sun lo khuda ke waste apne gada ki arz naat lyrics

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Sun lo khuda ke waste apne Gada ki Arz Lyrics
Sun lo khuda ke waste apne Gada ki Arz

 

sun lo khuda kay wastay apnay gada ki arz naat lyrics

Sunni Musalman Mai Sunni Musalman Nat Lyrics

 

Sun Lo Khuda Ke Waste Apne Gada Ki Arz

Ye Arz Hai Huzur Bare Benawa Ki Arz

 

Sarkar Buleenge Sarkar Buleenge

Ghabrao Na Deewano Sarkar Buleenge

 

Hum Masjide Nabwi Ke Dekhenge Minaro Ko

Or Gumbade Khazara Ke Purnur Nazaro Ko

 

Hum Jake Madina Phir Wapas Nahi Aeenge

Ghabrao Na Deewano Sarkar …………………

 

Mil Jeengi Tabire Ik Roz Khwabo Ki

Gir Jeengi Diware Tum Dekhana Raho Ki

 

Phir Roz-Ae Akadas Par Hum Aansu Baheenge

Ghabrao Na Deewano Sarkar …………………

 

Jab Hashr Ke Maidan Mai Ik Hashr Bapa Hoga

Jab Faisla Ummat Ka Karne Ko Khuda Hoga

 

Ummat Ko Shahe Batha Daman Me Chhupeenge

Ghabrao Na Deewano Sarkar …………………

 

Lillaha Muhammad(Saw) Se Roodad Meri Kehna

Ye Puchh Ke Aaka Se Ai Hajiyo Tum Aana

 

‘Ishrat’ Ko Shahe-Batha Kab Aap Buleenge

Ghabrao Na Deewano Sarkar

 

सुन लो, ख़ुदा के वास्ते ! अपने गदा की अर्ज़ / Sun Lo, Khuda Ke Waste ! Apne Gada Ki Arz

 

सुन लो, ख़ुदा के वास्ते ! अपने गदा की अर्ज़
ये अर्ज़ है, हुज़ूर ! बड़े बे-नवा की अर्ज़

सुन लो, ख़ुदा के वास्ते ! अपने गदा की अर्ज़

उन के गदा के दर पे है यूँ बादशाह की अर्ज़
जैसे हो बादशाह के दर पर गदा की अर्ज़

सुन लो, ख़ुदा के वास्ते ! अपने गदा की अर्ज़

आजिज़-नवाज़ियों पे करम है तुला हुआ
वो दिल लगा के सुनते हैं हर बे-नवा की अर्ज़

सुन लो, ख़ुदा के वास्ते ! अपने गदा की अर्ज़

क़ुर्बान ! उन के नाम के, बे उन के नाम के
मक़्बूल हो न ख़ास-ए-जनाब-ए-ख़ुदा की अर्ज़

सुन लो, ख़ुदा के वास्ते ! अपने गदा की अर्ज़

ग़म की घटाएँ छाई हैं मुझ तीरा-बख़्त पर
ए मेहर ! सुन ले ज़र्रा-ए-बे-दस्त-ओ-पा की अर्ज़

सुन लो, ख़ुदा के वास्ते ! अपने गदा की अर्ज़

ए बे-कसों के हामी-ओ-यावर ! सिवा तेरे
किस को ग़रज़ है, कौन सुने मुब्तला की अर्ज़

सुन लो, ख़ुदा के वास्ते ! अपने गदा की अर्ज़

ए कीमिया-ए-दिल ! मैं तेरे दर की ख़ाक हूँ
ख़ाक-ए-दर-ए-हुज़ूर से है कीमिया की अर्ज़

सुन लो, ख़ुदा के वास्ते ! अपने गदा की अर्ज़

उलझन से दूर, नूर से मा’मूर कर मुझे
ए ज़ुल्फ़-ए-पाक ! है ये असीर-ए-बला की अर्ज़

सुन लो, ख़ुदा के वास्ते ! अपने गदा की अर्ज़

दुख में रहे कोई ये गवारा नहीं उन्हें
मक़्बूल क्यूँ न हो दिल-ए-दर्द-आश्ना की अर्ज़ !

सुन लो, ख़ुदा के वास्ते ! अपने गदा की अर्ज़

क्यूँ तूल दूँ, हुज़ूर ! ये दें, ये अता करें
ख़ुद जानते हैं आप मेरे मुद्दआ’ की अर्ज़

सुन लो, ख़ुदा के वास्ते ! अपने गदा की अर्ज़

दामन भरेंगे दौलत-ए-फ़ज़्ल-ए-ख़ुदा से हम
ख़ाली कभी गई है, हसन ! मुस्तफ़ा की अर्ज़ !

सुन लो, ख़ुदा के वास्ते ! अपने गदा की अर्ज़

शायर:
मौलाना हसन रज़ा खान बरेलवी

नात-ख़्वाँ:
ओवैस रज़ा क़ादरी

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