Abr E Karam Gesoo E Muhammad Lyrics in Urdu

Abr E Karam Gesoo E Muhammad Lyrics in Urdu

ابرِ کرم گیسوئے محمد
دونوں حرم آبروئے محمد

سب کی نظر ہے سوئے کعبہ
کعبہ تکے ہے روئے محمد

کعبے کو کسنے بنایا قبلہ
کعبے کا کعبہ روئے محمد

سجدئے سر ہے سوئے کعبہ
سجدئے دل ہے سوئے محمد

سارے چمن میں کس کی خوشبو
خوشبو ہے خوشبوئے محمد

کس کی چمک ہے پیکر غل میں
غل میں کھلا ہے روئے محمد

دھارے چلے ہر انگلی سے اُنکی
دیکھو وہ نکلی جوئے محمد

سب سے انوکھا موئے محمد
سب سے نرالی کوئے محمد

زندہ ہے واللہ زندہ ہے واللہ
جان دو عالم روئے محمد

بھینی بھینی خوشبو لہکی
کھل گئے جب گیسوئے محمد

یہ راہ مہکی وہ راہ مہکی
کھل گئے جب گیسوئے محمد

اختر خستہ چل دے جناں کو
باغِ جناں ہے کوئے محمد

 

 

🕋☪ इद के दिन की नमाज ☪🕋

-:🍃 चाश्त की नमाज़ का तरीक़ा🍃:-

👉🏿करोना वायरस के चलते हुए लाकडाउन चल रहा है इसलिए मस्जिद या ईदगाह में भीड़ भाड़ इकट्ठा करने की हुकूमत की तरफ़ से इजाज़त नहीं, इसलिए हुकूमत की तरफ़ से जितने लोगों की इजाज़त मिली है उतने लोग ही नमाज़े ईद पढ़ लेंगे नमाज़े ईद उस मस्जिद में पढ़ें या फिर ईदगाह में जाकर पढ़ें दोनों सूरतों में नमाज़े ईद की अदाइगी हो जायेगी, लेकिन अफ़ज़ल ये है कि ईदगाह में जाकर ईद की नमाज़ पढ़ें और बाकी लोग अपने अपने घर पर नमाज़े ईद की जगह, 4 रकाअत चाश्त की नमाज़ पढ़ें कियोंकि घर पर ईद की नमाज़ नहीं हो सकती,चाश्त की नमाज़ कम से कम 2 रकाअत है और ज़्यादा से ज़्यादा बारह ( 12 ) रकाअतें हैं, अफ़ज़ल है कि 4 रकाअत की नियत करें यानि चार चार पढ़ें, नमाज़े ईद का वक्त सूरज तुलू होने से यानि सूरज निकलने के 20 मिन्ट के बाद से शुरू होता है इस से पहले ईद की नमाज़ अदा नहीं की जा सकती है और यही वक्त चाश्त की नमाज़ का भी है।

❤नमाज़े चाश्त मुस्तहब है कम से कम दो और ज़्यादा से ज़्यादा बारह रकाअतें हैं और अफ़ज़ल 12 हैं।

🌻(फतावा हिन्दिया जिल्द 1 सफह 112)🌻
🌻(बहारे शरीयत जिल्द 1 हिस्सा 4 सफह 675)🌻

🌹ह़दीस में है कि जिस ने चाश्त की बारह रकाअतें पढ़ीं अल्लाह तआला उसके लिए जन्नत में सोने का मह़ल बनायेगा।

🌻(जामे तिर्मिज़ी जिल्द 2 सफह 17 हदीस 472)🌻
🌻(बहारे शरीयत जिल्द 1 हिस्सा 4 सफह 676)🌻

👉🏿नमाज़े चाश्त का वक्त: सूरज निकलने के 20 मिन्ट बाद पढ़ें लेकिन ईद के दिन नमाज़े ईद के पहले पढ़ना मकरुह है।

🌻(दुर्रे मुख़्तार मा शामी जिल्द 3 सफह 50)🌻
🌻(बहारे शरीयत जिल्द 1 हिस्सा 4)🌻

🌹चाश्त नमाज़ की नियत इस तरह करें👇🏿

👉🏿नीयत की मैंने चार रकाअत नमाज़े चाश्त की नफ्ल अल्लाह तआला के वास्ते मुंह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ अल्लाहु अकबर….

👉🏿तकबीरे तहरीमा यानि अल्लाहु अकबर कहकर नियत बांध लेंगे।

👉🏿फिर पहली रकाअत में सना पढ़ेंगे फिर अऊज़ुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह पूरा पढ़ें फिर – सूरह फ़ातिहा-और कोई एक सूरह पढ़ेंगे फिर – रूकुअ और दो सजदा करेंगे।

👉🏿दूसरी रक़ात👇

👉🏿’सूरह फ़ातिहा’ पढ़ेंगे और फिर कोई एक सूरह पढ़ेंगे फिर रूकुअ-और दो सजदा करेंगे।

👉🏿फिर क़ाइदा में यानि 2 रकाअत पर जो बैठते हैं उस में ‘अत्तहिय्यात’ और ‘दुरूद शरीफ़’ – दुआ (रब्बना आतिना पूरा पढ़ेंगे

👉🏿तीसरी रकाअत

👉🏿फिर तीसरी रक़ात के लिए जब खड़े होंगे तो सना भी पढ़ेंगे और फिर सूरह फ़ातिहा फिर कोई एक सूरह पढ़ेंगे और फिर रूकुअ – दो सजदा करेंगे।

