Gungunane Ke Liye Salle Ala Kaafi Hai Naat Lyrics
Dil Bahelne Ko Madine Ki Hawa Kaafi Hai
Gungunane Ke Liye Salle Ala Kaafi Hai
Dilse Zamzam Ka Agar Ek Hi Qatra Pilo
Theek Hone Ke Liye Bas Ye Dawa Kaafi Hai
Bheek Bharat Ki Hukumat Se Bhala Kyu Mangu
Mujhko Sarkar E Do Aalam Ata Kaafi Hai
Pyare Shabbir Se Zainab Ne Kaha Aye Bhai
Dushmano Ke Liye Asgar Hi Mera Kaafi Hai
Kis Liye Gair Ka Ehsan Uthaun Faizi
Mere Haq Me To Meri Maa Ki Dua Kaafi Hai
- Aaqa Le Lo Salaam Ab Hamara Lyrics In Gujarati
- Aaqa Madina Vada Aap Batao Kyare Bolavsho Aaqa Lyrics In Urdu
- Aaqa Madina Vada Aap Batao Kyare Bolavsho Aqa Naat Lyrics
*📑पोस्ट➪0⃣1⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_🌷प्यारे आक़ा का अज़ीम मोजिज़ा🌷_*
_“`💎👉🏽बिअसते नबवी के 12वे साल जब कि *प्यारे आक़ा ﷺ* की उम्र मुबारक 51 साल हो चुकी थी, *अल्लाह ने अपने महबूब ﷺ* को मेराज का अज़ीम मोजिज़ा अता फ़रमाया और आप को रात के एक हिस्से में न सिर्फ मस्जिदे हराम से मस्जिदे अक़्सा की बल्कि सातो आसमानों की भी सैर कराई, इलावा अजीं *अल्लाह ने हबिबे मुकर्रम ﷺ* को अपने अनवारो तजल्लियात के मुशाहदात कराए और अपने दीदार व हम कलामी से भी सरफ़राज़ फ़रमाया।_“`
*_👉🏽मेराज शरीफ का ये वाक़ीआ रजबुल मुरज्जब की 27 तारीख को पेश आया।_*
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*_💔शक़्के सद्र💔_*
*_““💖👉🏽शबे मेराज हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम ने नबीये पाक ﷺ के सिनए पुर सकीना को शक़ फ़रमाया। आप के कल्बे अतहर को बाहर निकाला और ज़मज़म शरीफ से भरे हुवे सोने के एक थाल में रख कर धोया। फिर हिक्मत, ईमान और नूरे नबुव्वत उसमे भरा और सिनए मुबारक में उसे रख कर सुई से सी दिया।_*“`
*🍃👉🏽उलमए किराम फरमाते है कि रसूले करीम की उम्र मुबारक में 4 मर्तबा शक़्के सद्र हुवा और मेराज की रात को पेश आने वाला इन में से चौथा था।*
_1⃣👉🏽पहली मर्तबा आप की विलादते बा सआदत के वक़्त_
_2⃣👉🏽दूसरी बार जब आप की उम्र मुबारक 10 बरस थी_
_3⃣👉🏽तीसरी बार गारे हिरा में क़ुरआने मजीद की पहली वही के मौके पर।_
*_📖हवाला_*
*_📘मेराज के वाक़ीआत, स. 3-4_*
*📑पोस्ट➪0⃣2⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_👑मेराज के दूल्हा की सुवारी👑_*
*👉🏽हज़रते अनस رضي الله تعالي عنه से मरवी है कि हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया :*
_👉🏽मेरे पास बुराक़ (जिसका नाम जारुद था) लाया गया, जो ग़धे से बड़ा और खच्चर से छोटा, इंतिहाई सफेद रंग का लंबे क़द वाला चौपाया था, उस का क़दम नज़र की इन्तिहा पर पड़ता था, में उस पर सुवार हो कर बैतूल मक़दस तक पंहुचा और जिस जगह अम्बियाए किराम अलैहिमुस्सलाम अपनी सुवारियो को बांधते थे, वहा में ने उस को बांध दिया, फिर में मस्जिदे अक़्सा में दाखिल हुवा और उस में दो रकअत नमाज़ अदा की।_
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 4-5_*
*📑पोस्ट➪0⃣3⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_🌹अम्बियाए किराम की इमामत🌹_*
*♻Part~01*
_👉🏽इस नमाज़ में *आप ﷺ तमाम अम्बियाए किराम अलैहिमुस्सलाम के इमाम थे।* क्यू की प्यारे आक़ा की शाने आली के इज़हार के लिये बैतूल मक़दस में तमाम अम्बियाए किराम को जमा किया गया था जब आप यहाँ तशरीफ़ लाए तो इन सब हज़रात ने आप को देख कर खुश आमदीद कहा और नमाज़ के वक़्त सब ने आप को इमामत के लिये आगे किया, फिर जिब्राइल ने दस्ते मुबारक पकड़ कर आगे बढ़ा दिया और आप ने तमाम अम्बियाए किराम की इमामत फ़रमाई।_
*👉🏽हज़रते अल्लामा बुसैरि रहमतुल्लाह अलैह फरमाते है :*
_बैतूल मक़दस में तमाम अम्बिया व रसूल ने आप को आगे किया, जेसे मखदूम अपने खादिमो के आगे होता है।_
_☝🏽सुब्हान अल्लाह क्या खूब नमाज़ है कि *तमाम अम्बिया व रसूल मुक्तदि, हमारे आक़ा ﷺ* इमाम और पहला किब्ला जाए नमाज़ है, यक़ीनन कायनात में ऐसी नमाज़ पहले कभी नहीं हुई, फलक ने ऐसा नज़ारा कभी नहीं देखा। बहर हाल आज शबे आसरा के दूल्हा के अव्वल और आखिर होने का उक़दा भी खुल गया, इस के राज़ से भी पर्दा उठ गया और माना रोज़े रोशन की तरह वाज़ेह हो गए, क्यू की आज आप जो कि सब से आखरी रसूल है, पहले के अम्बिया और रसूलो की इमामत फ़रमा रहे है।_
*इसी राज़ को बयान करते हुए आला हज़रत फरमाते है :*
