Har Desh Mein Gunjega Ab Ya Rasool Allah Naat Lyrics
Hum Sar Pe Kafan Bandhe Maidan Main Nikle He
Batil Ke Mehlon Ko Hum Dahne Nikle He
Himmath He Hame Toke Dam He To Hame Roko
Hum Nare Risalath Ko Pehlane Nikle He
Har Des Main Gunjega Ab Ya Rasool Allah
Har Shaks Pukarega Ab Ya Rasool Allah
Hum Sari Duniya Main Halchal Si Machadenge
Sarkar Ke Ashiq He Rang Apna Jamadenge
Milade Nabi Karna Ye Koon Main Shamil He
Is Mission Ki Qatir Hum Dil Rat Lagadenge
Sarkar Ki Naaton Se Pur Josh He Dewane
Milad Ki Mehfil Main Mahool Banadenge
Kyun Karna Maneen Hum Ye Sunni Saqafath He
Milad Manane Par Sarkar Jagadenge
Sauda Na Kareinge Hum Iman Na BecHege
Namuse Risalath Par Duniya Ko Hiladenge
Har Nasl Ka Nara He Har Qaum Ka Nara He
Is Nare Se Logon Ko Apas Main Miladenge
Islam Jo Mazahab He Peghame Mohabbath He
Is Aman Ke Parcham Ko Har Ghar Main Jagadenge
Sarkar Ki Izzat Par Marna He Hame Logon
Ye Wada Hamara He Sab Kuch Hi Lutadenge
Ham Ne Yehi Thani He ManNaath Yehi Mani He
Is Des Ki Matti Par Koon Apna Bahadenge
He Ale Nabi Piyare Ashab Sitaren He
Dono Ki Mohabbath Ko Hum Dil Main Basadenge
Aeen He Ujagar Sang Amjad-O-Tahir Bhi
Peghame Nabi Denge Ahkame Khudadenge
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह / Har Desh Mein Gunjega Ab Ya Rasoolallah
फ़िदाका, या रसूलल्लाह ! फ़िदाका, या रसूलल्लाह !
फ़िदाका, या रसूलल्लाह ! फ़िदाका, या रसूलल्लाह !
लब्बैक ! लब्बैक ! लब्बैक लब्बैक लब्बैक !
लब्बैक ! लब्बैक ! लब्बैक लब्बैक लब्बैक !
हम सर पे कफ़न बाँधे मैदान में निकले हैं
बातिल के महलों को हम ढाने निकले हैं
हिम्मत है हमें टोको, दम है तो हमें रोको
हम ना’रा-ए-रिसालत को फैलाने निकले हैं
ना’रा-ए-रिसालत ! या रसूलल्लाह !
ना’रा-ए-रिसालत ! या रसूलल्लाह !
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
हर शख़्स पुकारेगा अब या रसूलल्लाह
हम सारी दुनिया में हलचल सी मचा देंगे
सरकार के ‘आशिक़ हैं, रंग अपना जमा देंगें
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
मीलाद-ए-नबी करना ये ख़ून में शामिल है
इस मिशन की ख़ातिर हम दिन-रात लगा देंगे
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
सरकार की ना’तों से पुर-जोश हैं दीवानें
मीलाद की महफ़िल में माहौल बना देंगे
सारा जहाँ फ़िदा है, मीलाद-ए-मुस्तफ़ा है
हर कोई कह रहा है, मीलाद-ए-मुस्तफ़ा है
सरकार की आमद ! मरहबा !
दिलदार की आमद ! मरहबा !
आक़ा की आमद ! मरहबा !
दाता की आमद ! मरहबा !
सब झूम के बोलो ! मरहबा !
लब चूम के बोलो ! मरहबा !
ललकार के बोलो ! मरहबा !
नूर वाले मुस्तफ़ा आ गए, छा गए
नूर वाले मुस्तफ़ा आ गए, छा गए
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
क्यूँ-कर न मनाएँ हम ! ये सुन्नी सक़ाफ़त है
मीलाद मनाने पर सरकार जज़ा देंगे
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
सौदा न करेंगे हम, ईमान न बेचेंगे
नामूस-ए-रिसालत पर दुनिया को हिला देंगे
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
हर नस्ल का ना’रा है, हर क़ौम का ना’रा है
इस ना’रे से लोगों को आपस में मिला देंगे
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
इस्लाम जो मज़हब है, पैग़ाम-ए-मोहब्बत है
इस अमन के परचम को हर घर में लगा देंगे
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
सरकार की ‘इज़्ज़त पर मरना है हमें, लोगो !