👉🏿चौथी रक़ाअत👇🏿

👉🏿सूरह फ़ातिहा फिर कोई एक सूरह पढ़ेंगे फिर रुकूअ और दो सजदा करेंगे, फिर क़ाइदे आखीरा में अत्तहिय्यात – दुरूद शरीफ़ – दुआ (रब्बना आतिना पूरा पढ़ कर सलाम फेर देंगे।

✅नमाज़ पूरी हुई।

👉🏿ख्याल रखें दूसरी रक़ात में जब क़ाइदा करें तो अत्तहिय्यात के बाद दुरूद शरीफ और दुआ भी पढ़ना है फिर तीसरी रक़ात के लिए जब खड़े हों तो पहले ‘सना’ पढ़ना हैं।

👉🏿नमाज़ से फारिग होने के बाद

👉🏿34 बार
“अल्लाहु अकबर” पढ़ें

👉🏿ज़िक्रो अज़कार करने के बाद दूरूद शरीफ़ पढ़ कर फ़ातिहा पढ़ें और तमाम मुसलमानों के लिए दुआ करें बिल ख़ुसूस मुल्क की बेहतरी के लिए करोना वायरस का खातिमा के लिए दुआ करें।

👉🏿चाश्त की नमाज़ मर्द औरत बच्चे बूढ़े सब पढ़ सकते हैं और यह नमाज़ तन्हा तन्हा पढ़ेंगे यही बेहतर है, लेकिन अगर इमाम के अलावा 2 या तीन मर्द हैं और जमाअत से पढ़ दी गई तो भी कोई ह़रज नहीं और अगर चार या चार से ज़्यादा लोग हैं तो फिर मकरुह होगी-,नफ्ल नमाज़ बेहतर है कि तन्हा तन्हा ही पढ़े।

✍🏿संकलन :रुहानी जंत्री (जामनगर)

 

कुर्बानी

जो भी जानवर को हलाल करें वह पूरी तरह से करें छुरी और किसी
के हाथ में न दे,

मैंने काफी बार देखा है कुर्बानी के वक़्त हाफिज़ साहब पहले जानवर की गर्दन और छुरी फिराते हैं उसके बाद छुरी कसाई के हाथ जाती है फिर वो ज़िब्ह करते हैं उतनी देर में जानवर कितनी तकलीफ से गुजरता होगा
अक्सर देखा गया है जानवर ज़िब्ह करने के बाद कसाई छुरी जानवर की नली में घुसेड़ कर घुमा देते हैं जिससे उसके दिल की झिल्ली फट जाती है और दिल और दिमाग का राब्ता खत्म हो जाता है जिससे खून गोश्त में ही जब्त हो जाता है उसके बाद कसाई हज़रात जानवर के पैरों की रगें काट देते हैं जिससे जानवर कुछ ही पलों में ठंडा हो जाता है फौरन ही जानवर ठंडा होने से पहले ही उसकी खाल उतारने लगते हैं हर तरफ से जानवर को तकलीफ देना

सही तरीका ये हैं कि जो हज़रात भी ज़िब्ह करें वो पूरी तरह से ज़िब्ह करें और जानवर को मुक्कमल तरह से ठंडा होने पर ही उसकी खाल वैगरह उतारें गोश्त बनाये।

मसला ए कुर्बानी

दूसरे से ज़िब्ह कराया और खुद अपना हाथ भी छुरी पर रख दिया कि दोनों ने मिल कर ज़िब्ह किया तो दोनों पर बिस्मिल्लाह कहना वाज़िब है एक ने भी क़सदन छोड़ दी या ये ख़्याल करके छोड़ दी कि दूसरे ने कहा ली मुझे कहने की क्या जरूरत दोनों सूरतों में जानवर हलाल ना हुआ
(दुर्र ए मुख़्तार)
बहार ए शरीयत हिस्सा 15, सफा 149

 

 

☞❦ Aaj Ki Baat ❦☜

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🍃 _Qurbani Ke Jaanwar Ke Saath Ek Hafta Guzaar Lo To itni Muhabbat Ho Jati Hai k Na Uska Gosht Khaya Jata Hai , Na Usko Zibah Hote Dekha jata hai _”
“__ Salam Ho Hazrat Ibrahim Alaihissalam Ki Himmat Per Jinhone Apni Aulaad Per Chhuri Fairne Ka iraada Kar Liya _Ye Rab se Muhabbat Ki A’ala Misaal hai ,

🍃_ क़ुर्बानी के जानवर के साथ एक हफ्ता गुज़ार लो तो उससे इतनी मोहब्बत हो जाती है कि ना उसका गोश्त खाया जाता है ना उसको जि़बह होते देखा जाता है _,
“_ सलाम हो इब्राहिम अलैहिस्सलाम की हिम्मत पर जिन्होंने अपनी औलाद पर छुरी फैरने का इरादा कर लिया_, यह रब से मुहब्बत की आला मिसाल है ।
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🌹AAJ KI SCHCHI BAAT 🌹

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🌹👉🏻 Koi BHi RisHTa BaDi BaDi BaTeiN KaRNe Se NaHi…!

💎 👉🏻 BaLKe CHHoTi CHHoTi BaToN Ko SaMJHNe Se SaCCHa AuR GeHRa HoTa HaiN …!!

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═❥❥• 💚 D̝I̝L̝ K̝I̝ B̝A̝A̝T 💚̝═❥❥

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DOSTO KE KHILAAF TAAQAT DIKHAANA

AUR DUSHMANO SE BHAAGNA YE BUZDILI HAIN

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