_नमाज़े अक़्सा में था येही सिर्र, यहाँ हो मानए अव्वल आखिर_
_कि दस्त बस्ता है पीछे हाज़िर, जो सल्तनत आगे कर गए थे_
*✔शेर की वजाहत इन्शा अल्लाह कल की पोस्ट में*
*_🖊हवाला_* *_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 5-6_*
*📑पोस्ट➪0⃣4⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_🌹अम्बियाए किराम की इमामत🌹_*
*♻Part~02*
*👉🏽आला हज़रते के शेर की वज़ाहत :*
_👉🏽शबे मेराज, मस्जिदे अक़्सा में *सय्यिदे अम्बिया ﷺ* ने सारे नबियो की इमामत फ़रमाई और उन को नमाज़ पढ़ाई, इस में राज़ ये था कि अव्वल आखिर का फ़र्क़ वाजेह हो जाए, ये वाज़ेह हो जाए कि सब नबियो के आखिर में तशरीफ़ लाने वाले नबी किसी नबी से शानो अज़मत में कम नहीं बल्कि शानो अज़मत में सब से बढ़ कर है,_
_इसकी दलील ये है कि वो सारे नबी जो पहले अपनी नबुव्वतो का एलान कर चुके वो सारे के सारे हाथ बांध कर मक्के मदीने के ताजवर के पीछे खड़े है।_
_👉🏽नमाज़ के बाद *हुज़ूर ﷺ* ने वहा मौजूद अम्बियाए किराम अलैहिमुस्सलाम से मुलाक़ात फ़रमाई तो सब ने अल्लाह की तारीफ़ व सना बयान की। चुनान्चे_
*👉🏽हज़रते इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया :*
_☝🏽तमाम खुबिया *अल्लाह عزوجل* के लिये जिसने मुझे खलील किया और मुझे मुल्के अज़ीम इनायत फरमाया नीज़ अपना फ़रमा बरदार और लोगो का इमाम बनाया कि मेरी इक़्तिदा की जाए और मुझे आग से बचाया और इसे मेरे लिये ठंडा और सलामती वाला कर दिया।_
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 6-7_*
*📑पोस्ट➪0⃣5⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_🌹अम्बियाए किराम की इमामत🌹_*
*♻Part~03*
*👉🏽इसके बाद हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम खड़े हुवे और अपने रब की तारीफ़ फ़रमाई :*
_☝🏽तमाम खुबिया अल्लाह के लिये है जिस ने मुझे अपना कलीम बनाया और मेरे हाथो फिरऔन को हलाज किया और बनी इसराइल को नजात दी और मेरी उम्मत (के एक गुरौह) को ऐसी क़ौम बनाया कि वो हक़ की राह बताते है और हक़ के साथ इन्साफ करते है।_
*👉🏽फिर हज़रते दाऊद अलैहिस्सलाम ने अल्लाह की तारीफ़ बयान करते हुवे फ़रमाया :*
_☝🏽तमाम खुबिया अल्लाह के लिये है जिस ने मुझे बहुत बड़ी बादशाहत दी और मुझे ज़बूर का इल्म दिया और मेरे हाथ में लोहा नर्म किया और मेरे लिये पहाड़ो और परिन्दों को मुसख्खर किया जो मेरे साथ अल्लाह की पाकी बयान करते है और मुझे हिक्मत और क़ौले फैसल (फैसला करने वाला) अता फरमाया।_
*_✒हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स.7_*
*📑पोस्ट➪0⃣6⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_🌹अम्बियाए किराम की इमामत🌹_*
*♻Part~04*
*👉🏽फिर हज़रते सुलेमान अलैहिस्सलाम ने अल्लाह की तारीफ़ बयान करते हुवे फरमाया :*
_☝🏽तमाम खुबिया अल्लाह के लिये है जिस ने मेरे लिये हवाओ को मुसख्खर किया और जिन्नात को मेरा ताबेअ बना दिया, जो मेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ उचे उचे महल्लात और तस्वीरें और बड़े हौज़ो के बराबर लगन (तशत) और लंगर दार देगे बनाते है।_
_👉🏽इसी तरह मुझे परिन्दों की बोली सिखाई और अपने फ़ज़्ल से मुझे हर चीज़ अता की और अपने बहुत से ईमान वाले बन्दों पर फ़ज़ीलत बख्शी और मुझे ऐसी सल्तनत दी जो मेरे बाद किसी को लाइक न हो और मेरी बादशाहत को ऐसा कर दिया कि इस का कोई हिसाब नहीं।_
*⭕याद रहे हज़रते सुलेमान अलैहिस्सलाम की शरीअत में तस्वीर हराम न थी।*
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 7-8_*
*📑पोस्ट➪0⃣7⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_🌹अम्बियाए किराम की इमामत🌹_*
*♻Part~05*
*👉🏽इसके बाद हज़रते ईसा अलैहिस्सलाम ने अल्लाह तआला की तारीफ़ बयान करते हुवे फरमाया :*
_☝🏽तमाम खुबिया अल्लाह के लिये है, जिसने मुझे अपना कलिमा क़रार दिया और इस बात में मुझे भी आदम अलैहिस्सलाम की तरह किया कि उन्हें मिटटी से बनाया और फ़रमाया “कुन” (होजा) तो वो हो गए_
_👉🏽और मुझे किताब व हिक्मत और तौरेत व इंजील का एल्म अता फरमाया_
_👉🏽और मुझे ये कमाल बख्शा कि में मिटटी से परन्द की सी सूरत बनाता हु, फिर उस में फुक मारता हु तो वो अल्लाह के हुक्म से फौरन परन्द हो जाती है_
_👉🏽और ये कमाल भी दिया कि में शिफ़ा देता हु मादर ज़ाद अंधे और सपेद दाग वाले को और मुर्दे जिलाता हु, अल्लाह के हुक्म से_
_और मुझे (बिगैर मौत के आस्मान पर) उठा लिया और मुझे पाक किया (काफ़िरो से) और मुझे और मेरी माँ को शैतान मर्दुद के शर से पनाह अता फ़रमाई,_
