tasawwur mein kisi ko jalwa farma kar liya maine Lyrics
tasawwur mein kisi ko jalwa farma kar liya maine Lyrics

Tasawwur Mein Kisi Ko Jalwa Farma Kar Liya Maine Lyrics

Tasawwur Mein Kisi Ko Jalwa Farma Kar Liya Maine Lyrics

 

Tasawwur Mein Kisi Ko Jalwa Farma Kar Liya Maine
Padi Taareekh Raaton Mein Ujaala Kar Liya Maine

Jhukakar Apni Gardan Farz Pura Kar Liya Maine
Raza E Yaar Ka Sar Deke Sauda Kar Liya Maine

Muhabbat Aag Hoti Hai Magar Ehsaas Ki Hadd Tak
Jalaaya Iss Kadar Dil Ko Ki Thanda Kar Liya Maine

Wafa Par Tab Sara Bhi Ho Gaya Ankhon Hi Ankhon Mein
Bhari Mehfil Mein Unse Dil Ka Sauda Kar Liya Maine

Mere Kufr E Muhabbat Par Na Kar Tanqeed E Waiz
Koi Toh Baat Dekhi Thi Jo Sajda Kar Liya Maine

Aaj Deewane Ne Apne Haq Mein Achcha Kar Liya
Yaar Ke Nakshe Kadam Pe Aaj Sajda Kar Liya

Kyun Kar Jaawan Kaabe Nu
Mera Sajda Yaar Pyare Nu

Jinka Mazhab Ho Faqat Yaad E Sanam Deed E Sanam
Woh Nahi Jaante Kaafi Yeh Musalmaan Hona

Jabeen E Shauk Jab Ek Baar Peshe Aastan Rakh Di
Qayamat Tak Nahi Uthi Jahan Rakh Di Wahan Rakh Di

Sajda Karna Karam E Yaar Pe Qurbaan Hona
Yun Likha Hai Meri Qismat Mein Musalmaan Hona
Jinka Mazhab Ho Faqat Yaad E Sanam Deed E Sanam
Woh Nahi Jaante Kaafi Yeh Musalmaan Hona

Ham Kaabe Mein Jo Jaate Toh Bhala Kis Liye Jaate
Kaaba Teri Galiyon Mein Jhuka Dekh Liya Hai

Apni Nazar Mein Kuch Nahi Jannat Ki Haqeeqat
Hamne Tera Darbar Shah Dekh Liya Hai

Nahi Maloom Kiske Aasre Pe Dam Nikal Jaata
Yahi Achcha Hua Tujhpe Bharosa Kar Liya Maine

Meri Umare Do Roza Ne Ik Duniya Bana Daali
Zara Si Der Ke Wakfe Mein Kya Kya Kar Liya Maine

Teri Mehfil Se Saaki Tere Mastaane Kahaan Jaate
Jo Chchalke Teri Ankhon Se Wo Paimaane Kahaan Jaate

Ye Tujhse Aashna Duniya Se Beegane Kahan Jaate
Tere Kooche Se Uth Ke Bhi Toh Deewane Kahan Jaate

Main Apne Aansuon Ko Kaise Daaman Mein Chchupa Leta
Jo Palkon Tak Chale Aaye Wo Afsaane Kahan Jaate

Lagi Dil Ki Bujhaane Ke Liye Jalna Hi Padhta Hai
Nahi Toh Shama Ke Nazdeek Parwaane Kahan Jaate

Na Chchora Zafd Ne Daaman Nahi Toh Tere Saudayi
Hujoom E Gham Se Ghabrakar Khuda Jaane Kahan Jaate

Tumhare Naam Se Mansoob Ho Jaate Hain Deewane
Ye Apne Hosh Mein Hote Toh Pehchaane Kahan Jaate

Agar Koi Hareefe Naaz Ke Parde Utha Deta
To Phir Kaaba Kahan Rehta Sanamkhaane Kahan Jaate

Nahi Tha Mustahit Makhbool Rindon Ke Siwa Koi
Na Hote Ham Toh Phir Labrez Paimaane Kahan Jaate

 

 

❣️ रमज़ान के मुताल्लिक़ कुछ हदीसें

✨ रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते है मेरी उम्मत को माहे रमजान में पांच बातें दी गई कि मुझसे पहले किसी नबी को न मिली

☄️ अव्वल:- यह कि जब रमजान की पहली रात होती है अल्लाह तआला उनकी तरफ नज़रे रहमत फरमाता है और जिसकी तरफ नज़रे रहमत फरमायेगा उसे कभी
अज़ाब न करेगा

🏺 दूसरी:- यह कि शाम के वक्त उनके मुंह की बु अल्लाह तआला के नजदीक मुश्क से ज्यादा अच्छी है

📿 तीसरी:- यह कि हर दिन और रात में फरिश्ते उनके लिए इस्तिगफार करते है!

💎 चौथी:- यह कि अल्लाह तआला जन्नत को हुक्म फरमाता है कहता है तैयार हो जा और मेरे बन्दों के लिए मुज़य्यन होजा (सज जा) करीब है कि दुनिया की सख्ती से यहाँ आकर आराम करें!

