kya mohabbat hai kya nazara hai lyrics
Kya Mmohabbat Hai Kya Nazara Hai Lyrics

Kya Mohabbat Hai Kya Nazara Hai Lyrics | क्या मोहब्बत है, क्या नज़ारा है

Kya Mohabbat Hai Kya Nazara Hai Lyrics

 

Kya Mohabbat Hai Kya Nazara Hai Lyrics
Aake Bhar Lo Bajuo Me, Tumako Hai Kasam
Jan Meree Ja Rahee Sanam – (2)

Aa Ke Bhar Lo Bajuo Me, Tumako Hai Kasam
Jan Meree Ja Rahee Sanam, Hoo Jan Meree Ja Rahee Sanam

Aa Kee Bhar Lo Bajuo Me, Tumako Hai Kasam
Jan Meree Ja Rahee Sanam – (2)

Kya Mohabbat Hai, Kya Najara Hai
Kal Talak Yeh Dil Tha Meraa, Abb Tumhara Hai

Kya Tamanna Hai, Kya Ishara Hai
Hamne Toh Pal Pal Tadap Ke, Pal Gujara Hai – (2)

Dekho Dekho Naa, Abb Karo Naa Mujhpe Yu Sitam
Jan Meree Ja Rahee Sanam, Hoo Jan Meree Ja Rahee Sanam

Aa Kee Bhar Lo Bajuo Me, Tumako Hai Kasam
Jan Meree Ja Rahee Sanam – (2)

Kya Ladakpan Hai, Kya Jawani Hai
Abb Tumhare Nam Saree Jindagani Hai

Kya Hakikat Hai, Kya Kahanee Hai
Samne Mere, Mere Sapno Kee Rani Hai
Hoo Samne Mere, Mere Sapno Kee Rani Hai

Abb Saha Naa -2 Jaye Mujhase, Duree Kaa Yeh Gham
Jan Meree Ja Rahee Sanam, Hoo Jan Meree Ja Rahee Sanam

Aa Ke Bhar Lo Bajuon Me, Tumako Hai Kasam
Jan Meree Ja Rahee Sanam – (3)

 

کیا محبت ہے، کیا نظارہ ہے

 

کیا محبت ہے، کیا نظارہ ہے
آکے بھر لو بازوؤں میں، تمکو ہے قسم
جان میری جا رہی ہے، سنم – (2)

آ کے بھر لو بازوؤں میں، تمکو ہے قسم
جان میری جا رہی ہے، ہو جان میری جا رہی ہے، سنم

آ کے بھر لو بازوؤں میں، تمکو ہے قسم
جان میری جا رہی ہے، سنم – (2)

کیا محبت ہے، کیا نظارہ ہے
کل تلک یہ دل تھا میرا، اب تمہارا ہے

کیا تمنا ہے، کیا اشارہ ہے
ہمنے تو پل پل تڑپ کے، پل گزارا ہے – (2)

دیکھو دیکھو نا، اب کرو نا مجھ پہ یوں ستم
جان میری جا رہی ہے، ہو جان میری جا رہی ہے، سنم

آ کے بھر لو بازوؤں میں، تمکو ہے قسم
جان میری جا رہی ہے، سنم – (2)

کیا لڑکپن ہے، کیا جوانی ہے
اب تمہارے نام ساری جندگانی ہے

کیا حقیقت ہے، کیا کہانی ہے
سامنے میرے، میرے سپنوں کی رانی ہے
ہو سامنے میرے، میرے سپنوں کی رانی ہے

اب سہا نا -2 جائے مجھ سے، دوری کا یہ غم
جان میری جا رہی ہے، ہو جان میری جا رہی ہے، سنم

آ کے بھر لو بازوؤں میں، تمکو ہے قسم
جان میری جا رہی ہے، سنم – (3)

 

 

 

 

क्या मोहब्बत है, क्या नज़ारा है

 

क्या मोहब्बत है, क्या नज़ारा है
आके भर लो बाजुओं में, तुमको है कसम
जान मेरी जा रही सनम – (2)

आ के भर लो बाजुओं में, तुमको है कसम
जान मेरी जा रही सनम, हूँ जान मेरी जा रही सनम

आ की भर लो बाजुओं में, तुमको है कसम
जान मेरी जा रही सनम – (2)

क्या मोहब्बत है, क्या नज़ारा है
कल तलक यह दिल था मेरा, अब तुम्हारा है

क्या तमन्ना है, क्या इशारा है
हमने तो पल पल तड़प के, पल गुज़ारा है – (2)

देखो देखो ना, अब करो ना मुझपे यूँ सितम
जान मेरी जा रही सनम, हूँ जान मेरी जा रही सनम