_👉🏽लिहाज़ा हमारे खिलाफ शैतान के लिये कोई रास्ता नहीं।_
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 8_*
*📑पोस्ट➪0⃣8⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_🌹अम्बियाए किराम की इमामत🌹_*
*♻Part~06*
_👉🏽जब सब अम्बियाए किराम अलैहिमुस्सलाम अल्लाह की हम्दो सना और उस की वो नेमते बयान कर चुके जो उन्हें अता हुई थी, *तो नबिय्ये आखिरउज़्ज़मा खड़े हुवे और अल्लाह की हम्दो सना बयान करते हुवे इरशाद फ़रमाया :*_
_👉🏽तमाम खुबिया अल्लाह के लिए है, जिस ने मुझे सारे जहान के लिये रहमत बना कर भेजा और मुझे खुश खबरी सुनाने वाला और डर सुनाने वाला बना कर भेजा और मुझ और कुरआन नाज़िल किया, जिस में हर चीज़ का रोशन बयान है_
_👉🏽और मेरी उम्मत को तमाम उम्मतों से अफज़ल बनाया, मेरी उम्मत ही सब से आखिरी उम्मत है और (जन्नत में दाखिल होने वाली उम्मतों में) ये सबसे पहली उम्मत होगी_
_👉🏽और अल्लाह ने हिदायत व मारिफ़त और इल्मो हिक़मत के लिये मेरा सीना कुशादा किया और उम्मत के हक़ में मेरी शफ़ाअत क़बूल कर के मेरा बोझ उतार दिया और मेरे लिये मेरा ज़िक्र बुलंद कर दिया और मुझे आखरी नबी बना कर भेजा।_
_👉🏽 *नबिय्ये करीम ﷺ* की गुफ्तगू मुकम्मल होने के बाद *हज़रते इब्राहिम अलैहिस्सलाम* ने खड़े हो कर इरशाद फरमाया कि ये वो अज़ीमुश्शान अवसाफ् व कमालात है, जिन की वजह से *👉🏽खातमुन्नबीय्यिन का मर्तबा हम सब से अफज़ल व आला है।*_
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 8-9_*
*📑पोस्ट➪0⃣9⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_🌹अम्बियाए किराम की इमामत🌹_*
*♻Part~07*
_👉🏽 अम्बियाए किराम अलैहिमुस्सलाम से मुलाक़ात के बाद जब *हुज़ूरे अकरम ﷺ* बैतूल मक़दस से आगे आसमानों की तरफ रवाना हुवे तो आप की बारगाह में शराब और दूध का बर्तन पेश किया गया। चुनान्चे *दो जहां के आक़ा ने इरशाद फरमाया :*_
_👉🏽जिब्राइल मेरे पास एक बर्तन में शराब और एक बर्तन में दूध ले कर आए, मेने दूध ले लिया। इस पर हज़रते जिब्राइल ने कहा_
_☝🏽तमाम तारीफे अल्लाह के लिये जिसने फितरत की जानिब आओ की रहनुमाई फ़रमाई, आगत आप शराब का प्याला क़बूल फरमाते तो आप की उम्मत गुमराह हो जाती।_
_*🌴नबिय्ये करीम ﷺ* फरमाते है कि फिर मुझे आस्मान की तरफ ले जाया गया। जिब्राइल ने आसमान का दरवाज़ा खट खटाया। पूछा गया कि आल कौन है ? उन्होंने कहा : में जिब्राइल हु, पूछा गया : आप के साथ कौन है ? उन्होंने कहा : ये *हज़रत मुहम्मद ﷺ* है, पूछा गया : क्या इन्हें बुलाया गया है ? उन्होंने कहा : हा इन्हें बुलाया गया है।_
_*🌴हुज़ूर ﷺ* ने फ़रमाया फिर हमारे लिए दरवाज़ा खोल दिया गया, वहा हज़रते आदम अलैहिस्सलाम से मेरी मुलाक़ात हुई, उन्होंने मुझे मरहबा कहा और दुआ दी।_
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 10-11_*
*📑पोस्ट➪1⃣0⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_🌹फ़िक्रे औलाद में गिर्या व ज़ारी🌹_*
_*🌴हुज़ूर ﷺ* ने *हज़रते आदम अलैहिस्सलाम* के दाए बाए कुछ लोगो को मुलाहज़ा फरमाया, जब आप अपनी दाई जानिब देखते तो हस पड़ते है और जब बाई जानिब देखते तो रो पड़ते है।_
_👉🏽हज़रते जिब्राइल ने अर्ज़ किया : इन के दाई और बाई जानिब जो ये सूरते है ये इनकी औलाद है, दाई जानिब वाली जन्नती है और बाई जानिब वाले जहन्नमी है।_
_👉🏽फरमाया फिर मुझे दूसरे आसमान पर ले जाया गया, जिब्राइल ने दरवाज़ा खट खटाया, पूछा गया आप कौन है ? *कहा: ये हज़रत मुहम्मद ﷺ है,* पूछा : क्या इन्हें बुलाया गया है ? कहा : हा इन्हें बुलाया गया है,_
_*👉🏽हुज़ूर ﷺ* ने फ़रमाया फिर हमारे लिये दरवाज़ा खोल गया और वहा दो खालाज़ाद भाइयो “हज़रते ईसा बिन मरयम और हज़रते याहया बिन ज़करिय्या अलैहिस्सलाम ” से मेरी मुलाक़ात हुई, उन दोनों ने मुझे मरहबा कहा और दुआ दी।_
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स.10_*
*📑पोस्ट➪1⃣1⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
_👉🏽फिर हमें तीसरे आसमान पर ले जाया गया, वहा मेरी मुलाक़ात *हज़रते युसूफ अलैहिस्सलाम* से हुई जिन्हें हुस्न का आधा हिस्सा अता किया गया है। उन्हों ने मुझे मरहबा कहा और दुआ दी।_
_👉🏽फिर चौथे आसमान पर ले जाया गया, वहा मेरी मुलाक़ात *हज़रते इदरीस अलैहिस्सलाम *से हुई उन्हों ने मुझे मरहबा कहा और दुआ दी। अल्लाह ने हज़रते इदरीस के बारे में फ़रमाया हम ने इन का बुलंद मक़ाम अता फरमाया है।_