ये वा’दा हमारा है, सब कुछ ही लुटा देंगे
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
हमने यही ठानी है, मन्नत यही मानी है
इस देश की मिट्टी पर ख़ून अपना बहा देंगे
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
हैं आल-ए-नबी प्यारे, असहाब सितारे हैं
दोनों की मोहब्बत को हर दिल में बसा देंगे
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
आए हैं उजागर के संग अमजद-ओ-ताहिर भी
पैग़ाम-ए-नबी देंगे, अहकाम-ए-ख़ुदा देंगे
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
हर देश में गूँजेगा अब या रसूलल्लाह
बेशक ! वो इंसान नहीं है जो नफ़रत फैलाए
वहशी है, वो क़ातिल है जो ख़ून इंसां का बहाए
अमन की आशा, अमन का परचम मुस्लिम का पैग़ाम है
अमन-ए-‘आलम, दर्स-ए-मोहब्बत, ये मेरा इस्लाम है
हर-सू फ़िर्क़ा-वारियत की हर दीवार गिराएँगे
थाम के अल्लाह की रस्सी को सारे एक हो जाएँगे
अहल-ए-जन्नत का है ‘अक़ीदा, बोलो या रसूलल्लाह
अहल-ए-मोहब्बत का है ना’रा, बोलो या रसूलल्लाह
जोश-ए-ईमाँ की गर्मी से हर मुस्लिम जागेगा
पाक-पतन से देखना, यारो ! हर दुश्मन भागेगा
लिखेंगे तारीख़-ए-वफ़ा हम ख़ून से अपने, लोगो !
दोहराएँगे कर्ब-ओ-बला हम ख़ून से अपने लोगो
नस-नस में बिजली जागी है, वक़्त-ए-शहादत आया
दीन पे हमने कमर बाँधी है, वक़्त-ए-शहादत आया
उन के ग़ुलामों से न उलझो, ये दुनिया में फैल गए
गुस्ताख़ों को ख़त्म किया और अपनी जाँ पर खेल गए
जानों का नज़राना ले कर मक़्तल मक़्तल जाएँगे
हुरमत-ए-आक़ा पर, ऐ उजागर ! सूली पर चढ़ जाएँगे
लब्बैक ! लब्बैक ! लब्बैक या रसूलल्लाह !
लब्बैक ! लब्बैक ! लब्बैक या रसूलल्लाह !
शायर: |
अल्लामा निसार अली उजागर |
ना’त-ख़्वाँ: |
हाफ़िज़ ताहिर क़ादरी |
अमजद साबरी |
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ہم سر پہ کفن باندھے میدان میں نکلے ہیں
باطل کے محلوں کو ہم ڈھانے نکلے ہیں
ہمّت ہے ہمیں ٹوکو دم ہے تو ہمیں روکو
ہم نعرے رسالت کو پہلانے نکلے ہیں
ہر دیس میں گنجے گا اب یا رسول اللہ
ہرشخص پکارے گا اب یا رسول اللہ
ہم ساری دنیا میں ہلچل سی مچادینگے
سرکار کے عاشق ہے رنگ اپنا جمادیں گے
میلاد نبی کرنا یہ خون میں شامل ہے
اس مشن کی خاطر ہم دن رات لگا دینگے
سرکار کی نعتوں سے پور جوش ہے دیوانے
میلاد کی محفل میں ماحول بنادینگے
کیوں کرنا منائیں ہم یہ سنی شخافت ہے
میلاد منانے پر سرکار جگا دینگے
سودا نہ کرینگے ہم ایمان نہ بیچینگے
ناموس رسالت پر دنیا کو ہلادیں گے
ہر نسل کا نارا ہے ہر قوم کا نارا ہے
اس نعرے سے لوگوں کو آپس میں ملادیں گے
اسلام جو مذہب ہے پیغام محبت ہے
اس امن کے پرچم کو ہر گھر میں جگا دینگے
سرکار کی عزت پر مرنا ہے ہمیں لوگوں
یہ وعدہ ہمارا ہے سب کچھ ہی لٹا دینگے
ہم نے یہی ٹھانی ہے منت یہی مانی ہے
اس دیش کی مٹی پر خون اپنا بہادیں گے
ہے آل نبی پیار اشہاب ستاراں ہیں
دونو کی محبت کو ہم دل میں بسادیں گے
آئے ہیں اجاگر سنگ امجد و طاہر بھی
پیغام نبی دینگے احکام خدا دینگے