Abbas Tere Dar Sa Duniya Main Dar Kaha Lyrics In Urdu

Abbas Tere Dar Sa Duniya Main Dar Kaha Lyrics In Urdu

 

 

ABBAS TERE DAR SA DUNIYA MAI DAR KAHA NAAT LYRICS

Gazi Abbas Gazi Abbas
Gazi Abbas Gazi Abbas

Abbas tere dar sa duniya mai dar kaha
Jukte hai jaha shah bhi tera vo astaan
Abbas tere dar sa duniya mai dar kaha

Tu kamre bani hashim zohra ki dua hai
Saya tere alam ka do jag pe ba khuda hai
Tere alam ko chumne jukta hai asmaan
Abbas tere dar sa duniya mai dar kaha

Shere khuda hai baba shere karbala tu
Tere dar pe jo bhi aaye mushkil kare kusha tu
Tere diye jalata hai is liye jahan
Abbas tere dar sa duniya mai dar kaha

Tu shahenshah hai aqa do jag me teri shahi
Panjtan hai tuj pe nazaa esi vafaa nibhai
Shahid tere alam par panjtan ka ye nishan
Abbas tere dar sa duniya mai dar kaha

ABBAS TERE DAR SA DUNIYA MAI DAR KAHA NAAT LYRICS

عبّاس تیرے در سا دُنیا میں در کہاں
جھکتے ہیں جہاں شاہ بھی تیرا وه آستاں
عبّاس تیرے در سا دُنیا میں در کہاں

تو قمر بنی ہاشم زہرہ کی تو دعا ہے
سایا تیرے علم کا دو جگ پہ با خُدا ہے
تیرے علم کو چومنے جھکتا ہے آسماں
عبّاس تیرے در سا دُنیا میں در کہاں

شیر خُدا ہیں بابا اور شیر کربلا تو
تیرے در پہ جو بھی آئے مُشکِل کرے کشا تو
تیرے دیے جلاتا ہے اس لیے جہاں
عبّاس تیرے در سا دُنیا میں در کہاں

تو شہنشاہ وفا کا دو جگ پہ تیری شاہی
پنجتن ہے تُجھ پہ نازاں ایسی وفا نبھائی
شاہد تیرے علم پر پنجتن کا یہ نشان
عبّاس تیرے در سا دُنیا میں در کہاں
عبّاس تیرے در سا دُنیا میں در کہاں

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شرم و حیا پہ جب بھی میں عنوان لکھوں گا
اپنے قلم سے سیرتِ عثمان ؓ لکھوں گا

ہم زلف وُہ علی ؓ کے، دامادِ مصطفیٰ ؐ ہیں
عثمان ؓ باحیا ہیں، آقا ؐ کے باوفا ہیں

اُنکی مدح میں اپنا میں دیوان لکھوں گا
اپنے قلم سے سیرت عثمان ؓ لکھوں گا

دو نُور والے ہیں وہ اور تیسرے خلیفہ
ہیں ناشرِ قرآں وہ اور مظلومِ مدینہ

عثمان ؓ کے منکر کو میں شیطان لکھوں گا
اہنے قلم سے سیرت عثمان ؓ لکھوں گا

غیروں کی سازشوں سے اپنوں نے ظُلم ڈھائے
وہ جبلِ استقامت پھر بھی نہ لڑکھڑائے

شہادتِ غنی ؓ کی داستان لکھوں گا
اپنے قلم سے سیرتِ عثمان ؓ لکھوں گا

جنت میں ہر اک ساتھی سب انبیاءؑ کے ہوں گے
میرے رفیق و ساتھی عثمان ؓ وہاں پہ ہوں گے

آقا ؐ کا ہر جگہ میں یہ فرمان لکھوں گا
اپنے قلم سے سیرتِ عثمان ؓ لکھوں گا

ہاتھوں میں مصطفیٰ ؐ کے لیے ہاتھ سب صحابہؓ
ہیں کر رہے عزم یہ لے کر رہیں گے بدلہ

اشعر اُنھیں کیلئے بیعتِ رضوان لکھوں گا
اپنے قلم سے سیرتِ عثمان ؓ لکھوں گا

 

मख्ज़्ने जूदो सखा पैकरे हिल्मो हया साहिबे तस्लीमो रिज़ा ज़ाहिदे बे रिया अहले हया का पेशवा पेशवाए अग्निया ताजदारे अतकिया दामादे मुस्तफा महबूबे लम यज़ल आशिके हुस्ने अज़ल कौकबे फलके महब्बत शनावरे बहरे शराफत शहेसवारे मैदाने शराफत वाकिफे रमज़े हक़ीक़त आबरुए दीने मतीन नामूसे इस्लाम कामिलिल हयाई वल ईमान जामिइल क़ुरआन इमामे मज़लूम उस्मान इब्ने अफ्फान रदियल्लाहो तआला अन्हू