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 11_*
*📑पोस्ट➪1⃣2⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
_👉🏽फिर मुझे पाचवे आसमान की तरफ ले जाया गया, वहा मेरी मुलाक़ात *हारून अलैहिस्सलाम* से हुई उन्होंने मुझे मरहबा कहा और दुआ दी,_
_👉🏽फिर मुझे छटे आसमान पर ले जाया गया वहा मेरी मुलाक़ात *हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम* से हुई, उन्होंने मुझे खुश आमदीद कहा, और दुआ दी।_
*📨बाकि अगली पोस्ट में…*
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 11_*
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*📑पोस्ट➪1⃣3⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
_👉🏽फिर मुझे सातवे वासमान पे ले जाया गया, वहा मेरी मुलाक़ात *हज़रते इब्राहिम* से हुई, जो बैतूल मामूर से टेक लगाए हुवे थे और उस बैतूल मामूर में हर रोज़ 70 हज़ार फिरिश्ते जाते और जो फिरिश्ता एक बार हो आए उसको दोबारा मौक़ा नहीं मिलता।_
*👉🏽हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम ने हज़रते इब्राहिम अलैहिस्सलाम के बारे में हुज़ूरे अक़दस ﷺ से अर्ज़ किया :* _ये आप के वालिद है, इन्हें सलाम कहिये आप ने सलाम कहा, उन्होंने सलाम का जवाब दिया,_
_फिर आप को खुश आमदीद करते हुवे कहा :सालेह बेटे और सालेह नबी को खुश आमदीद।_
_👉🏽सातवे आस्मां पर *हज़रते इब्राहिम अलैहिस्सलाम* से मुलाक़ात फरमाने के बाद आप *सिदरतुल मुन्तहा* के पास तशरीफ़ लाए। ये एक नूरानी बैरी का दरख्त है, जिस की जड़ छटे आसमान पर और शाखे सातवे आसमान के ऊपर है, इसके फल मक़ामे हिज़्र के मटकों की तरह बड़े बड़े और पत्ते हाथी के कानो की तरह है।_
*👉🏽हज़रते जिब्राइल ने अर्ज़ कीया :* ये *सिदरतुल मुन्तहा* है। _*प्यारे आक़ा ﷺ* ने यहाँ चार नहरे मुलाहज़ा फ़रमाई जो *सिद्रतुल मुन्तहा* की जड़ से निकलती थी, उनमे से दो तो ज़ाहिर थी और दो खुफया (पोशीदा)। आप ने *हज़रते जिब्राइल से दरयाफ़्त फरमाया* : _ऐ जिब्राइल ! ये नहरे केसी है ? अर्ज़ किया : खुफया नहरे तो जन्नत की है और ज़ाहिरी नहरे निल और फुरात है।_
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स.12_*
*📑पोस्ट➪1⃣4⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_🌈मक़ामे मुरतवा🌈_*
_👉🏽जब प्यारे *आक़ा ﷺ* सिद्रतुल मुन्तहा से आगे बढ़े तो हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम वही ठहर गए और आगे जाने से माजिरत ख्वाह हुवे।_
*👉🏽शैख़ अब्दुहक़ मुहद्दिसे दहलवी अलैरहमा* _फरमाते है कि बाज़ रिवायतों में आया है कि *हुज़ूर ﷺ* ने जिब्राइल से फ़रमाया_अगर तुम्हारी कोई हाजत है तो मुझसे अर्ज़ करो, में अल्लाह की बारगाह में पेश कर दूंगा।_
*👉🏽हज़रते जिब्राइल ने अर्ज़ किया :* _बारगाहे इलाही में मेरी ये तमन्ना बयान कर दीजियेगा कि वो रोज़े क़यामत मेरे बाज़ुओं को और भी ज़्यादा कुशादा फ़रमा दे ताकि में आप की उम्मत को अपने बाज़ुओं के ज़रिए पुल सिरात से गुज़ार सकु।_
*👉🏽आला हज़रत अलैरहमा फरमाते है :*
_अहले सिरात रूहे अमीं को खबर न करे_
_जाती है उम्मते नबवी फर्श पर करे_
*👉🏽एक दूसरे मक़ाम पर इस से भी बढ़ कर फ़रमाया :*
_पुल से उतारो राह गुज़र को खबर न हो_
_जिब्राइल पर बिछाए तो पर को खबर न हो_
_👉🏽फिर आप तनहा आगे बढ़े और बुलंदी की तरफ सफर फरमाते हुवे एक मक़ाम पर तशरीफ़ लाए, जिसे *मुस्तवा* कहा जाता है यहाँ आप ने कलमो की चर-चराहट समाअत फ़रमाई। ये वो क़लम थे जिन से फिरिश्ते रोज़ाना के अहकामे इलाहिय्या लिखते है और लोहे महफूज़ से एक साल के वाक़ीआत अलग अलग सहिफो में नक़ल करते है और फिर ये सहिफे शाबान की *15वी शब्* मुतअल्लिक़ हुक्काम फिरिश्तो के हवाले कर दिये जाते है।_
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 13_*
*📑पोस्ट➪1⃣5⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_🌈अर्शे ऊला से भी ऊपर🌈_*
*🌀हिस्सा~01*
_👉🏽फिर मुस्तवा से आगे बढ़े तो अर्श आया, आप इससे भी ऊपर तशरीफ़ लाए और फिर वहा पहुचे जहा खुदा “कहा” और “कब” भी खत्म हो चुके थे, क्यू कि ये अलफ़ाज़ जगह और ज़माने के लिये बोले जाते है और जहा हमारे *हुज़ूर ﷺ* रौनक अफ़रोज़ हुवे वहा जगह थी न ज़माना। इसी वजह से उसे “ला मकां” कहा जाता है।_
