Yeh Raza Ka Chaman Naat Lyrics

Yeh Raza Ka Chaman Naat Lyrics

 

 

Aaj Ikkhata Hai Daanish Wara Ne Watan
Yaani Ulma Wa Shoraye Fikr Aur Fann
Saahibane Nazar Haasile Anjuman
Nukta Daan Wa Fasihane Ahle Sunan
Hai Adeebo Khatibe Zubano Sukhan
Yeh Raza Ka Chaman Hai Raza Ka Chaman

Azmate Sidke Siddiqe Akbar Liye
Adle Farooqe Aazam Ka Mazhar Liye
Sabr E Usman Gani Ka Samandar Liye
Kuwate Daste Baazuye Haidar Liye
Nikhate Range Hazrat Hussain O Hassan
Yeh Raza Ka Chaman Hai Raza Ka Chaman

Isme Ajmeri Khwaja Ki Hai Khwajgi
Sayyed Masood Gaazi Ka Gulshan Yahi
Yeh Hai Fulwari Ashraf Jahangir Ki
Rang Wa Buye Bareili Wa Mahrehravi
Ispe Saaya Fagan Panjaye Panjatan
Yeh Raza Ka Chaman Hai Raza Ka Chaman

Dekho Ahmed Raza Kha Ke Neze Ki Maar
Ho Gaya Jisse Aada Ke Seena Me Gaar
Hashmati Sher Beshye Sunnat Ka Waar
Bach Ke Jaane Na Paye Wahabi Shikar
Jubbe Sadrushriya Hai Baatil Shikan
Yeh Raza Ka Chaman Hai Raza Ka Chaman

Iske Raiha Ki Ajmal Mahak Chaar Soo
Iske Akhtar Ki Azhar Manshamas Khoo
Hai Duao Me Masruf Ahle Sanan
Yeh Raza Ka Chaman Hai Raza Ka Chaman

 

 

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ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन /

Ye Raza Ka Chaman Hai Raza Ka Chaman

आज इकट्ठा हैं दानिश-वरान-ए-वतन
या’नी ‘उल्मा-ओ-शो’अरा-ए-फ़िक्र और फ़न
साहिबान-ए-सुख़न, हासिल-ए-अंजुमन
नुक्ता-दान-ओ-फ़सीहान-ए-अहल-ए-सुनन
हैं अदीब-ओ-ख़तीब-ए-ज़ुबान-ओ-सुख़न
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

‘अज़मत-ए-सिद्क़-ए-सिद्दीक़-ए-अकबर लिए
‘अद्ल-ए-फ़ारूक़-ए-आ’ज़म का मज़हर लिए
सब्र-ए-‘उस्माँ ग़नी का समंदर लिए
परतव-ए-दस्त-ओ-बाज़ू-ए-हैदर लिए
निकहत-ए-रंग-ए-हज़रत-हुसैन-ओ-हसन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

इस में अजमेरी ख़्वाजा की है ख़्वाजगी
सय्यद मस’ऊद ग़ाज़ी का गुलशन यही
ये है फुलवारी अशरफ़ जहाँगीर की
रंग-ओ-बू-ए-बरेली-ओ-मारहरवी
इस पे साया-फ़िगन पंजा-ए-पंजतन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

इस में हाजी ‘अली, इस में हाजी मलंग
सारे दरिया, समंदर, पहाड़ इस के संग
शाह मीना की सहबा का जोश-ओ-उमंग
वारिस-ए-पाक का ज़ा’फ़राँ-ज़ार रंग
गुल-ब-दामाँ, गुल-अफ़रोज़, गुल पैरहन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

फ़ज़्ल-ए-हक़ ख़ैराबादी का इस में उसूल
इस के हामी बदायूँ के फ़ज़्ल-ए-रसूल
शाह मारहरवी सय्यद आल-ए-रसूल
कर लिया पीर ने भी रज़ा को क़ुबूल
इस लिए उस पे नाज़ाँ हैं अहल-ए-सुनन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

इस में ‘इल्म-ए-‘अलीमी-न’ईमी सिफ़ात
मेहर-ओ-माह-ए-शरी’अत के दिन और रात
हामीदी, अमजदी, मुस्तफ़ाई हयात
इस में सिमटी हुई बेकराँ काइनात
इस में दश्त-ओ-जबल, बहर-ओ-बर, बाग़-ओ-बन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

मुस्तफ़ा के रज़ा की बहारें लिए
लाला-ओ-गुल महकते लहकते हुए
जगमगाते चराग़ाँ पे नूरी दिए
नूर ही नूर है जिस तरफ़ देखिए
नूर की शम’अ है, नूर की अंजुमन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

इस में सय्यद मुहम्मद किछौछा की शान
मुफ़्ती अब्दुल हफ़ीज़ आगरा की है आन
इस में हाफ़िज़-ए-मिल्लत के मिस्बाहियान
और मुजाहिद-ए-मिल्लत हबीबुर्रहमान
सादगी जिस पे क़ुर्बान हर बाँकपन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

देखो अहमद रज़ा ख़ाँ के नेज़े की मार
पड़ गया जिस से आ’दा के सीने में ग़ार
हश्मती शेर-ए-बेशा-ए-सुन्नत का वार
बच के जाने न पाए वहाबी शिकार
ज़र्ब-ए-सदरूश्शरी’आ है बातिल-शिकन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

इस के रैहाँ की, अजमल ! महक चार-सू
इस के अख़्तर की अज़हर-मिनश्शम्स ख़ू
या इलाही ! सलामत रहे मू-ब-मू
मुफ़्ती-ए-आ’ज़म-ए-हिन्द की आबरू
हैं दु’आओं में मसरूफ़ अहल-ए-सुनन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन
ये रज़ा का चमन है रज़ा का चमन

ना’त-ख़्वाँ:
क़ारी रिज़वान ख़ान
सय्यिद अब्दुल क़ादिर जीलानी मियाँ
सय्यिद अब्दुल वसी रज़वी

 

 

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