Banda Qadir Ka Bhi Qadir Bhi Hai Abdul Qadir Lyrics In Hindi
बन्दा मिलने को करीबे हजरते कादीर गया
———————————–
बन्दा मिलने को करीबे हजरते कादीर गया
लमआए बातिन में गुमने जल्वये जाहिर गया
तेरी मरजी पा गया सूरज फिरा उलटे कदम
तेरी उंगली उठ गई मह का कलेजा चीर गया
बढ चली तेरी जिया अन्धेर आलम से घटा
खुल गया गेसू तेरा रहमत का बादल घीर गया
बंध गई तेरी हवा सावह में खाक उड़ने लगी
बड चली तेरी जिया आतीश पे पानी फिर गया
तेरी रहमत से सफीयुल्लाह का बेडा पार था
तेरे सदके से नजीयुल्लाह का बजरा तिर गया
तेरी आमद थी कि बेैतुल्लाह मुजरे को झुका
तेरी हैबत थी के हर बुत थर थरा कर गिर गया
मोमिन उन का क्या हुवा अल्लाह उस का हो गया
काफिर उन से क्या फीरा अल्लाह ही से फिर गया
वोह के उस दर का हुवा खुल्के खुदा उस की हुई
वोह कि उस दर से फिरा अल्लाह उस से फिर गया
मुझ को दीवाना बताते हो मैं वोह हुशियार हूं
पाउं जब तौफे हरम में थक गए सर फिर गया
रहमतुल्लील आलमीं आफत मे हुं कैसी करूं
मेरे मौला मैं तो इस दिल से बला मे घीर गया
मे तेरे हाथों के सदके कैसी कंकरियां थीं वोह
जिन से इतने काफिरों का दफअतन मुंह फीर गया
क्यूं जनाबे बू हुरैरा था वोह कैसा जामे शीर
जिस से सत्तर साहिबों का दूध से मुंह फिर गया
वासता प्यारे का ऐसा हो कि जो सुन्नी मरे
यूं न फरमाएं तेरे शाहिद के वोह फाजिर गया
अर्श पर धूमें म्चीं वोह मोमिने सालेह मिला
फर्श से मातम उठे वोह तय्यीबो ताहीर गया
अल्लाह अल्लाह येह उलुव्वे खासे अब्दीय्यत रजा
बन्दा मिलने को करीबे हजरते कादीर गया
ठोकरें खाते फिरोगे उन के दर पर पड रहो
काफ्ला तो ऐ रजा अव्वल गया आखीर गया