_👉🏽मीठे और प्यारे इस्लामी भाइयो ! यहाँ अल्लाह ने अपने *महबूब ﷺ* क़ो क़ुर्बे ख़ास अता फरमाया कि न किसी को मिला न मिले। चुनान्चे *पारह 27 सुरतुन्नज्म की आयत 8-10 में इरशादे खुदावन्दि है :*_
_☝🏾फिर वो जलवा नज़्दीक हुवा फिर खूब उतर आया तो उस जलवे और उस महबूब में दो हाथ का फ़ासिला रहा बल्कि इस से भी कम। अब वही फ़रमाई अपने बन्दे को जो वही फ़रमाई।_
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स.15_*
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*📑पोस्ट➪1⃣6⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_🌈अर्शे ऊला से भी ऊपर🌈_*
*♻हिस्सा~02*
*👉🏽सूरए नज्म की आयत 17 में इरशाद होता है*
_☝🏽आँख न किसी तरफ फिरि न हद से बढ़ी_
_*👉🏽हज़रते इमाम जाफर सादिक़ رضي الله تعالي عنه* ने फ़रमाया कि अल्लाह ने अपने बन्दे को वही फ़रमाई जो वही फ़रमाई ये वही बे वासिता थी कि अल्लाह और अल्लाह और उसके *हबीब ﷺ* के दरमियान कोई वासिता न था और ये *खुदा और रसूल ﷺ* के दरमियान के असरार है जिन पर उन के सिवा किसी को इत्तिला नहीं।_
_👉🏽(राज़ की बातो के इलावा) अल्लाह ने अपने महबूब से इरशाद फ़रमाया कि जिब्राइल की वो हाजत जिस के बारे में तुम से अर्ज़ किया था वो क्या है ? आप ने अर्ज़ किया : ऐ अल्लाह तू उसे खूब जानता है। अल्लाह ने फरमाया : ऐ महबूब ! मेने उस की हाजत क़बूल फ़रमाई लेकिन उन लोगो के हक़ में जो तुम से महब्बत करते, तुम्हे दोस्त रखते और तुम्हारी सोहबत में रहते है।_
*_📕मदारेजुन्नुबुव्वत 1/169_*
*📑पोस्ट➪1⃣7⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_🌈अर्शे ऊला से भी ऊपर🌈_*
*♻हिस्सा~03*
*🌴हुज़ुरे अकरम ﷺ ने फ़रमाया कि* : _अल्लाह ने मुझ पर एक दिन और रात में 50 नमाज़े फ़र्ज़ की, जब में हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम के पास पंहुचा तो उन्होंने कहा : आप के रब ने आप की उम्मत पर क्या फ़र्ज़ किया है ? मेने कहा 50 नमाज़े फ़र्ज़ फ़रमाई है।_
*👉🏽हज़रते मूसा ने कहा* : _अपने रब के पास जा कर कमी का सुवाल कीजिये, क्यूकी आप की उम्मत 50 नमाज़े न पढ़ सकेगी, में बनी इसराइल को आज़मा चूका हु।_
*🌴आक़ा ﷺ ने फ़रमाया* : _में अपने रब के पास लौट कर गया और अर्ज़ की : ऐ मेरे रब मेरी उम्मत पर कुछ कमी फ़रमा, अल्लाह ने 5 नमाज़े कम करदी,_
_👉🏽में मूसा के पास पंहुचा और कहा की 5 नमाज़े कम कर दी है।_
_मूसा ने कहा आप की उम्मत इतनी नमाज़े भी न पढ़ सकेगी जाइये और जा कर मज़ीद कमी का सुवाल कीजिये,_
*📨बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह..*
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स.16_*
*📑पोस्ट➪1⃣8⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_🌈अर्शे ऊला से भी ऊपर🌈_*
*♻हिस्सा~04*
*🌴हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम* _के पास से अल्लाह की बारगाह में जाने आने का सिलसिला जारी रहा (यानी अल्लाह की बारगाह से हर बार नमाज़ों में कुछ कमी हो जाती मगर इस के बा वुजूद हज़रते मूसा मज़ीद कमी करवाने के लिये मुझे दोबारा अल्लाह की बारगाह में भेजते रहे) हत्ता कि जब सिर्फ 5 नमाज़े रह गई_
*☝🏽अल्लाह ने फ़रमाया* :
_ऐ मुहम्मद दिन और रात की ये 5 नमाज़े है और इन में से हर नमाज़ का 10 गुना अज्र मिलेगा लिहाज़ा (अज्रो षवाब के एतबार से) ये 50 नमाज़े हो जाएगी,_
_👉🏽और (मज़ीद फजलो करम ये है कि) जो शख्स नेक काम की निय्यत करे फिर वो नेक काम न कर पाए तो उसके लिये (सिर्फ अच्छी निय्यत की वजह से) एक नेकी लिख दी जाएगी और अगर वो उस नेकी को कर गुज़रे तो 10 नेकिया लिखी जाएगी_
_👉🏽और जो शख्स बुरे काम का क़स्द करे और वो बुरा काम न करे तो उस के नामए आमाल में (बुरी निय्यत के ज़ुर्म में) कोई गुनाह नहीं लिखा जाएगा। अलबत्ता अगर वो बुरा काम कर लेगा तो अब उस की एक बुराई लिखी जाएगी।_
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स.17_*
*📑पोस्ट➪1⃣9⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*_🌈अर्शे ऊला से भी ऊपर🌈_*
*♻हिस्सा~05*
*🌴हुज़ूर ﷺ* _ने फ़रमाया इसके बाद में हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम के पास पंहुचा और उन को इन अहकाम की खबर दी तो उन्होंने अब की बार भी येही कहा कि अपने रब के पास जा कर मजीद तख़फ़ीफ़ का सुवाल कीजिये, हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया : में ने हज़रते मूसा से कहा कि (नमाज़ों में कमी करवाने के लिये) में इतनी मर्तबा अपने रब की बारगाह में जा चूका हु कि अब (इस कम के लिये जाने में) मुझे हया आती है।_