अमीरुल मोमिनीन सय्यिदना उस्मान इब्ने अफ्फान रदियल्लाहो अन्हू का नसब इस तरहा है उस्मान बिन अफ्फान बिन अबिल आस बिन बिन उमय्या बिन अब्दे शम्स बिन अब्दे मनाफ़ हुज़ूर अलैहिस्सलाम और हज़रत उस्मान का नसब अब्दे मनाफ़ पे जाकर मिल जाता है

आपकी कुनियत अबू अब्दुल्लाह है और लक़ब ज़ुन्नूरैन और ग़नी हैं

आपकी विलादत वाकिया फील के 6 साल बाद हुई आपका बचपन बहुत पाकीज़ा गुज़रा

हज़रत अबू हुरैरा रवायत करते हैं नबी अलैहिस्सलाम ने फरमाया हर नबी का जन्नत में एक रफ़ीक़ होगा और मेरा रफ़ीक़ उस्मान है ( सुनने इब्ने माजा सफा 11 )

मेरी सारी उम्मत में सबसे ज़्यादा हयादार हज़रत उस्मान बिन अफ्फान हैं ( नुरुल अबसार सफा 71 )

उस्मान बिन अफ्फान दुनियां ओ आख़िरत में मेरा दोस्त है ( सवाइके मुहरिका सफा 109 )

उस्मान ग़नी रदियल्लाहो अन्हू की शफ़ाअत से 70 हज़ार ऐसे लोग जन्नत में बग़ैर हिसाब के दाखिल होंगे जिन पर दोज़ख की आग वाजिब हो चुकी होगी ( सवाइके मुहरिका 108 )

अल्लामा इब्ने ज़ौजी के हवाले से अल्लामा शबलनजी ने लिखा है के हज़रत इमाम हसन से रिवायत है उन्होंने कहा मैं हज़रत उस्मान के वक़्ते दफन मौजूद था उनके खून आलूद कपड़ो में ही उनको दफन कर दिया गया

हज़रत उस्मान की 10 खसलतें जो अल्लाह के यहां महफूज़ हैं

1 आप इस्लाम लाने में 4 नम्बर पर हैं
2 हुज़ूर अलैहिस्सलाम ने एक बाद दीगर बेटी आपके निकाह में दी
3 आपने कभी गाने बजाने की महफ़िल में शिरकत नहीं कि
4 आप कभी लअबो लहब में कभी मशगूल नही हुए
5 आपने कभी बुराई और बदी की तमन्ना नही की
6 आपने हुज़ूर से बैअत होने के बाद अपना सीधा हाँथ शर्म गाह को नही लगाया
7 इस्लाम लाने के बाद आपने हर जुमा को 1 गुलाम आज़ाद किया गरचे उस वक़्त मुम्किन ना हुआ तो बाद में किया
8 आप ज़माना जाहिलियत में और अहदे इस्लाम मे कभी ज़िना के मुरतकिब नही हुए
9 दौरे जिहालत और अहदे इस्लाम मे आपने कभी चोरी नही की
10 रसूले करीम के ज़माने के मुताबिक आपने क़ुरआन जमा किया
( तारीखुल खुल्फा सफा 247 )

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🌹AAJ KI SCHCHI BAAT 🌹

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🌹👉🏻 Logo Ki BaaToN Se Kyo PaResHaaN HoTe Ho LoG To KiSi Ko KucH BHi BoL KaR NiKaL JaaTe HaiN…!

💎 👉🏻 JaB HaaLaT BaDaL Jaaye To Logo Ke BoL BHi BaDaL JaaTe HaiN…!!

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═❥❥• 💚 D̝I̝L̝ K̝I̝ B̝A̝A̝T 💚̝═❥❥

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INSAAN KO ZINDAGI MEIN AESI THOKAR BHI LAGTI HAIN

JO GIRAANE KI BAJAE UTHA DETI HAIN

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☞❦ Aaj Ki Baat ❦☜

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🍃_ Kisi Doosre Ki Tareef Karne se insaan Ka Zarf ( Hausla ) bada hota hai aur Zarf Ka bada hona hi Duniya v Aakhirat me insaan ki Kamyaabi ka Zaamin hai _”

 

🍃_ किसी दूसरे की तारीफ करने से इंसान का ज़र्फ ( हौसला ) बड़ा होता है और ज़र्फ का बड़ा होना ही दुनिया और आखिरत में इंसान की कामयाबी का ज़ामिन है _
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#शानेसखावतउस्मानऐगनी !

