Syed Ne Karbala Main Waday Nibha Diye Hain Naat Lyrics
Syed Ne Karbala Main Waday Nibha Diye Hain Naat Lyrics
Syed Ne Karbala Main Waday Nibha Diye Hain
Deene Muhammadi Ke Gulshan Khila Diye Hai
Bole Hussain Maula, Teri Raza Ki Khaatir
Ek Ek Kar Ke Maine Heere Loota Diye Hai
Syed Ne Karbala Main Waday Nibha Diye Hain
Deene Muhammadi Ke Gulshan Khila Diye Hai
Deene Nabi Pe Waari, Akbar Ne Bhi Jawaani
Abbas Ne Bhi Apne Baazu Kataa Diye Hai.
Syed Ne Karbala Main Waday Nibha Diye Hain
Deene Muhammadi Ke Gulshan Khila Diye Hai
Zainab Ke Baagh Mein Bhi Do Phool Te Mehekte
Zainab Ne Wo Bhi Dono Raahe Khuda Diye Hai.
Syed Ne Karbala Main Waday Nibha Diye Hain
Deene Muhammadi Ke Gulshan Khila Diye Hai
Bakhshish Hai Unki Laazim, Sayyed Ke Gham Mein Hafiz
Do Chaar Aansoo Ro Kar Jis Ne Baha Diye Hai.
Syed Ne Karbala Main Waday Nibha Diye Hain
Deene Muhammadi Ke Gulshan Khila Diye Hai
*_🔖पोस्ट न.0⃣8⃣_*
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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*
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*🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ🌹*
*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*
*🥀इमाम की जनाब में कुफियो की दरख्वास्ते;3🥀*
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*“`अगर्चे अकाबिर सहाबए किराम हज़रते इब्ने अब्बास व हज़रते इब्ने उमर व हज़रते जाबिर व हज़रते अबू सईद व हज़रते अबू वाक़ीद लैषी ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻬﻢ वग़ैरहु हज़रते इमामे हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की इस राय से मुत्तफ़िक़ न थे और इन्हें कुफियो के अहद व मवाषिक का ऐतिबार न था, इमाम की महब्बत और शहादते इमाम की शोहरत इन सब के दिलो में इख्तिलाज पैदा कर रही थी, गोकि ये यक़ीन करने की भी कोई वजह न थी की शहादत का येही वक़्त है और इसी सफर में ये मरहला दरपेश होगा लेकिन अन्देशा मानेअ था। हज़रते इमामे हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के सामने मसअले की ये सूरत दरपेश थी की इस दस्तिदआ को रोकने के लिये उज़्रे शरई क्या है।*“`
*“`इधर ऐसे जलिलुल क़द्र सहाबा के शदीद इसरार का लिहाज़, उधर अहले कूफा की इस्तिदआ रद न फरमाने के लिये कोई शरई उज़्र न होना हज़रते इमाम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के लिये निहायत पेचीदा मसअला था जिस का हल ब जुज़ इस के कुछ नज़र न आया की पहले हज़रते इमाम मुस्लिम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ को भेजा जाए अगर कुफियो ने बद अहदी व बे वफाई की तो उज़्रे शरई मिल जाएगा और अगर वो अपने अहद पर क़ाइम रहे तो सहाबा को तसल्ली दी जा सकेगी।*“`
_*सवानहे कर्बला, 📚117*_
*_🔖पोस्ट न.0⃣9⃣_*
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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*
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*🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*
*_💞शहादत के वाक़ीआत💞_*
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*_🌷कूफा को हज़रते मुस्लिम की रवानगी_* 1⃣
*“`हज़रते मुस्लिम बिन अक़ील ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ को कूफा रवाना फ़रमाया और अहले कूफा को तहरीर फ़रमाया की तुम्हारी इस्तिदआ पर हम हज़रते मुस्लिम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ को रवाना करते है इन की नुसरत व हिमायत तुम पर लाज़िम है।*“`
*“`हज़रते मुस्लिम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के दो फ़रज़न्द मुहम्मद और इब्राहिम जो अपने बाप के बहुत प्यारे बेटे थे इस सफर में अपने पिदरे मुशफ़िक़ के हमराह हुए।*“`
*“`हज़रते मुस्लिम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने कूफा पहुच कर मुख्तार बिन अबी उबैद के मकान पर क़याम फ़रमाया आप की तशरीफ़ आवरी की खबर सुन कर जुक जुक मख्लूक़ आप की ज़ियारत को आई और 12000 से ज़्यादा तादाद ने आप के दस्ते मुबारक पर हज़रते इमामे हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की बैअत की।*“`
*सवानहे कर्बला, 📚118*
*_🔖पोस्ट न.🔟_*