_👉🏽कुरआन में 15वे पारे में सूरए इसराइल की पहली आयत में अल्लाह ने अपने महबूब ﷺ के इस सफ़रे मेराज के इब्तिदाई हिस्से का तज़किरा करते हुए फ़रमाया :_
_☝🏽पाकी है उसे जो रातो रात अपने बन्दे को ले गया मस्जिदे हराम से मस्जिदे अक़्सा तक।_
_👉🏽याद रहे कि *हमारे प्यारे आक़ा ﷺ* का सफ़रे मेराज मस्जिदे हराम से शुरू हो कर मस्जिदे अक़्सा पर खत्म नहीं हुवा था बल्कि कुरआनो हदिष से साबित है कि हुज़ूर ने मेराज शरीफ की रात न सिर्फ सातो अस्मानो की सैर फ़रमाई बल्कि इस से भी वराउल वरा (बहुत आगे) जहां तक अल्लाह ने चाहा तशरीफ़ ले गए।_
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 18_*
*📑पोस्ट➪2⃣0⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_🌈अर्शे ऊला से भी ऊपर🌈_*
*♻हिस्सा~06*
*👉🏽आला हज़रत अलैरहमा फरमाते है*: _जब हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम को दौलते कलाम अता हुई, हमारे नबी ﷺ को वैसी ही शबे असरा मिली और क़ुर्बे खुदावन्दि की ज़्यादती और चश्मे सर से दीदारे इलाही। और भला कहा कोहे तुर जिस पर हज़रते मूसा से मुनाजात हुई और कहा अर्श से भी ऊपर जहा हमारे नबी ﷺ से कलाम हुवा।_
_👉🏽मजीद फरमाते है कि नबी ﷺ ने अपने जिसमे पाक के साथ बेदारी में मेराज की रात आसमानों पर तरक़्क़ी फ़रमाई, फिर सिद्रतुल मुन्तहा, फिर मक़ामे मुस्तवा, फिर अर्श व रफ-रफ व दीदारे इलाही तक।_
*_📒फतावा रज़विय्या, 30/646_*
_👉🏽अलबत्ता आयते मुबारका में जिस हिस्सए मेराज का बयान किया गया सिर्फ वोही हिस्सा भी ब ज़ाते खुद निहायत ही हैरत अंगेज़ मोजिज़ा है, क्यू की मस्जिदे हराम और मस्जिदे अक़्सा के दरमियान अच्छा खासा फ़ासिला था, लिहाज़ा किसी आम शख्स का मस्जिदे अक़्सा तक जाना और फिर रातो रत वापस भी आ जाना तो बहुत दूर की बात है एक रात में सिर्फ यक तरफा फ़ासिला तै करना भी मुम्किन न था।_
_👉🏽जैसा कि साहिबे रुहुल बयान हज़रते अल्लामा इस्माइल हक़्क़ी अलैरहमा फरमाते है : अक़्सा तक का ज़िक्र इस वजह से किया गया कि उस ज़माने में मस्जिदे अक़्सा से दूर कोई और मस्जिद न थी, मक्कए मुकर्रमा से सब से ज़्यादा दूर येही मस्जिद थी, मस्जिदे हराम व मस्जिदे अक़्सा के दरमियान एक महीने से भी ज़्यादा मसाफत का फ़ासिला था।_
*📔रुहुम बयान, पारा,15*
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 19_*
*📑पोस्ट➪2⃣1⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_🌹जिब्राइले अमिन के नज़्दीक सिद्दीक़🌹_*
*👉��हज़रते अबू हुरैरा رضي الله تعالي عنه से रिवायत है कि जब अल्लाह के महबूब ﷺ ने मेराज की रात जिब्राइल से इरशाद फ़रमाया :*
_👉🏽ऐ जिब्राइल ! मेरी क़ौम मुझ पर तोहमत लगाएगी और वो मेरी तस्दीक़ नहीं करेगी।_
*👉🏽जिब्राइल ने अर्ज़ की :* _अगर आप की क़ौम आप पर तोहमत लगाएगी तो क्या हुआ ? अबू बक्र तो आप की तस्दीक़ करेंगे क्यूकी वो तो सिद्दीक़ है !_
_👉🏽चुनान्चे ऐसा ही हुवा कि जब शबे मेराज की सुबह हतिमे काबा के पास खड़े हो कर हमारे आक़ा ﷺ ने लोगो के सामने इस सुहानीइराज का ज़िक्र किया तो अहले ईमान का ईमान तो और मजबूत हो गया मगर मुनाफ़िक़ीन व मुशरिकीन के तो गोया पाउ तले से ज़मीन निकल गई कि एक रात में इतना तवील सफर कैसे तै कर लिया।_
*👉🏽चुनान्चे मुशरिकीन दौड़ते हुवे हज़रते सिद्दिक رضي الله تعالي عنه के पास पहुचे..*
*_📨बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह_*
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, 19_*
*📑पोस्ट➪2⃣2⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*👉🏽मुशरिकीन अबू बक्र सिद्दीक़ رضي الله تعالي عنه* _के पास पहुचे और कहने लगे क्या आप इस बात की तस्दीक़ कर सकते है जो आप के दोस्त ने कही है कि उन्हों ने रातो रात मस्जिदे हराम से मस्जिदे अक़्सा की सैर की ?_
*👉🏽आप ने फ़रमाया : क्या आप ﷺ ने वाक़ई ये बयान फ़रमाया है ?*
_लोगो ने कहा जी हा।_
_*👉🏽आप ने ये इरशाद फ़रमाया : अगर आप ﷺ* ने ये इरशाद फ़रमाया है तो यक़ीनन सच फ़रमाया है।_
_लोगो ने कहा क्या आप इस हैरान कुन बात की भी तस्दीक़ करते है कि वो आज रात बैतूल मक़सद गए और सुबह होने से पहले वापस भी आ गए ?_
_*👉🏽आप ने फ़रमाया : जी हा ! में तो हुज़ूर ﷺ* की आसमानी खबरों की भी सुबहो शाम तस्दीक़ करता हु। यक़ीनन वो तो इससे भी ज़्यादा हैरान कुन और तअज्जुब वाली बाते होती है।_
*👉🏽पस इस वाकिए के बाद आप सिद्दीक़ मशहूर हो गए।*