आ की भर लो बाजुओं में, तुमको है कसम
जान मेरी जा रही सनम – (2)

क्या लड़कपन है, क्या जवानी है
अब तुम्हारे नाम सारी जिन्दगानी है

क्या हक़ीक़त है, क्या कहानी है
सामने मेरे, मेरे सपनों की रानी है
हूँ सामने मेरे, मेरे सपनों की रानी है

अब सहा ना -2 जाए मुझसे, दूरी का ये ग़म
जान मेरी जा रही सनम, हूँ जान मेरी जा रही सनम

आ के भर लो बाजुओं में, तुमको है कसम
जान मेरी जा रही सनम – (3)
“`

 

 

 

 

 

तकब्बुर करने वाला
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🔥तकब्बुर करने वालों का तकब्बुर खाक मे मिला दिया जाएगा।

📚हदीस : रसुलल्लाह (सल्लल्लाहू तआ़ला अलैहि वसल्लम) ने इरशाद फरमाया :

“कयामत के दिन तकब्बुर करने वाले, चिटीयों की तरह आदमियों की सुरत मे उठाया जाएगा। हर तरफ से जिल्लत व रुसवाई उन्हें ढ़ाप देगी, फिर ओ लोग जहन्नम के एक कैद खाने की तरफ ढ़केला जाएगा जिसका नाम बुलस ह उनपर आग छा जाएगी और उन्हे दोजख की पिप पिलाई जाएगी जो सड़ा हुआ बदबुदार किचड़ है.!

📕 जमी अत तिर्मिधी, वो-2, हदीस-379

☝🏻अल्लाहु अकबर..!

✒मुहम्मद अरमान गौस
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अख्लाक में पाकीज़गी
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जो अख्लाक के अंदर सबसे ज्यादा पाकीज़ा होगा

📚हदीस : हजरते जाबीर (रज़ीअल्लाहू तआ़ला अन्हु) ने रिवायत किया है के, रसुलल्लाह (सल्लल्लाहू तआ़ला अलैहि वसल्लम) ने फरमाया :

“क्यामत के दिन तुममे सबसे ज्यादा मेरा महबुब और मुझसे मेरी मजलिस मे करिब तर वह शख्स होगा जो तुममे अख्लाक के अंदर सबसे ज्यादा पाकीज़ा होगा (जिसके अख्लाक बेहतरिन होंगे) और तुममे से ओ लोग मुझे न पसन्द है

और वही क्यामत के दिन मेरी मजलिस से सबसे ज्यादा दुर होंगे जो बहुत बातुनी और चिख चिख कर बातें करते है और साथ ही साथ मुताकब्बीर (तक्कबुर करनेवाला) भी है।

📕 अवारी ऊल मा-आरिफ, सफा-384

✒मुहम्मद अरमान गौस
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बे-शुमार अल्लाह की रहमत
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बे-शुमार अल्लाह की रहमत नेक अमाल करने वालो पर

📚हदीस : हजरते अबु हुरैरा (रज़ीअल्लाहू तआ़ला अन्हु) से रिवायत है की, रसुलल्लाह! (सल्लल्लाहू तआ़ला अलैहि वसल्लम) ने फरमाया :

“जो किसी मुस्लमान की एक दिनी तकलिफ दुर करेगा अल्लाह तआला उसकी क्यामत की मुसीबतो मे से एक मुसीबत दुर करेगा, जो किसी मुस्लमान की पर्दा-पोशी करेगा अल्लाह तआला दुनिया और आखिरत मे उसकी पर्दा-पोशी फरमायेगा।

🕋अल्लाह सुब्हानहु तआला उस बन्दे की मदद मे रहता है जब तक बन्दा अपने भाई की मदद मे होता है,

और जो कोई इल्म की तलब मे कोई रास्ता चले तो अल्लाह सुब्हानहु तआला उसके लिए जन्नत का रास्ता असान फरमा देता है।,

और जब कोई अल्लाह के घर (मस्जीद) मे जमा होकर अल्लाह की किताब (कुरआने पाक) की तिलावत करे और आपस मे अल्लाह की किताब को समझे और समझायें तो फरिश्ते उनको घेर लेते है और उन पर सकीना नजील होने लगता है और रहमत उनको ढ़ाप लेती है और अल्लाह उनका जिक्र अपने पास फरिश्तो मे फरमाता है। और जिसका अमाल उसको पिछे कर दे उसका नसब (खंदान) उसे आगे नही कर सकता है।

📕 सुनन इब्न मजा, वो-1, हदीस-225

✒मुहम्मद अरमान गौस
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