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*🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*
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*🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_⚔सवानहे कर्बला⚔_*
*_💞शहादत के वाक़ीआत💞_*
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*_🌷कूफा को हज़रते मुस्लिम की रवानगी_* 2⃣
*“`हज़रते मुस्लिम बिन अक़ील ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने अहले इराक़ की गिरविदगी व अक़ीदत देख कर हज़रते इमाम हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की जनाब में अरिज़ा लिखा जिस मे यहा के हालात की इत्तिला दी और इलतिमास की, की ज़रूरत है की हज़रत जल्द तशरीफ़ लाए ताकि बन्दगाने खुदा, नापाक के शर से महफूज़ रहे और दिने हक़ की ताईद हो, मुसलमान इमामे हक़ की बैअत से मुशर्रफ व फ़ैज़याब हो सके।*“`
*“`अहले कूफा का ये जोश देख कर हज़रते नोमान बिन बशीर सहाबी ने जो उस ज़माने में हुकूमते शाम की जानिब से कूफा के गवर्नर थे। अहले कूफा को मुत्तलअ किया की ये बैअत यज़ीद की मर्ज़ी के खिलाफ है और वो इस पर बहुत भड़केगा लेकिन इतनी इत्तला दे कर ज़ाबिते की कार्रवाई पूरी कर के हज़रते नोमान बिन बशीर खामोश हो बेठे और इस मुआमले में किसी किस्म की दस्त अंदाज़ी न की।*“`
*“`मुस्लिम बिन यज़ीद हज़्रमि और अम्मार बिन वलीद बिन उक़बा ने यज़ीद को इत्तला दी की हज़रते मुस्लिम बिन अक़ील तशरीफ़ लाए है और अहले कूफा में इन की महब्बत व अक़ीदत का जोश दम बदम बढ़ रहा है। हज़ारहा आदमी इन के हाथ पर इमाम हुसैन की बैअत कर चुके है और नोमान बिन बशीर ने अब तक कोई कार्रवाई उन के खिलाफ नही की न इनसीदादी तदाबिर अमल में लाए।*“`
*“`यज़ीद ने ये इत्तला पते ही मोमान बिन बशीर को माज़ूल किया और उबैदुल्लाह बिन यज़ीद को जो उसकी तरफ से बसरा का गवर्नर था उन का क़ाइम मक़ाम किया।*“`
_*सवानहे कर्बला, 📚119*_
🔖पोस्ट न.1⃣1⃣
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🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜
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🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
⚔सवानहे कर्बला⚔
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*_💞शहादत के वाक़ीआत💞_*
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*_🌷कूफा को हज़रते मुस्लिम की रवानगी_* 3⃣
*इब्ने ज़ोयाद गवर्नर हाउस में दाखिल हो गया उस वक़्त कुफि ये समझे की ये हज़रते इमाम हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ न थे बल्कि इब्ने ज़ियाद इस फरेब कारी के साथ आया और उन्हें हसरत व मायूसी हुई।*
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*“`रात गुज़ार कर इब्ने ज़ियाद सुब्ह को अहले कूफा को जमा किया और हुकूमत का परवाना पढ़ कर इन्हें सुनाया और यज़ीद की मुखालिफत से डराया धमकाया, तरह तरह के हिलो से हज़रते मुस्लिम की जमाअत को मुन्तशिर कर दिया।*“`
*हज़रते मुस्लिम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने हानि बिन उर्वा के मकान में इक़ामत फ़रमाई। इब्ने ज़ियाद ने मुहम्मद बिन अशअष को एक दस्ता फौज के साथ हानि के मकान पर भेज कर उस को गितफ्तार करा मंगाया और कैद कर लिया, कूफा के तमाम रऊसा व अमाइद को भी किल्ले में नज़र बंद कर लिया।*
*हज़रते मुस्लिम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ये खबर पा कर बर आमद हुए और आपने अपने मुतवस्सिलिन को आवाज़ दी, लोग आने शुरू हो गए 40000 की जमाअत हो गई, सूरत बन गई थी हमला करने की देर थी।*
बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻧﺸﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ
सवानहे कर्बला, 121📚
🔖पोस्ट न.1⃣2⃣
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🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜
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🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
⚔सवानहे कर्बला⚔
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*_🗡🗡शहादत के वाक़ीआत🗡🗡_*
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*_🌷कूफा को हज़रते मुस्लिम की रवानगी_* 4⃣