_📨बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह_
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 20_*
*📑पोस्ट➪2⃣3⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
_👉🏽बाज़ बद बातिन लोगो ने आप के इस अज़ीम मोजिज़े को झुटलाने के लिये तरह तरह के सुवालात करना शुरू कर दिये। जैसा कि,_
_👉🏽हदीशे पाक में है अल्लाह के महबूब ﷺ ने इरशाद फ़रमाया : कुरैश मुझसे मेरे सफ़रे मेराज के मुतअल्लिक़ सुवालात कर रहे थे। तो उन्होंने मुझ से बैतूल मक़दस की ऐसी चीज़ों के मुतअल्लिक़ सुवालात किये, जिन्हें (गैर ज़रूरी होने की वजह से) मेने याद न रखा था। मुझे इस बात से इस क़दर गम हुवा कि इससे पहले में कभी इतना गमगीन न हुवा था, तो अल्लाह ने बैतूल मक़दस को मेरी खातिर उठा लिया और में उसे देखने लगा, लिहाज़ा कुरैश मुझसे जिस जिस चीज़ के बारे में पूछते गए, में उन्हें बताता गया।_
*📨बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह*
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, 21_*
*📑पोस्ट➪2⃣4⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
_👉🏽मुफ़्ती अहमद यार खान मुशरिकीन मक्का के उन सुवालात के बारे में फरमाते है : वो सुवालात भी फ़ुज़ूल थे। मसलन ये कि बैतूल मक़दस में सुतून कितने है ? सीढिया कितनी है ? ज़ाहिर है की ये चीज़े तो बार बार देखने पर भी याद नहीं रहती तो एक बार देखने पर याद कैसे रहती ?_
_👉🏽कुफ़्फ़ार ने कहा की अर्श व कुरसी की बाते जो आप बयान कर रहे है, उनकी तो हम को खबर नहीं, बैतूल मक़दस हमने देखा हुवा है, वहा की निशानिया आप हम को बताए,_
_👉🏽इसी लिए रब ने इस मेराज के दो हिस्से किये (एक मस्जिदे हराम) बैतूल मक़दस तक, फिर दूसरा वहा से अर्श के आगे तक, ताकि लोग इस पहले हिस्सए मेराज को बहुत दलाइल से मालुम कर ले। (लिहाज़ा जब बैतूल मक़दस की कैफिय्यत पुछि गई तो) नबी को कुछ तरद्दुद हुवा, क्यू की अगर्चे आप बैतूल मक़दस में दाखिल हुवे थे लेकिन आप ने इस की केफिय्यत के मुतालिक़ गहरी नज़र नहीं फ़रमाई थी, मजीद बर आ वो रात भी तारिक थी।_
_👉🏽अल्लाह ने हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम को हुक्म फ़रमाया तो उन्होंने अपने परो पर बैतूल मक़दस को उठा लिया और मक्कए मुकर्रमा में हज़रते अक़ील رضي الله تعالي عنه के घर के पास रख दिया, आप ﷺ उसे देखते जाते और उन के सुवालो के जवाबात देते जाते।_
_👉🏽याद रहे कि बैतूल मक़दस को उठा कर आप की खिदमत में हाज़िर किया जाना आप ﷺ का मोजिज़ा है, जिस तरह बिल्किस का तख्त (उठा कर दरबार में हाज़िर किया जाना) हज़रते सुलेमान अलैहिस्सलाम का मोजिज़ा है।_
*📨बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह*
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज जे वाक़ीआत, स.21_*
*📑पोस्ट➪2⃣5⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
_👉🏽बहर हाल प्यारे आक़ा ﷺ ने जब बैतूल मक़दस के बारे में मुशरिकीने मक्का की तरफ से पूछे गए तमाम सुवालात के जवाबात अता फ़रमा दिये तो चुकि वो तो हुज़ूर ﷺ के इस अज़ीम मोजिज़े पर ईमान लाने के बजाए इसे अक़्ल की कसोटी पर परख रहे थे बल्कि अपने बुग्ज़ो इनाद की जगह से इस अज़ीमुश्शान मोजिज़े को झुटा साबित करने पर कमरबस्ता थे,_
_👉🏽लिहाज़ा बैतूल मक़्दस की निशानिया पूछने और इस पर मुह की खाने के बा वुजूद भी अपनी हटधर्मी से बाज़ न आए और इम्तिहान की गरज़ से उस क़ाफ़िले के बारे में सुवाल करने लगे जो मक्कए मुकर्रमा से तिजारत की गरज़ से शाम की जानिब गया था।_
_👉🏽चुनान्चे आप ने उन्हें बताया कि वो क़ाफ़िला मक्का शरीफ और शाम के दरमियान फुला जगह पर मिला था, उसमे इतनी तादाद में पैदल आदमी है और इतने ऊंट है।_
_उन्होंने फिर आप से सुवाल किया कि वो शाम से वापसी पर किस दिन मक्कए मुकर्रमा में दाखिल होगा, तो आप ने फ़रमाया की बुध के दिन इस माह की फुला तारीख को, उसके आगे आगे एक खाकिस्तरी रंग का ऊंट होगा जिस के पालयन् के निचे का टाट सियाह होगा और उस पर दो बोरे लदे होंगे,_
*_🌴हुज़ूर ﷺ ने जिस तरह फ़रमाया था बिएनीही उसी तरह हुवा, आप के मोजिज़ात के ज़ुहुर पर मुशरिकीन शर्मिन्दा हो गए लेकिन ईमान न लाए।_*
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स.22_*
*📑पोस्ट➪2⃣6⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_❗शबे मेराज के मुशाहदात❗_*
*♻हिस्सा~01*