🕌 पाँचवीं:- यह कि जब आखिर रात होती है तो उन सबकी मगफिरत फरमा देता है। किसी ने अर्ज की क्या वह शबे क़द्र है। फरमाया नहीं क्या तू नहीं देखता कि काम करने वाले काम करते है जब काम से फारिग होते है उस वक्त मजदूरी पाते है।
📚(बहारे शरीअत हिस्सा,5 सफ़ह,71-72)

मिस्वाक पीलू या जैतून या नीम वगैरा कड़वी लकड़ी की हो! मिस्वाक की मोटाई छंगलियां या’नी छोटी उंगली के बराबर हो!एक बालिश्त से ज़ियादा लम्बी न हो वरना उस पर शैतान बैठता है! रेशे नर्म हों कि सख़्त रेशे दांतों और मसूड़ों के दरमियान खुला ( GAP ) का बाइस बनते हैं! मिस्वाक ताज़ा हो तो खूब ( यानी बेहतर ) वरना कुछ देर पानी के गिलास में भिगो कर नर्म कर लीजिये । मुनासिब है कि इस के रेशे रोज़ाना काटते रहिये कि रेशे उस वक़्त तक कार आमद रहते हैं जब तक उन में तल्खी बाकी रहे! दांतों की चौड़ाई में मिस्वाक कीजिये! जब भी मिस्वाक करनी हो कम अज़ कम 3 बार कीजिये! हर बार धो लीजिये मिस्वाक हाथ में इस तरह लीजिये कि छंगलियां या’नी छोटी उंगली उस के नीचे और बीच की 3 उंगलियां ऊपर और अंगूठा सिरे पर हो !पहले सीधी तरफ़ के ऊपर के दांतों पर फिर उल्टी तरफ के ऊपर के दांतों पर फिर सीधी तरफ़ नीचे फिर उल्टी तरफ नीचे मिस्वाक कीजिये! मुठ्ठी बांध कर मिस्वाक करने से बवासीर हो जाने का अन्देशा है! मिस्वाक वुजू की सुन्नते क़ब्लिया है अलबत्ता सुन्नतें मुअक्कदा उसी वक्त है जब कि मुंह में बदबू हो! मिस्वाक जब ख़राब हो जाये तो उसको दफना देना चाहिए!

 

❣️ रमज़ान के मुताल्लिक़ कुछ हदीसें

💫 रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते है तीन शख्स की दुआ रद्द नहीं की जाती रोजादार जिस वक्त इफ्तार करता है और बादशाहे आदिल और मजलूम की दुआ इसको अल्लाह तआला अब्र से ऊपर बलन्द करता है और इसके लिए आसमान के दरवाजे खोले जाते है और रब तआला फरमाता है अपनी इज्जत व जलाल की कसम जरूर तेरी मदद करूँगा अगचे थोड़े जमाने बअद।

💦 हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते है जिसने रमजान का रोजा रखा और उसकी हदों को पहचाना और जिस चीज़ से बचना चाहिए उससे बचा तो जो पहले कर चुका है उसका कफ़्फ़ारा हो गया

☄️ हुजूरे अकरम सल्लल्लाह तआला अलैहि वसल्लम फरमाते है जिसने मक्के में माहे रमजान पाया और रोजा रखा और रात में जितना मयस्सर आया कियाम किया तो अल्लाह तआला उसके लिए और जगह के एक लाख रमजान का सवाब लिखेगा और दिन एक गर्दन आजाद करने का सवाब और हर रोज जिहाद में घोड़े पर सवार कर देने का सवाब और हर दिन में हसना (नेकी और हर रात में हसना लिखेगा।
📚(बहारे शरीअत हिस्सा,5 सफ़ह,71-72)

 

ہر اک لب پر ترانہ ہے میرے قطبِ بنارس کا
گدا سارا زمانا ہے میرے قطبِ بنارس کا

وہاں ہر وقت ہوتی رہتی ہے برسات رحمت کی
جہاں پر آستانہ ہے میرے قطبِ بنارس کا
بظاہر ہند میں رہتے ہیں وہ لیکن جہاں والو!
مدینے میں ٹھکانا ہے میرے قطبِ بنارس کا

کرم قطبِ بنارس ہو کرم قطبِ بنارس ہو
یہی کہتا دوانہ ہے میرے قطبِ بنارس کا

کھلے ہیں پھول بن کے جن کے آنگن میں معین الدین
وہ نورانی گھرانہ ہے میرے قطبِ بنارس کا

💓URS E HAMEEDI 2/3 SHAWWAALUL MUQARRAM COMMING SOON🌹🍃 🔜

🍃Aastana E Hameediya Nooriya Shakkar Talab , Alipur Shareef Banaras🍃🌹

 

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🖋ज़िन्दगी में सब लोग रिश्तेदार या दोस्त बन कर नहीं आते, कुछ लोग “सबक़” बन कर भी आते हैं📋

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