*अगर मुस्लिम बिन अक़ील ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ हमला करने का हुक्म देते तो उसी वक़्त किल्ला फ़त्ह पाता और इब्ने ज़ियाद और उस के हमराही हज़रते मुस्लिम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के हाथ में गिरफ्तार होते और येही लश्कर सैलाब की तरह उमड़ कर शामियो को ताख्त व ताराज कर डालता और यज़ीद को जान बचाने के लिये कोई राह न मिलती।*
*नकाशा तो यही जमा था मगर बन्दों का सोचा क्या होता है। हज़रते मुस्लिम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने किल्ले का इहाता तो लार लिया और बा वुजूद ये की कुफियो की बदअहदी और इब्ने ज़ियाद की फरेबकारी और यज़ीद की अदावत पुरे तौर पर षाबित हो चुकी थी। फिर भी आप ने अपने लश्कर को हमले का हुक्म न दिया और एक बादशाह दाद गुस्तर के नायब की हेशिय्यत से आपने इन्तिज़ार फ़रमाया की पहले गुफ्तगू से कतए हुज्जत कर लिया जाए और सुलह की सूरत पैदा हो सके तो मुसलमानो में खून रेज़ी न होने दी जाए।*
*आप अपने इस पाक इरादे से इंतज़ार में रहे और अपनी एहतियात को हाथ से जाने न दिया, दुश्मन ने इस वक्फे से फायदा उठाया और कूफा के रऊसा व अमाइद जिन को इब्ने ज़ियाद ने पहले से किल्ले में बंद कर रखा था इन्हें मजबूर किया की वो अपने रिश्तेदारो और ज़ेरे अशर लोगो को मजबूर कर के हज़रते मुस्लिम की जमाअत से अलाहिदा कर दे।*
बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻧﺸﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ
सवानहे कर्बला, 📚122
*_🔖पोस्ट न.1⃣3⃣_*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 *🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜*〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰*🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ**_⚔सवानहे कर्बला⚔_* *_🗡🗡शहादत के वाक़ीआत🗡🗡_**❖┈═┈❖┈═┈┈═┈❖┈═┈❖* *_🌷कूफा को हज़रते मुस्लिम की रवानगी_* 5⃣*“`ये लोग इब्ने ज़ियाद के हाथ में क़ैद थे और जानते थे की अगर इब्ने ज़ियाद को शिकस्त भी हुई तो वो किल्ला फ़त्ह होने तक इन का खातिमा कर देगा। इस खौफ से वो घबरा कर उठे और उन्होंने दीवारे किल्ला पर चढ़ कर अपने मुतअल्लीकीन व मुतवस्सिलिन से गुफ्तगू की और उन्हें हज़रते मुस्लिम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की रफ़ाक़त छोड़ देने पर इन्तिहाई दर्जे का ज़ोर दिया और बताया की इलावा इस बात के की हुकूमत तुम्हारी दुश्मन हो जाएगी यज़ीदे नापाक तुम्हारे बच्चों को क़त्ल कर डालेगा, तुम्हारे माल लुटवा देगा, तुम्हारी जागीर व मकानात ज़ब्त हो जाएगे। ये और मुसीबत है की अगर तुम इमाम मुस्लिम के हाथ रहे तो हम जो इब्ने ज़ियाद के हाथ में क़ैद है किल्ले के अंदर मारे जाएगे, हमारे हाल पर रहम करो, अपने घरो पर चले जाओ।*“`*बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻧﺸﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ,,,✍🏼*_*सवानहे कर्बला, 123📚*_
🔖पोस्ट न.1⃣4⃣
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🌹हज़रते हुसैन ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का पैगाम📜
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🌹 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ
⚔सवानहे कर्बला⚔
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*_🗡🗡शहादत के वाक़ीआत🗡🗡_*
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*_🌷कूफा को हज़रते मुस्लिम की रवानगी_* 5⃣
*ये हिला कामयाब हुवा और हज़रते मुस्लिम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ का लश्कर मुन्तशिर होने लगा यहाँ तक की ता बवक़्ते शाम हज़रते मुस्लिम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ ने मस्जिदे कूफा में जिस वक़्त मगरिब की नमाज़ शुरू की तो आप के साथ 500 आदमी थे और जब आप नमाज़ से फरीक हुए तो आपके साथ एक भी न था। तमन्नाओ के इज़हार और इलतीजाओ के तुमार से जिस अज़ीज़ मेहमान को बुलाया था उस के साथ ये वफ़ा है की वो तन्हा है और इन की रफ़ाक़त के लिये कोई भी मौजूद नही।*
*कूफा वालो ने हज़रते मुस्लिम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ को छोड़ने से पहले गैरत व हमिय्यत से कतए तअल्लुक़ किया और उन्हें ज़रा परवाह न हुई की क़यामत तक तमाम आलम में उनकी बे हिम्मती का शोहरा रहेगा और इस बुज़दिलाना बे मुरव्वती और नामर्दी से वो रुस्वाए आलम होंगे।*
हज़रते मुस्लिम ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ इस गुर्बत व मुसाफरत में तन्हा रह गए।
बाक़ी अगली पोस्ट में.. ﺍﻧﺸﺎﺀ ﺍﻟﻠﻪ,,,✍🏼
सवानहे कर्बला, 123📚