_👉🏽शबे मेराज, मुस्तफा ﷺ ने करोड़ो अज़ाइबात मुलाहज़ा फरमाए, जन्नत में तशरीफ़ ले गए, अपने उम्मतियो के जन्नती महल्लात वग़ैरा देखे, जहन्नम को देखा और झन्नमियो के दर्दनाक अज़ाबात भी देखे, फिर इनमे से कुछ अपनी उम्मत की तरगिब् और तरहिब के लिये बयान फ़रमा दिया ताकि उम्मती जहन्नमियो के दर्दनाक अज़ाबात सुन कर एक और अच्छे आमाल के ज़रिए जहन्नम से बचने की तदाबिर करे और जन्नत की न खत्म होने वाली नेमतों का सुन कर उम्मती उन नेमतों को पाने के लिये कोशिश करे।_
_*🌴हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया :* में ने शबे मेराज जन्नत के दरवाज़े पर लिखा हुवा देखा “सदके का षवाब 10 गुना और क़र्ज़ का षवाब 18 गुना है” मोतियो से बने हुवे गुम्बद नुमा आलिशान ख़ैमे मुलाहज़ा फरमाए जो कि आप की उम्मत के इमाम और मुअज़्ज़िनिन के लिये है, चन्द बुलन्दो वाला महल्लात देखे जो कि गुस्सा पिने वालो और मुआफ़ करने वालो के लिये है, रेशम के पर्दो से सजा हुवा एक महल देखा जो हज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ رضي الله تعالي عنه के लिये है, जन्नत की सैर के दौरान हज़रते बिलाल हबशी के क़दमो की आहट सुनी, इस रात जन्नती हूरो ने बारगाहे रिसालत में सलाम पेश किया, एक ऐसे शख्स के पास से गुज़र हुवा जो अर्श के नूर से छुपा हुवा था, ये वो खुश नसीब था कि दुन्या में जिस की ज़बान अल्लाह के ज़िक्र से तर रहती थी, इस का दिल मस्जिद में लगा रहता था, ये कभी अपने वालिदैन को बुरा कहे जाने या उन की बे इज़्ज़ती किये जाने का सबब न बना।_
*📨बाक़ी कल की पोस्ट में..इन्शा अल्लाह*
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स. 23_*
*📑पोस्ट➪2⃣7⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_✅शबे मेराज के मुशाहदात_*
*हिस्सा~02*
_👉🏽नबी ﷺ ने शबे मेराज जो सज़ा के इंतिहाइदर्दनाक अज़ाबात देखे उन में ये भी देखा कि किछ लोगो के जड़बे खोले जा रहे थे, उन का गोश्त काट कर खून के साथ ही उन्ही के मुह में धकेला जा रहा था, ये वो बद नसीब थे जो लोगो की ग़ीबते करते थे, लोगो के एब तलाशते थे,_
_👉🏽कुछ ऐसे मर्द और औरत के क़रीब से आप का गुज़र हुवा जो अपनी छातियो के साथ लटका दिये गए थे, यव एओ बद नसीब थे, जो मुह पर ऐब लगाते थे और पीठ पीछे बुराई करते थे,_
_👉🏽कुछ ऐसे लोगो को भी देखा जिन के पेट मकानों की तरह बड़े बड़े थे और उन के पेट के अन्दर साँप बाहर से नज़र आ रहे थे, ये बद नसीब सूदखोर थे,_
_👉🏽कुछ ऐसे लोगो को भी देखा के सर पथ्थरो से कुचले जा रहे थे वो बद नसीब जिन के सर नमाज़ से बोझल हो जाते थे,_
_👉🏽उम्मत के ख़ुत्बा और कहे पर अमल न करने वालो और क़ुरआन पढ़ कर उस पर अमल न करने वालो को देखा की उन के होट आग की केचियो से मुसलसल काटे जा रहे थे,_
_👉🏽कुछ लोगो को आग की शाखों के साथ लटका हुवा देखा, ये वो बद नसीब थे जो दुन्या में वालिदैन को गालिया देते थे,_
_👉🏽बदकारी करने वाली और फिर अवलाद को क़त्ल करने वाली औरतो को इस हाल में देखा कि उन्हें छातियो और पाउ से लटका दिया गया था।_
_👉🏽यतिमो का माल खाने वालो को इस हाल में देखा कि उनके होट पकड़ कर आग के बड़े बड़े पथ्थर उन के मुह में डाले जा रहे थे और ये पथ्थर उनके निचे से निकल रहे थे_
_👉🏽ज़कात अदा न करने वालो को इस हाल में देखा कि वो चोपायो की तरह जहन्नम के ज़हरीले पौदे और जहन्नम के गर्मा गर्म पथ्थर निगल रहे थे।_
*_🖊हवाला_*
*_📚मेराज के वाक़ीआत, स.24_*
*📑पोस्ट➪2⃣8⃣*
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_*🇨🇨मेराज के वाक़ीआत🇨🇨*_
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*🌷 الصــلوة والسلام عليك يارسول الله ﷺ*
*_✔कर ले तौबा…! ! !_*
_👉🏽मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! कल की पोस्ट में जो अज़ाबात बयान हुए ज़रा गौर कीजिये उन पर और फिर अपनी नातुवानी व कमज़ोरी को देखिये, आह ! हमारी कमज़ोरी का हाल तो ये है कि हल्का सा सर दर्द या बुखार तड़पा कर रख देता है तो फिर आख़िरत के ये दर्दनाक अज़ाब क्यू कर बर्दाश्त किये जा सकते है,_
_👉🏽इस लिये अभी वक़्त है डर जाइये और जो फ़र्ज़ होने के बा वुजूद ज़कात अदा नही करते फौरन से पेशतर इससे तौबा करे और जितने सालो की ज़कात बाक़ी है, हिसाब कर के जल्द अज़ जल्द अदा करदे वरना अगर ये मौका हाथ से निकल गया और तौबा से पहले ही मौत ने आ लिया तो फिर मौक़ा नहीं मिलेगा।_
*_🖊हवाला_* *_📚मेराज के वाक़ीआत, स.25_