हमारी है दु’आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा ! हरा-भरा रहे ये क़ादरी चमन

हमारी है दु’आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा !
हरा-भरा रहे ये क़ादरी चमनहमारी है दु’आ

मैं क़ादरी हूँ, शुक्र है रब्ब-ए-क़दीर का
हाथों में मेरे हाथ है पीरान-ए-पीर का

हमारी है दु’आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा !
हरा-भरा रहे ये क़ादरी चमन

हमारी है दु’आ

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन
दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !

हमारी है दु’आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा !
हरा-भरा रहे ये क़ादरी चमन

हमारी है दु’आ

जिस का कोई नहीं है सहारा, उस के तुम हो सहारा
क़ुर्बां जाऊँ मैं, ए मेरे मीराँ ! है कितना प्यारा सहारा

चलो, ए ‘आशिक़ो ! चल के अब देख लो
खिला है नूर से ये क़ादरी चमन

हमारी है दु’आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा !
हरा-भरा रहे ये क़ादरी चमन

हमारी है दु’आ

तेरे क़दमों में जो मौत आए, वो मौत कितनी हसीं हो !
बख़्शा जाऊँगा रोज़-ए-क़यामत, इतना मुझ को यक़ीं है

तमन्ना है मेरी, हो चादर आप की
ख़ुदा करे, यही बने मेरा कफ़न

हमारी है दु’आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा !
हरा-भरा रहे ये क़ादरी चमन

हमारी है दु’आ


मिले ये नौकरी, करूँ मैं चाकरी
तमन्ना है मेरी, यही मेरी लगन
हमारी है दु’आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा !
हरा-भरा रहे ये क़ादरी चमन

क़ादरी मिल गई मुझ को निस्बत, जाने सारा ज़माना
मुझ को देखे तो दुनिया पुकारे, क़ादरी का दीवाना

ये ज़मीं-आसमाँ, जानता है जहाँ, ये तेरा आस्ताँ

कि चौखट आप की, हो सज्दा-गाह मेरी
तुझ पे क़ुर्बां मेरी जान-ए-मन

हमारी है दु’आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा !
हरा-भरा रहे ये क़ादरी चमन

उन के क़दमों में जो मौत आए, वो मौत कितनी हसीं हो !
बख़्शा जाऊँगा रोज़-ए-क़यामत, इतना मुझ को यक़ीं है

मैं हूँ सग आप का, मेरी सुन लो सदा, है मेरी इल्तिजा

कि आए वक़्त-ए-नज़ा’,यही है मुद्द’आ
कि उन के क़दमों में मुझ को करना दफ़न

हमारी है दु’आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा !
हरा-भरा रहे ये क़ादरी चमन

जिस का कोई नहीं है सहारा, उस के तुम हो सहारा
क़ुर्बां जाऊँ मैं, ए मेरे मीराँ ! है कितना प्यारा सहारा

चलो, ए ‘आशिक़ो ! चल के अब देख लो
खिला है नूर से वो क़ादरी चमन

हमारी है दु’आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा !
हरा-भरा रहे ये क़ादरी चमन

अपनी क़िस्मत पे क़ुर्बान जाऊँ, तेरा दर मिल गया है
रहे चौखट सलामत तुम्हारी, ये हमारी दु’आ है

तू मेरी आरज़ू, तू मेरी जुस्तुजू, है मेरी आरज़ू

तमन्ना है मेरी, हो चादर आप की
ख़ुदा करे, बने यही मेरा कफ़न

हमारी है दु’आ, शह-ए-ग़ौस-उल-वरा !
हरा-भरा रहे ये क़ादरी चमन
मिले ये नौकरी, करूँ मैं चाकरी
तमन्ना है मेरी, यही मेरी लगन

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