#पहली_किश्त

एक सहाबा हुज़ूर अलैहिस्सलाम के पास आय अर्ज़ किया या रसूल अल्लाह मेरी बेटी की शादी है हमारी ममद कीजिये हुज़ूर अलैहिस्सलाम ने सय्य्दना उस्मान ए गनी रदिअल्लाहु तआला अन्हु के पास जाने को कहा !

वो उसमान ऐ गनी रदिअल्लाहु ताआला अन्हु के बारगाह में हाज़िर हुआ और देखा हज़रते उसमान ए गनी अपने खादिम को झिडक रहें नाराज़ हो रहें हैं और फर्मा रहें हैं आज खाने में नमक तुमने ज्यादा डाल दिया थोड़ा कम डालते तो थोड़ा कल के लिए नमक बच जाता वो हैरान हो गया की खादिम को नमक के लिए ज़रा से नाराज़ हो रहें तो मेरी बेटी के निकाह के लिए कैसे मदद करेंगे ,,

वो फिर हुज़ूर अलैहिस्सलाम के पास जाता और अर्ज़ करता आप अलैहिस्सलाम दोबारा उसको सय्य्दना उस्मान ए गनी के पास जाने के लिए इरशाद फरमातें फिर वो हज़रते उस्मान ऐ गनी की बारगाह में हाज़िर होता है और अर्ज़ करता है और देखता फिर उसमान ऐ गनी अपने एक खादिम को झिड़क रहें नाराज़ हो रहें हैं की आज तूने चिराग में तेल ज्यादा डाल दिया कम डालता कल के लिए हो जाता ,,

इधर फरियादी अर्ज़ करता आपसे मुझे रसूल अल्लाह सल्ल्ल्लाहु अलैहि वस्सलम ने भेजा है मेरी बेटी का निकाह है , मुझे माली मदद चाहिए हज़रते उस्मान ऐ गनी कहतें हैं मेरे आक़ा ने भेजा है आओ मेरे साथ और उसको एक दुसरे कमरे में ले जातें हैं ,
वो कमरा पूरा मालो ज़र से भरा है आपने कहा ले जा पूरा आज से ये तेरा है वो हैरान परेशां ये कैसे हुआ नमक पे तेल पे ज्यादा होने से खादिम को अपने झिड़क रहें थें,,

” और मुझे पूरा कमरे में भरा मालो ज़र दिए दे रहें ,,

उस्मान ऐ गनी ने उस साइल के आँखों में उभरता हुआ सवाल देख लिया फरमाते में जो नमक पे तेल पे झिड़क रहा था , और आज तुझे सब दे रहा हूँ ,
याद रख दुनिया ये कहती है ये उस्मान ए गनी की दौलत है मेरी अपनी कमाई हुई दौलत है हाँ मैंने कमाई है पर मैंने जबसे हुज़ूरे अकरम सलल्लाहु अलैहि वसल्ल्म का कालिमा पढ़ा है !

अब मेरी दौलत मेरी दौलत ना रही , अब में इस दौलत का मुहाफ़िज़ हूँ ,हिज़ाफ़त करता हूँ ,हिफाज़त करने वाला नौकरी कर रहा होता है , जो किसी के घर में नौकरी करता है अपने ऊपर ज़रुरत से ज्यादा इस्तेमाल करना हराम समझता है,,,,,,

गरचे मेरी दौलत है पर में अपनी जात पे ज्यादा इस्तेमाल नहीं करता ना ज्यादा तेल ना नमक , लोग कहतें हैं उस्मान की दौलत है लेकिन जबसे उम्मती हुआ हूँ मेरी सारी दौलत हुज़ूर मेरे मदीने वाले आक़ा की है अपने ऊपर इस्तेमाल करने में हिचकिचाहट महसूस करता हूँ ,

लेकिन तुझे तो भेजा मालिक ही ने हैं जा ले जा सब कुछ तेरा है ये मेरे आक़ा ने भेजा है जो मन हो ली जा !

हमारी सोच नजरिया तकाज़ा अमल शफकत सखावत हो उस्मान ए गनी जैसा फिर रब्बे कदीर का रहमत यु जागेगा की आपको खूब खूब दौलत से नवाज़े गा ,,,

और मल्टिमीलेनियर एक कामयाब ताज़िर बनना चाहते तो आपको नियत और तकाज़ा उस्मान ए गनी की तरह करनी होगी आप अपने माल को जितना अल्लाह वा रसूल के राह में जितना खिदमते ख़ल्क़ में खर्च करेंगे इस्लामी पढ़ाई मदारिस इस्लामी इंस्टीटूट में करेंगे ,
,उतना ही अल्लाह आपको उस्मान ए गनी का सदका देगा और आप एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन बन सकतें हैं  !

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