Mere Nabi Lajawab He Naat Lyrics
Mere Nabi lajawab he Naat Lyrics
Nabiyon me gulab he
Rashke mahtab he
Rab ka intekhab he
Mera Nabi lajawab heDamad jin ka Shere Khuda Bu Turab he
Barkat, Karam, Shifa ka khazina luab he
Jinke ghulam shaho ki azmat ko mat de
Kya shan unki jinka pasina gulab he
Mera Nabi lajawab he
Yasin o Taha nam he jinke Qur’an me
Ashar ka sunau main unke bayan me
Woh hi he Muzzammil ha Mudassir bhi wohi he
Takat kaha se lau main apni zaban mein
Mere Nabi lajawab he
Shaqqul Qamar ka mojiza qurban jaiye
Toota hua dil jod ne is dar pe aiye
Woh jante he dil me chupe raz humare
Sab milke zara josh me nara lagaiye
Mera Nabi lajawab he
Rizwan kya bayan kare shan tumhari
Khud Sahibe Qur’an kare madha tumhari
Alhamd se wannas talak padhte jaiye
Har nuqtaye Qur’an kahe nat tumhari
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मेरे नबी ला-जवाब हैं | मेरा नबी ला-जवाब है
नबियों में गुलाब हैं, रश्क-ए-माहताब हैं
रब का इंतिख़ाब हैं, मेरे नबी मेरे नबी मेरे नबी
मेरे नबी ला-जवाब हैं, मेरे नबी ला-जवाब हैं
मेरे नबी ला-जवाब हैं, मेरे नबी ला-जवाब हैं
टुकड़े हुए जो चाँद के ज़ीशान हो गए
दुनिया के साइंस-दान भी हैरान हो गए
मेरे नबी ला-जवाब हैं, मेरे नबी ला-जवाब हैं
मेरे नबी ला-जवाब हैं, मेरे नबी ला-जवाब हैं
याक़ूत में, हीरों में, सितारों की चमक में
उस चेहरे के जैसा कोई चेहरा न मिलेगा
दुनिया के किसी कोने में तुम ढूँड लो जा कर
कोई मेरे सरकार के जैसा न मिलेगा
मेरे नबी ला-जवाब हैं, मेरे नबी ला-जवाब हैं
मेरे नबी ला-जवाब हैं, मेरे नबी ला-जवाब हैं
महबूब है क्या सल्ले-‘अला नाम-ए-मुहम्मद
आँखों की ज़िया, दिल की जिला, नाम-ए-मुहम्मद
ये नाम कोई काम बिगड़ने नहीं देता
बिगड़े भी बना देता है ये नाम-ए-मुहम्मद
मेरे नबी ला-जवाब हैं, मेरे नबी ला-जवाब हैं
मेरे नबी ला-जवाब हैं, मेरे नबी ला-जवाब हैं
पुश्त पे उन की मोहर-ए-नबुव्वत
ख़त्म हुई है उन पे रिसालत
हर उम्मत को उन का वसीला
महशर में काम आएगा
क्या है हक़ीक़त मेरे नबी की
कौन समझ ये पाएगा
मेरे नबी ला-जवाब हैं, मेरे नबी ला-जवाब हैं
मेरे नबी ला-जवाब हैं, मेरे नबी ला-जवाब हैं
अर्बाब-ए-नज़र को कोई ऐसा न मिलेगा
बंदे तो मिल ही जाएँगे, आक़ा न मिलेगा
तारीख़ अगर ढूँडेगी सानी-ए-मुहम्मद
सानी तो बड़ी चीज़ है, साया न मिलेगा
मेरे नबी ला-जवाब हैं, मेरे नबी ला-जवाब हैं
मेरे नबी ला-जवाब हैं, मेरे नबी ला-जवाब हैं
रहमत है मुझ पे दोनों जहाँ के इमाम की
तस्बीह पढ़ रहा हूँ मुहम्मद के नाम की
दुनिया की कोई चीज़ नहीं मेरे काम की
मैं भीक माँगता हूँ मुहम्मद के नाम की
मेरे नबी ला-जवाब हैं, मेरे नबी ला-जवाब हैं
मेरे नबी ला-जवाब हैं, मेरे नबी ला-जवाब हैं
नबियों में गुलाब है, रश्क-ए-माहताब है
रब का इंतिख़ाब है, मेरे नबी मेरे नबी मेरे नबी
मेरे नबी ला-जवाब हैं, मेरे नबी ला-जवाब हैं
मेरे नबी ला-जवाब हैं, मेरे नबी ला-जवाब हैं
ना’त-ख़्वाँ:
हाफ़िज़ ताहिर क़ादरी
सय्यिद अर्सलान शाह क़ादरी
नबियों में गुलाब है, रश्क-ए-माहताब है
रब का इंतिख़ाब है, मेरा नबी मेरा नबी मेरा नबी
