, 180📚* *📮जारी रहेगा इन्शा अल्ला

*_🔖पोस्ट न.8⃣6⃣_*

*आखरी ⤵*

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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*

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*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*

*🗡शहादत के बाद के वाक़ीआत​4⃣🗡*

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*“`इसके बाद मुख्तार ने एक हुक्मे आम दिया की कर्बला में जो जो शख्स अम्र बिन साद का शरीक था वो जहां पाया जाए मार डाला जाए। ये हुक्म सुन कर कूफा के जफ़ा शिआर सुरमा बसरा भागना शुरू हुए। मुख्तार के लश्कर ने उन का तआक़ुब किया जिस को जहां पाया खत्म कर दिया, लाशो जला डाली, घर लूट लिये।*“`

*“`खोली बिन यज़ीद वो खबिश् है जिस ने हज़रते इमामे आली मक़ाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का सरे मुबारक तने अक़दस से जुदा किया था, ये रु सियाह भी गिरफ्तार करके मुख्तार के पास लाया गया। मुख्तार ने पहले उस के हाथ पैर कटवाए फिर सूली चढ़ाया, आखिर आग में झोक दिया। इस तरह लश्करे इब्ने साद के तमाम अशरार् को तरह तरह के अज़ाबो के साथ हलाक किया। छे हज़ार कुफि जो हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के क़त्ल में शरीक थे उन को मुख्तार ने तरह तरह के अज़ाबो के साथ हलाक कर दिया।*“`

*सवानहे कर्बला, 180📚*

 

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