मेरा नबी ला-जवाब है, मेरा नबी ला-जवाब है
मेरा नबी ला-जवाब है, मेरा नबी ला-जवाब है
दामाद जिन का शेर-ए-ख़ुदा बू-तुराब है
बरकत, करम, शिफ़ा का ख़ज़ीना लु’आब है
जिन के ग़ुलाम शाहों की ‘अज़मत को मात दें
क्या शान उन की जिन का पसीना गुलाब है
मेरा नबी ला-जवाब है, मेरा नबी ला-जवाब है
मेरा नबी ला-जवाब है, मेरा नबी ला-जवाब है
अल्लाहुम्म सल्ले-‘अला सय्यिदिना मुहम्मदिन
अल्लाहुम्म सल्ले-‘अला सय्यिदिना मुहम्मदिन
यासीन-ओ-ताहा नाम हैं जिन के क़ुरआन में
अश’आर क्या सुनाऊँ मैं उन के बयान में
वोही हैं मुज़म्मिल, हाँ मुदस्सिर भी वही हैं
ताक़त कहाँ से लाऊँ मैं अपनी ज़बान में
मेरा नबी ला-जवाब है, मेरा नबी ला-जवाब है
मेरा नबी ला-जवाब है, मेरा नबी ला-जवाब है
नबियों में गुलाब है, रश्क-ए-माहताब है
रब का इंतिख़ाब है, रब का इंतिख़ाब है
ज़ात हुई इंतिख़ाब, वस्फ़ हुए ला-जवाब
नाम हुआ मुस्तफ़ा, तुम पे करोड़ों दुरूद
नबियों में गुलाब है, रश्क-ए-माहताब है
रब का इंतिख़ाब है, मेरा नबी मेरा नबी मेरा नबी
मेरा नबी ला-जवाब है, मेरा नबी ला-जवाब है
मेरा नबी ला-जवाब है, मेरा नबी ला-जवाब है
अल्लाहुम्म सल्ले-‘अला सय्यिदिना मुहम्मदिन
अल्लाहुम्म सल्ले-‘अला सय्यिदिना मुहम्मदिन
शक़्क़ुल-क़मर का मो’जिज़ा क़ुर्बान जाइए
टूटा हुआ दिल जोड़ने इस दर पे आइए
वो जानते हैं दिल में छुपे राज़ हमारे
सब मिल के ज़रा जोश में ना’रा लगाइए
मेरा नबी ला-जवाब है, मेरा नबी ला-जवाब है
मेरा नबी ला-जवाब है, मेरा नबी ला-जवाब है
अल्लाहुम्म सल्ले-‘अला सय्यिदिना मुहम्मदिन
अल्लाहुम्म सल्ले-‘अला सय्यिदिना मुहम्मदिन
रिज़वान क्या बयान करे शान तुम्हारी
ख़ुद साहिब-ए-क़ुरआन करे मद्ह तुम्हारी
अल-हम्द से वन्नास तलक पढ़ते जाइए
हर नुक़्ता-ए-क़ुरआन कहे ना’त तुम्हारी
मेरा नबी ला-जवाब है, मेरा नबी ला-जवाब है
मेरा नबी ला-जवाब है, मेरा नबी ला-जवाब है
ना’त-ख़्वाँ:
क़ारी रिज़वान ख़ान
وہ جس کے لئے محفل کونین سجی ہے
وہ جس کے لئے محفل کونین سجی ہے
فردوس بریں جس کے وسیلے سے بنی ہے
وہ ہاشمی مکّی مدنیُ العربی ہے
وہ میرا نبی ، میرا نبی ، میرا نبی ہے۔
احمد ہے محمد ہے وہی ختم ِ رُسل ہے
مخدوم و مربّی ہے وہی والئ کل ہے
اُس پر ہی نظر سارے زمانے کی لگی ہے
وہ میرا نبی ، میرا نبی ، میرا نبی ہے۔
والشمس ضحٰی چہرہء انور کی جھلک ہے
والیل سجیٰ گیسوئے حضرت کی لچک ہے
عالم کو ضیاء جس کے وسیلے سے ملی ہے
وہ میرا نبی ، میرا نبی ، میرا نبی ہے۔
اللہ کا فرماں الم نشرح لک صدرک
منسوب ہے جس سے ورفعنا لک ذکرک
جس ذات کا قرآن میں بھی ذکر جلی ہے
وہ میرا نبی ، میرا نبی ، میرا نبی ہے۔
مُزّمل و یٰسین و مدّثر و طٰہٰ
کیا کیا نئے القاب سے مولا نے پکارا
کیا شان ہے اس کی کہ جو اُمّی لقبی ہے
وہ میرا نبی ، میرا نبی ، میرا نبی ہے۔
وہ ذات کہ جو مظہر لو لاک لما ہے
جو صاحب ۔۔۔ ۔۔ بہ معراج ہوا ہے
اصرام امامت جسے نبیوں کی ملی ہے
وہ میرا نبی ، میرا نبی ، میرا نبی ہے۔
کس درجہ زمانے میں تھی مظلوم یہ عورت
پھر جس کی بدولت ملی اسے عزت و رفعت
وہ محسن و غم خوار ہمارا ہی نبی ہے
وہ میرا نبی ، میرا نبی ، میرا نبی ہے۔
وہ ا ِن کا نبی ، اُن کا نبی ، سب کا نبی ہے۔۔۔
صل اللہ علیہ وآلہ وسلم۔
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